शुक्रवार, 12 जून 2020

मध्य प्रदेश में इस साल 26.27 लाख घरों में पहुंचेगा नल से पानी!


‘जल जीवन मिशन’ में केंद्र सरकार ने मंजूर की 1280 करोड़ की राशि
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
मोदी सरकार के वर्ष 2024 तक देश के हरेक ग्रामीण घर में शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की दिशा में चलाए जा रहे ‘जल जीवन मिशन’ के तहत मध्य प्रदेश में मौजूदा वित्तीय वर्ष 2020-21 में 26.27 लाख ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन मुहैया कराने की योजना है। केंद्र सरकार ने इस योजना के कार्यान्वयन के लिए मध्य प्रदेश राज्य में 1280 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार मध्‍य प्रदेश राज्य ने वर्ष 2020-21 के लिए अपनी वार्षिक कार्य योजना जल शक्ति मंत्रालय की अध्‍यक्षता वाली राष्‍ट्रीय समिति के विचार और अनुमोदन के लिए प्रस्तुत की है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 में राज्य में ‘जल जीवन मिशन’ के कार्यान्वयन के लिए 1,280  करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। अव्‍ययित शेष के रूप में 244.95 करोड़ रुपये की राशि और इस वर्ष के केंद्रीय आवंटन तथा राज्‍य के अंश के मिलान के साथ इस वर्ष राज्य के पास 3,093 करोड़ रुपये की राशि उपलब्‍ध होगी। राज्य के लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने वाले ‘जल जीवन मिशन’ के तहत मध्‍य प्रदेश राज्य ने 2023-24 तक  1.21 करोड़ ग्रामीण घरों में 100 प्रतिशत फंक्‍शनल टैप वॉटर कनेक्शन (एफएचटीसी) देने की योजना तैयार की है। इसमें से 13.52 लाख ग्रामीण घरों में पहले ही नल कनेक्शन उपलब्‍ध कराए जा चुके हैं, जबकि मौजूदा वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्‍य की 26.27 लाख घरों में नल कनेक्शन उपलब्‍ध कराने की योजना है। वर्ष 2020-21 के दौरान ग्रामीण घरों के सम्‍पूर्ण कवरेज की योजना बनाते समय पानी के अभाव वाले क्षेत्रों, गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के प्रभुत्‍व वाली बस्तियों, गांवों, महत्‍वाकांक्षी जिलों, सांसद आदर्श ग्रामीण योजना गांवों को प्राथमिकता दी जा रही है। मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन (जेजेएम) का लक्ष्य 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण घर में नियमित और दीर्घकालिक आधार पर निर्धारित गुणवत्ता का पेय जल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना है। यह मिशन बुनियादी ढांचे के सृजन पर नहीं, बल्कि सेवा प्रदान करनेपर फोकस करते हुए कार्यान्वित किया जा रहा है।
गुणवत्ता परीक्षण को प्रोत्साहन
मंत्रालय के अनुसार जल गुणवत्ता से प्रभावित बस्तियों में पीने योग्य पानी की आपूर्ति जेजेएम के तहत सर्वोच्च प्राथमिकता है और राज्य घरेलू नल कनेक्शन और सामुदायिक जल शोधन संयंत्रों का प्रावधान करते हुए ऐसी 395 बस्तियों में पेयजल उपलबध कराने की मंशा रखता है। जल जीवन मिशन के तहत समुदाय को शामिल करने के साथ-साथ अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से जल की गुणवत्ता पर नजर रखने पर जोर दिया जा रहा है अर्थात प्रत्‍येक गांव में 5 व्‍यक्तियों, विशेषकर महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध कराए जा रहे पानी की गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिए स्कूल और कॉलेज के छात्रों को फील्ड टेस्ट किट का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रत्‍येक स्रोत का साल में एक बार भौतिक और रासायनिक मापदंडों के लिए और दो बार बैक्टीरीअलाजिकल संदूषण के लिए परीक्षण करने की आवश्यकता होती है।
ग्राम समितियां करेगी निगरानी
इस मिशन के ग्राम स्तर पर नियोजन के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में जीपी या उनकी उप-समिति यानी ग्राम जल और स्वच्छता समितियों या पानी समितियों का गठन किया गया है, जो मिशन की निगरानी करेंगी वहीं गांवों की ग्राम कार्य योजनाओं के आधार पर जल स्रोतों को मजबूत बनाने, जलभृत पुनर्भरण, अपशिष्‍ट जल प्रबंधन आदि कार्य करने के लिए महात्‍मा गांधी राष्‍ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, 15वें वित्त आयोग के अनुदान से लेकर ग्रामीण स्थानीय निकायों, एसबीएम, सीएएमपीए, जिला खनिज विकास कोष, स्‍थानीय क्षेत्र विकास कोष आदि जैसे विभिन्न स्रोतों से धन जुटाना सुनिश्चित कर रहा है।
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कोरोना संकट में सतर्कता
मंत्रालय के अनुसार सरकार का प्रयास है कि मौजूदा कोरोना महामारी के संकट की परिस्थिति के दौरान ग्रामीण घरों में प्राथमिकता के आधार पर नल कनेक्शन दिये जाएं, ताकि ग्रामीणों को सार्वजनिक स्टैंड-पोस्टों से पानी लाने और लंबी कतार में खड़ा न होना पड़ें। ऐसे समाज के गरीब और हाशिए पर मौजूद लोगों को सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए उन्हें नल कनेक्शन से ही घर में पानी मुहैया कराकर ग्रामीण समुदायों को संक्रमित होने से बचाया जा सकेगा। वहीं इस समय भीषण गर्मी के बीच अपने पैतृक गांवों में लौटे प्रवासी कामगारों के लिए आजीविका उपलब्‍ध कराने पर भी जोर दिया जा रहा है। ये प्रवासी कामगार मूल रूप से कुशल और अर्ध-कुशल हैं, उन्‍हें प्रत्येक गांव में जलापूर्ति, विशेष रूप से प्लंबिंग, फिटिंग, जल संरक्षण कार्य आदि से संबंधित रोजगार हासिल कर सकते हैं, ताकि गांवों में पर्याप्त मात्रा में भू-जल उपलब्धता सुनिश्चित हो सके, जिससे जल सुरक्षा, कृषि के लिए पानी की उपलब्धता के साथ प्रत्‍येक ग्रामीण घर को पीने के पानी की आपूर्ति करने में मदद मिलेगी।

12June-2020

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