पीड़ितों
व संगठनों ने की सभी दलों से गुहार
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में
सड़क हादसों पर अंकुश लगाने की दिशा में सख्त प्रावधान वाले संसद में अटके नए मोटर
वाहन विधेयक को पारित कराने के लिए राजनीतिक दलों पर दबाव बनाने आ रहे संगठनों का
राजनीतिक दलों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। इसके लिए सड़क सुरक्षा के लिए काम
कर रहे विभिन्न संगठनों और दुर्घटनाओं के पीडितों ने सभी दलों से मांग की है कि
राजनीति से ऊपर उठकर इस विधेयक को पारित कराने के लिए आगे आएं।
देश में
सड़क सुरक्षा और उपभोक्ताओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन
कंज्यूमर वॉयस, कैग, कट्स इंटरनेशनल और परिसर जैसे संगठनों ने बुधवार को यहां एक
संवाददाता सम्मेलन में देश में बढ़ते सड़क हादसों को रोकने वाले प्रावधान वाले मोटर
वाहन (संशोधन) विधेयक के संसद में लंबित रहने पर चिंता जताई। कंज्यूमर वॉयस के
सीओओ असीम सान्याल ने पिछले चार साल के सड़क हादसों और उनके कारण मौत के शिकार तथा
घायलों के आंकड़े देते हुए कहा कि इस आधार पर देश में प्रतिदिन 400 लोगों की मौत
सड़क हादसों में हो रही है। वहीं परिसर नामक संस्था के रंजीत गाडगिल ने केंद्र
सरकार के संशोधित विधेयक के प्रावधानों का समर्थन करते हुए कहा कि इस विधेयक के
पारित होने से लोगों की जानें बचाई जा सकेगी। वहीं सीएजी की सरोजा, कट्स इंटरनेशनल
के जॉर्ज चेरियन ने भी सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देने पर बल दिया। इसी प्रकार इस
मौके पर सड़क हादसों में अपने परिजन खो चुके कुछ ऐसे पीडित भी सामने आएं,
जिन्होंने परिजन खोने के बावजूद सड़क सुरक्षा के लिए काम करके जागरूकता फैलाने का
काम किया है। मसलन सड़क सुरक्षा पर काम करने वाले इन संगठनों के गठबंधन और
पीड़ितों ने केंद्र सरकार और समूचे विपक्ष से जनहित में राज्यसभा में लंबित इस
विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में पास कराने की गुहार की है और कहा कि सभी दल राजनीति
से ऊपर उठकर बिना किसी देरी के पांच मार्च से शुरू हो रहे बजट सत्र के दूसरे चरण में
पास कराने की पहल करें। सीएजी की सरोजा, कट्स इंटरनेशनल के जॉर्ज चेरियन
भावुक हुए पीड़ित
संसद में
लंबित मोटर वाहन विधेयक के लंबित होने की चिंता के साथ इस संवाददाता सम्मेलन में
उत्तराखंड की प्रसिद्ध गायिका कल्पना चौहान, जो सड़क हादसे में अपने दोनों पैर
गंवा चुकी है इतनी भावुक हुई कि वह अपने आंसू नहीं रोक सकी। फिर भी उसने कहा कि उसे कत्रिम टांगों पर चलने
के बावजूद नहीं लगता कि उसके पैर नहीं है और वह संगीत के जरिए सड़क सुरक्षा के लिए
जागरूकता फैलाने में जुटी हुई हैँ। इसी प्रकार पीड़ि आशुतोष सोती, कविता थोलिया,
सचदेवा, डोरिस फ्रांसिस ने पीडित होने के बावजूद सड़क सुरक्षा के लिए काम करने का
बीड़ा उठाने का ऐलान किया।
01Mar-2018
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें