रविवार, 7 जून 2020

प्रवासियों की घर वापसी के लिए चली 4200 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें

पिछले 34 दिन में 60 लाख से ज्यादा लोगों की हुई घर वापसी
राज्यों ने यात्रियों के अभाव में रद्द की 256 ट्रेनें
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
देशभर में कोरोना संकट के मद्देनजर लॉकडाउन की वजह से जगह-जगह फंसे प्रवासी श्रमिकों समेत लाखों लोगों की घर वापसी के लिए भारतीय रेलवे ने पिछले 34 दिनों में करीब 4200 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई, जिनमें 60 लाख से भी ज्यादा प्रवासी अपने गंतव्य तक पहुंचे हैं।
रेल मंत्रालय के अनुसार गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से जगह-जगह फंसे प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य लोगों की आवाजाही की अनुमति मिलने के बाद भारतीय रेलवे ने एक मई से विशेष श्रमिक ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया था, जिसमें बुधवार यानि 34 दिनों के दौरान चलाई गई करीब 4200 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 60 लाख से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों व अन्य लोगों ने सफर करते हुए अपने घर वापसी की है। भारतीय रेलवे ने इन प्रवासियों को कोरोना बचाव के लिए सभी तरह की सुरक्षात्मक सुविधाओं के साथ निशुल्क यात्रा कराई है और सफर के दौरान उन्हें निशुल्क भोजन व पानी भी मुहैया कराया जा रहा है। रेलवे के अनुसार अब तक संचालित ट्रेनों में से बुधवार दोपहर तक 4119 अपने गंतव्य तक पहुंच चुकी हैं और 81 ट्रेने गंतव्य तक जाने के लिए रेल पटरियों पर दौड रही हैं, जबकि बुधवार को दस ट्रेनें देर रात तक चलाई जानी हैं। रेल मंत्रालय ने यह भी जानकारी दी है कि अब तक चलाई गई करीब चार हजार 200 श्रमिक विशेष ट्रेनों में से यात्रियों के अभाव में मांग के बावजूद कुछ राज्यों ने अब तक 256 ट्रेनों को रद्द किया है। इनमें महाराष्ट्र में सर्वाधिक 105 ट्रेन, गुजरात में 47 ट्रेनें, कर्नाटक में 38 ट्रेनें और उत्तर प्रदेश में 30 ट्रेन रद्द की गई हैं।
यूपी पहुंची सबसे ज्यादा ट्रेनें
रेलवे के अनुसार अब तक संचालित 4155 श्रमिक वेशष रेलगाड़ियों में सबसे ज्यादा 1026 ट्रेने गुजरात से रवाना की गई। शीर्ष पांच राज्यों में इसके बाद महाराष्ट्र से 802 ट्रेनें, पंजाब से 416 ट्रेनें, उत्तर प्रदेश और बिहार से 294-294 ट्रेनों की उत्पत्ति हुई जबकि सबसे ज्यादा 1682 ट्रेने उत्तर प्रदेश पहुंची हैं। जबकि 1495 ट्रेनें बिहार, 197 ट्रेने झारखंड 187 ट्रेने ओडिशा तथा 156 ट्रेनों का सफर पश्चिम बंगाल में समाप्त हुआ है।
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लॉकडाउन में उत्तर रेलवे को हुआ 1885 करोड का नुकसान
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बुधवार को जानकारी दी है कि कोरोना महामारी के कारण लॉकडान के बीच सभी यात्री ट्रेनों के रद्द किये जाने से 31 मई तक 1885 करोड रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। मसलन 31 मई तक यात्रा के लिए बुक हुए आरक्षित टिकटों की पूरी रकम के रूप में उत्तर रेलवे द्वारा 1885 करोड़ रुपये की धनराशि यात्रियों को वापस की जा चुकी है। इस प्रकार रेलवे को लॉकडाउन के कारण ट्रेनों को रद्द करने के कारण हजारों करोड़ों के नुकसान के साथ यात्रियों को वापस की जा रही धनराशि के कारण बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे द्वारा यात्रियों को समय पर बुक टिकटों का रिफंड देने के लिए उन्हें पीआरएस काउंटर पर जाने की असुविधा से दूर रखने की भी रेलवे ने व्यवस्था की है, जिसमें कोरोना बचाव से सुरक्षा को कायम रखा जा सके।
04June-2020

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