
केंद्र सरकार ने तीसरी बार बढ़ाई वाहन संबन्धी दस्तावेजों की वैधता अवधि
पहले 30 जून, फिर 31 जुलाई और अब 30 सितंबर तक नहीं लगेगा
विलंब शुल्क
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में बढ़ते कोरोना महामारी
के मद्देनजर केंद्र
सरकार ने वाहनों से संबन्धित ऐसे दस्तावेजों की वैधता अवधि को अब 31 जुलाई से विस्तार
देते हुए 30 सितंबर तक कर दिया गया है। मसलन जिन दस्तावेजों की वैधता एक फरवरी या उसके बाद
खत्म होने जा रही है, उनके 30 सितंबर तक विलंब के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क या लेट
फीस नहीं ली जाएगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग
मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन
गडकरी ने निर्देश
मंत्रालय ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को एक परिपत्र जारी किया है,
जिसमें देश में
कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए वाहन मालिकों को यह राहत दी जाए। मंत्रालय के इस संबन्ध
में जारी परिपत्र में कहा गया है कि ऐसे
ड्राइविंग लाइसेंस, फिटनेस, परमिट, पंजीकरण
और अन्य मोटर वाहन दस्तावेज, जिनकी वैधता अवधि एक फरवरी
से समाप्त हो चुकी है या 31 मई अथवा उसके बाद समाप्त होने वाली है की वैधता को 30 सितंबर तक
बढ़ाया जा रहा है। इससे पहले लॉकडाउन के कारण इस वैधता की तिथि 30 जून और फिर 31 जुलाई तक बढ़ाई
गई थी। अब इस अवधि को 30 सितंबर
तक विस्तार देने के निर्णय के लिए केंद्रीय सडक परिवहन मंत्रालय के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों
को भेजे गए एक परामर्श पत्र में स्पष्ट कहा है कि ऐसे दस्तावेजों को 30 सितंबर तक तक वैध माना जाना चाहिए। मंत्रालय
ने देश में लॉकडाउन और सरकारी परिवहन कार्यालयों के बंद रहने के कारण लोगों को विभिन्न
वाहन दस्तावेजों की वैधता के नवीनीकरण में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था और अब कोरोना संक्रमण
का बड़ा खतरा बना हुआ है, इसलिए सुरक्षात्मक दृष्टिकोण पर गौर करते हुए लोगों की सुरक्षा और सुविधा के लिए यह निर्णय लिया गया है। इन दस्तावेजों में फिटनेस, सभी प्रकार के परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस, पंजीकरण या मोटर वाहन नियम
के तहत कई अन्य दस्तावेज शामिल हैं। मंत्रालय ने सभी राज्यों से परामर्श को लागू करने
का अनुरोध किया है, ताकि आवश्यक सेवाओं से जुड़े
लोगों, परिवहन कंपनियों और संगठनों को परेशानी
न हो और उन्हें कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।
जमा कराया गया शुल्क भी वैध
होगा
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने बताया कि इससे पहले केंद्रीय सड़क
मंत्रालय देश में लॉकडाउन के कारण 30 मार्च 2020 को मोटर
वाहन अधिनियम-1988 और केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम-1989 से संबंधित दस्तावेजों की वैधता के विस्तार के संबंध में एक परिपत्र जारी किया था।
जिसमें अब प्रवर्तन
उद्देश्यों के लिए मान्य दस्तावेजों के नवीनीकरण के लिए 30 जून और फिर 31 जुलाई तक विस्तार दिया गया था। अब मंत्रालय के जारी पत्र में
इसी मकसद के लिए 30 सितंबर तक की अवधि के
विस्तार के लिए सलाह जारी की गई है। मंत्रालय ने वाहन मालिकों और ऑटो सेक्टर की परेशानी को देखते
हुए फिर से एक माह का विस्तार करने का फैसला किया है। परिपत्र में यह भी कहा गया
है कि केंद्रीय
मोटर वाहन नियमों के नियम 32 या नियम 81 के तहत इन वाहन दस्तावेजों
के नवीकरण व अन्य प्रमाण पत्र आदि के लिए किसी ने एक फरवरी या उसके बाद शुल्क जमा
भी कर दिया है और लॉकडाउन के कारण अब तक उसकी प्रक्रिया पूरी न हो सकी हो तो ऐसे जमा कराये गये शुल्क को भी वैध माना जाएगा।
क्योंकि
कोरोना संकट में लॉकडाउन और उसके बढ़ते प्रकोप के कारण आरटीओ कार्यालयों में काम
प्रभावित रहा है और वाहन मालिकों को भी विभिन्न प्रकार के वाहन संबन्धी शुल्क जमा
करने में विलंब हुआ है, तो अब 30 सितंबर तक तक किसी प्रकार का विलंब शुल्क लागू
नहीं किया जाएगा।
10June-2020
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