रविवार, 21 जून 2020

अगले पांच सालों में भारत बनेगा ई-वाहन निर्माण का हब



जीएसटी घटाने से इलेक्ट्रिक वाहनों को मिलेगा बढ़ावा: गडकरी
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
कोरोना संकट के बाद चीन के साथ कारोबार करने में घटती दुनिया की दिलचस्पी के साथ भारत को कारोबार में बदलाव के अवसर मिलेंगे और अगले पांच साल में भारत इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण केंद्र के रूप में एक हब के रूप में नजर आएगा।
ऐसा विश्वास गुरुवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने इंडियाज इलेक्ट्रिक व्हीकल रोड मैप पोस्ट-कोविड-19’ पर आयोजित हुए एक वेबिनार को संबोधित करते हुए व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में भारत इलेक्ट्रिक वाहनों का विनिर्माण केंद्र (हब) बन जाएगा, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा इस क्षेत्र को हरसंभव रियायतें प्रदान करने की कोशिश की जा रही है, जिसके तहत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी को घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है। गडकरी ने कहा कि उन्हें इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र के मुद्दों की जानकारी है, लेकिन वह पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी होने के साथ ही स्थिति में निश्चित रूप से बदलाव होगा। उन्होंने कहा कि चीन के साथ कारोबार करने में दुनिया ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रही है, जो कि भारतीय उद्योग जगत के लिए कारोबार में बदलाव के अवसर की प्राप्ति का बहुत ही सुनहरा मौका है। गडकरी ने कहा कि पेट्रोलियम ईंधन की उपलब्धता सीमित मात्रा में होने के साथ ही दुनिया को बिजली के वैकल्पिक और सस्ते स्रोतों की तलाश करनी की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक और बायो ईंधन को अपनाने का अच्छा मौका है। उन्होंने आने वाले समय में वाहन स्क्रैपिंग नीति की ओर भी संकेत दिया और कहा कि इससे ऑटो विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा।
लंदन मॉडल बनेगा मील का पत्थर
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सार्वजनिक परिवहन के लंदन मॉडल के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वहां पर निजी और सार्वजनिक निवेश बेहतरीन ढ़ंग से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार के दृष्टिकोण को अपनाने से यह गरीब यात्रियों और नागरिक प्रशासन दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा। उन्होंने आगामी दिल्ली-मुंबई ग्रीन कॉरिडोर पर एक इलेक्ट्रिक राजमार्ग विकसित करने हेतु एक पायलट परियोजना की दिशा में काम करने का भी संकेत दिया। गडकरी ने ऑटो सेक्टर की क्षमताओं पर पूरा भरोसा व्यक्त करते हुए कहा कि इस आर्थिक संकट में निरंतरता और आत्मविश्वास के साथ यह बाजार के अच्छे अवसरों को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने उद्योग जगत से स्वदेशीकरण अपनाने और प्रधानमंत्री के 'आत्म निर्भर भारत अभियान' का समर्थन करने का भी आह्वान किया।
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एनएचएआई तेजी से कर रह है दावों का निपटारा
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार सुलह के माध्यम से दावों के निपटारे में तेजी लाने और अपनी देनदारियों को कम करने के प्रयास में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने तीन स्वतंत्र विशेषज्ञों वाली सुलह समितियों (सीसीआईई) का गठन किया है। इससे सुलह की प्रक्रिया में तेजी आई है। प्रत्येक समिति में तीन सदस्य हैं। इन सुलह समितियों का नेतृत्व न्यायपालिका के सेवानिवृत्त अधिकारी, लोक प्रशासन, वित्त और निजी क्षेत्र के वरिष्ठ विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है। मध्यस्थता अधिनियम 2015 और इसमें किए गए संशोधन 2019 के अनुसार सभी मध्यस्थता विवादों का निपटारा 12 से 18 महीने की अवधि के अंदर किया जाना है। यद्यपि 12 महीने के अंदर दावों के निपटारे की संभावना बहुत कम है, क्योंकि इसमें विभिन्न प्रक्रियाएं शामिल होती हैं। मंत्रालय के अनुसार अब तक कुल 13,349 करोड़ रुपये के दावों के साथ सीसीआईई के पास निपटारे के लिए 108 मामले भेजे गए और जिनका 3,743 करोड़ रुपये की राशि के साथ सफलतापूर्वक निपटारा किया गया है। एनएचएआई द्वारा सभी विवादों को सुलह के माध्यम से सुलझाने के लिए फास्ट ट्रैक प्रणाली पर काम किया जा रहा है। इसके माध्यम से न केवल लंबे समय से चली आ रही मध्यस्थता प्रक्रिया में दोनों पक्षों के लिए कानूनी परेशानियों में कमी आएगी बल्कि मध्यस्थता के मामलों में फंसी हुई राशि को निजी क्षेत्र के पुनरुद्धार में भी लगाया जा सकता है।
19June-2020


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