सोमवार, 12 मार्च 2018

साइबर खतरे की जद में देश व औद्योगिक क्षेत्र


सीआईएसएफ के स्थापना दिवस पर बोले राजनाथ
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने देश और औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने की दिशा में सुरक्षा बलों से अपने साइबर प्रकोष्ठ को और अधिक मजबूत करने पर बल दिया है। वहीं उन्होंने सीआईएसएफ में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का लक्ष्य हासिल करने के लिए विशेष भर्ती ड्राइव को लॉन्च करने की योजना बनाने को भी कहा। 
राष्ट्रीय राजनधानी क्षेत्र दिल्ली के निकट गाजियाबाद में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के 49वें स्थापना दिवस परेड को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने देश में बढ़ते साइबर अपराधों की चुनौती से निपटने की योजना के तहत गृह मंत्रालय के अधीन साइबर एंड इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी (सीआईएस) डिवीजन बनाने का जिक्र करते हुए कहा कि देश और औद्योगिक क्षेत्र पर साइबर अपराध का खतरा मंडरा रहा है, जिसका मुकाबला करने के लिए सीआईएसएफ समेत सभी बलों को साइबर सुरक्षा योजना के जरिए अपने साइबर प्रकोष्ठ को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि डेटा चोरी, हैकिंग और साइबर अपराध ने औद्योगिक सुरक्षा के लिए चुनौती खड़ी की है। उन्होंनें कहा कि साल 2022 में देश की आजादी से 75 साल पूरे हो रहे है। ऐसे में सीआईएसएफ अपने को ऐसे विकसित करें कि साल 2022 में एक नया सीआईएसएफ नजर आए।
‘मुस्कान के साथ ड्यूटी’
इस मौके पर राजनाथ सिंह ने सीआईएसएफ के आदर्श वाक्य ‘मुस्कान के साथ ड्यूटी’ का हवाला देते हुए कहा कि हवाई यात्रियों ने सीआईएसएफ के कर्मियों पर उनकी तारीफ की प्रशंसा की है, जबकि हवाई अड्डों पर सुरक्षा सुनिश्चित करना है। हालांकि सीआईएसएफ के जवानों को सुरक्षा की दृष्टि से हमेशा सतर्क रहने के लिए कहा गया है, मुस्कान के साथ डयूटी का यह भी मतलब नहीं है कि विनम्र होकर सुरक्षा के साथ किसी प्रकार का समझौता किया जाए।
बढ़ेगा सीआईएसफ महत्व
राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था 5 खरब डॉलर के पार हो जाएगी, जिसके कारण हवाई अड्डों, मेट्रो और हाई स्पीड रेलवे सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने की आवश्यकता होगी। इसलिए ऐसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और अंतरिक्ष अनुसंधान और परमाणु ऊर्जा संयंत्रों सहित रणनीतिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सीआईएसएफ के सुरक्षित हाथों में होने के कारण बल का महत्व और भी बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत के विकास और राष्ट्र-निर्माण में योगदान की दृष्टि से सीआईएसएफ कॉरपोरेट क्षेत्र में औद्योगिक सुरक्षा में कंसल्टेंसी सर्विसेज प्रदान करने का बेहद महत्वपूर्ण काम कर रहा है। उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक सुरक्षा बल की प्रशंसा करते हुए कहा कि वामपंथी उग्रवाद से लड़ने में आंतरिक सुरक्षा सहित यह बल देश में सुरक्षा क्षेत्र में बेहद अग्रणी श्रेणी में है।

आतंकी हमलों से निपटने की नई पहल
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने स्थापना दिवस पर देशभर में पांच सितारा होटलों को सुरक्षा परामर्शसेवा उपलब्ध कराने का निर्णय किया है। इसका मकसद होटलों को मुंबई में 26/11 जैसे आतंकवादी हमलों से निपटने के लिए चाकचौबंद करना है। सूत्रों के इस योजना के तहत मुंबई में 26/11 की घटना के मद्देनजर एक सुरक्षा परामर्श सेवा का खाका तैयार किया गया है। सुरक्षा परामर्श की रूपरेखा को मंजूरी मिलने के बाद सुरक्षा बल कुछ प्रमुख पांच सितारा होटलों को पत्र लिखकर उन्हें अपनी विशेष इकाई और विशेषज्ञों की सेवा देने की पेशकश करेगा एवं सुरक्षा के संदर्भ में परामर्श उपलब्ध कराएगा। गौरतलब है कि इससे पहले मुंबई हमले के बाद सीआईएसएफ को सरकार ने निजी क्षेत्र को भी सुरक्षा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन सुरक्षा बल ने सीमित कार्यबल का हवाला देते हुए पांच सितारा होटलों को अपने कर्मी उपलब्ध कराने से मना कर दिया है।
11Mar-2018


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