सोमवार, 29 जून 2020

कोरोना: संकट मोचक की भूमिका में है भारतीय रेलवे!


कोविड ट्रेनों के साथ जारी है पीपीई किट, मास्क व सैनिटाइजर का उत्पादन

जून-जुलाई में 1.50 लाख से ज्यादा पीपीई किट तैयार करने का लक्ष्य
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।  
देश में कोरोना महामारी के खिलाफ चल रही जंग में लगातार सक्रिय भारतीय रेलवे ने जहां लॉकडाउन शुरू होते ही देशभर में आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति की, वहीं तभी से पीपीई किट, मास्क व सैनिटाइजर जैसे चिकित्सीय मदद वाले सामानों का उत्पादन कर रहा है। वहीं लॉकडाउन में फंसे लाखों प्रवासियों की विशेष ट्रेने चलाकर घर वापसी कराई, तो स्थगित की गई यात्री ट्रेनों को कोचों को आईसोलेशन वार्ड में तब्दील करके इस कोरोना महामारी में संकट मोचक की भूमिका में है। 
भारतीय रेलवे अन्य मंत्रालयों और राज्य सरकारों के समन्वय करते हुए कोरोना महामारी से निपटने के लिए चिकित्सा के क्षेत्र में कर्मचारियों और अन्य परिचालन कर्मचारियों को सुरक्षा को सुनिश्चित करने की चुनौती को पूरा करने के लिए लगातार सक्रिय है और अभी भी अपनी सुविधाओं के निर्माण व उन्नयन के लिए समन्वित तरीके से सभी संसाधनों का इस्तेमाल करके जुटा हुआ है। रेल मंत्रालय के मुताबिक भारतीय रेलवे ने लॉकडाउन शुरू होते ही कोरोना के खिलाफ जंग में कदम रखते हुए देशभर में सभी रेलवे कार्यशालाओं के जरिए चुनौती का स्वीकार कर लिया था। रेलवे कार्यशालाओं के अलावा रेलवे अधिकारियों के घरों में भी पीपीई कवरल, सैनिटाइजर, मास्क, खाट का निर्माण शुरू किया गया। रेलवे की निर्माण इकाइयों द्वारा इन सुरक्षात्मक सामानों के विनिर्माण के लिए कच्चा माल भी खरीदने में भी कोई कोताही नहीं बरती।
अब तक तैयार की 1.91 लाख पीपीई किट
मंत्रालय ने 24 जून तक के आंकडों की जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय रेलवे ने 1.91 लाख पीपीई किट, 7.33 लाख फेस मास्क, 66.4 किलोलीटर सेनिटाइज़र और वेंटिलेटर जैसे चिकित्सा सुरक्षा संबन्धी सामानों निर्माण कर देशभर में आपूर्ति किया है। रेलवे के अनुसार इस माह जून और जुलाई के महीने के लिए 1.50 लाख से भी ज्यादा पीपीई किट तैयार करने का लक्ष्य तय किया गया है। रेलवे के एक अधिकारी का कहना है कि लॉक डाउन अवधि के दौरान पूरे रेलवे नेटवर्क में कच्चे माल और निर्मित उत्पादों की केंद्रीकृत खरीद और वितरण एक परीक्षण कार्य की परिस्थितियों में पूरा किया गया है। पीपीई किट निर्माण के लिए गुणवत्तापूर्ण मानकों के साथ कच्चे माल की केंद्रीयकृत खरीद का जिम्मा उत्तर रेलवे ने बखूबी निभाया। केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रम मैसर्स एचएलवी लाइफ केयर से रेलवे को 22 लाख, पीपीई किट, 22.5 लाख एन-95 मास्क, 2.25 लाख 500 मिली सैनिटाइजर के आर्डर मिले हैं, जिनमे लिए रेलवे अपनी निर्माण क्षमता को बढ़ाने में जुटा हुआ है।
कोविड अस्पताल बने 50 रेलवे के अस्पताल
रेल मंत्रालय ने अपने 50 रेलवे अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को कोविड-अस्पताल के रूप में नामित कर समर्पित किये, जिनमें कोराना महामारी की तमाम चुनौतियों से निपटने के लिए सभी सुरक्षात्मक व चिकित्सा उपकरणों और अन्य वस्तुओं की खरीद के जरिए इन अस्पतालों में सुविधाओं का उन्नयन भी किया
ट्रेनों के 5231 कोच आईसोलेशन वार्ड में तब्दील
कोरोना संकट व लॉकडाउन के शुरुआती चरण निरस्त हुई यात्री ट्रेनों का इस्तेमाल कोरोना चिकित्सीय मदद के मकसद से कोचों को आईसोलेशन वार्ड में बदलना शुरू किया गया, जिसके तहत 5231 रेलवे कोच सभी चिकित्सका साम्रगियों व अन्य सभी संसाधनों की सुविधा के साथ तैयार किये गये। कोरोना महामारी की चुनौती से निपटने के लिए देश में स्वास्थ्य ढांचे की क्षमता को बढ़ाने की दिशा में पिछले सप्ताह ही देश के पांच राज्यों में ट्रेनों के आइसोलेशन वार्ड में तब्दील 960 कोचों को तैनात किया गया, जिनमें 503 अकेले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नौ रेलवे स्टेशनों पर तैयान किये गये। इन आईसोलेशन कोचों का इस्तेमाल राज्य सरकारें कोरोना देखभाल केंद्र के रूप में कर रही हैं।
रेलवे की आपूर्ति प्रभावित
मंत्रालय ने माना कि कोरोना माहमारी के कारण रेलवे आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित जरुर हुई है, लेकिन देश व देशवासियों की महामारी से सुरक्षा के दायित्व में रेलवे ने आवश्यक सामानों की आपूर्ति को सुनिश्चित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है, भले ही रेलवे के डिपों में उपल्ब्ध स्टॉक निचले स्तर पर आ गया हो। रेलवे ने केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के तहत लॉकडाउन में जगह-जगह फंसे प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों के लिए 4500 से भी ज्यादा श्रमिक विशेष ट्रेने चलाकर 80 लाख से ज्यादा लोगों की निशुल्क घर वापसी कराई है। इसके अलावा अन्य विशेष पार्सल ट्रेने, विशेष यात्री ट्रेने चलाकर यात्रियों की परेशानी को दूर करने का प्रयास लगाता किया जा रहा है।
26June-2020

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