सोमवार, 8 जून 2020

यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं देने में जुटा रेलवे


ट्रेनों के 68,800 कोच को जैव-शौचालययुक्त करने का लक्ष्य पूरा
एक साल में 200 रेलवे स्टेशनों को मिला पर्यावरण प्रमाण पत्र
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
भारतीय रेल के विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस करने की दिशा में कायाकल्प करने के लिए चलाई जा रही अत्याधुनिक परियोजनाओं को अंजाम तक पहुंचाने के लिए रेलवे जुटा हुआ है। रेलवे ने ट्रेनों में 68,800 कोचों को जैव-शौचालययुक्त करने के लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा करते हुए 2.45 लाख 400 जैव शौचालय लगाने का दावा किया है।
रेल मंत्रालय के अनुसार भारतीय रेल दुनिया के सर्वश्रेष्ठ रेल नेटवर्कों में से एक है, जिसमें रेलवे यात्रियों को विश्व स्तर की सुविधाएं प्रदान करने के लिए हर स्तर पर अपनी योजनाओं को अंजाम दे रहा हैरेलवे ने दावा किया है कि वर्ष 2019-20 के दौरान 14,916 रेल कोचों में 49,487 जैव-शौचालय लगाए गए। इसके साथ ही रेलवे ने 68,800 कोचों में 2,45,400 जैव शौचालयों के 100 फीसदी लक्ष्य को भी हासिल कर लिया है। रेलवे के अनुसार 2 अक्टूबर 2019 को 150वीं गांधी जयंती के उपलक्ष्य में सिंगल यूज़ प्लास्टिक के किसी सामान का कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है
स्वच्छता में सर्वश्रेष्ठ रेल मंत्रालय
मंत्रालय के अनुसार 'स्वच्छ कार्य योजनाके कार्यान्वयन के लिए रेल मंत्रालय को किसी केंद्रीय मंत्रालय द्वारा किए गए सर्वश्रेष्ठ प्रयास के लिए राष्ट्रपति द्वारा 06 सितंबर 2019 को सम्मानित किया गया हैइसके अलावा देश में 200 रेलवे स्टेशनों को 2019-20 में पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली का कार्यान्वयन आईएसओ: 14001 तक करने के लिए प्रमाणित किया गया। रेलवे के अनुसार देश में अब एकीकृत मशीनीकृत सफाई का काम 953 स्टेशनों में प्रदान किया जा रहा है। स्वच्छता मानकों पर यात्री धारणा का स्वतंत्र, तीसरे पक्ष का सर्वेक्षण 2019-20 में 720 स्टेशनों पर किया गया, जो पूर्व में 407 स्टेशनों के लिए किया गया था। रेलवे के अनुसार रेलवे स्टेशनों में उत्पन्न प्लास्टिक कचरे को कम करने, पुनर्चक्रण करने और निपटाने के लिए एक पहल के रूप में, ज़ोनल रेलवे द्वारा प्लास्टिक बॉटल क्रशिंग मशीन (पीबीसीएम) की स्थापना के लिए व्यापक नीतिगत दिशा-निर्देशों को लाया गया है। फिलहाल भारतीय रेलवे के कई जिला मुख्यालय रेलवे स्टेशनों सहित 229 स्टेशनों पर लगभग 315 पीबीसीएम लगाई गईं हैं।
550 ट्रेनों में ओबीएचएस सुविधा
मंत्रालय के अनुसार राजधानी, शताब्दी, दूरंतो और अन्य महत्वपूर्ण लंबी दूरी की मेल या एक्सप्रेस रेलगाड़ियों सहित 1100 जोड़ी से अधिक रेलगाड़ियों में यात्रा के दौरान शौचालयों, दरवाजों, गलियारों और यात्री डिब्बों की सफाई के लिए ट्रेन पर हाउस कीपिंग सेवा (ओबीएचएस) की सुविधा मौजूद है। रेलवे अब 'कोच-मित्र' सेवा की मांग पर आधारित एसएमएस द्वारा समर्थित ओबीएचएस सेवा अब 1060 जोड़ी से अधिक ट्रेनों को कवर करेगी। एसी कोच के यात्रियों को दी जाने वाली चद्दरों की धुलाई की गुणवत्ता में सुधार के लिए मशीनीकृत लॉन्ड्री स्थापित की जा रही है। वित्त वर्ष 2019-20 के आवंटन में 68 में से 8 मशीनीकृत लॉन्ड्री स्थापित की जा चुकी हैं वहीं वर्ष 2019-20 के दौरान 20 में से 8 स्थानों पर स्वचालित डिब्बे धोने के संयंत्र (एसीडब्ल्यूपी) के अलावा रेलवे स्टेशनों पर पानी भरने के समय को कम करने के लिए 44 में 29 स्थानों पर त्वरित जल भरने की सुविधा स्थापित की गई है।
06June-2020


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