शनिवार, 24 मार्च 2018

संसद में नहीं टूटा गतिरोध, दोनों सदनों में हंगामा



लोकसभाः अविश्वास प्रस्ताव का चौथा प्रयास भी विफल
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
बजट सत्र में दूसरे चरण में सरकार और विपक्ष के बीच जारी तकरार थमने का नाम नहीं ले रहा है। चौदहवें दिन भी दोनों सदनों में विभिन्न मुद्दो को लेकर जारी रहे विपक्षी दलों के हंगामे के कारण कार्यवाही नहीं चल सकी। हालांकि इसी हंगामे के बीच राज्यसभा में ग्रेच्युटी संबन्धी एक महत्वपूर्ण विधेयक को बिना चर्चा के पारित करा लिया गया, लेकिन लोकसभा में तेदपा व वाईएसआर कांग्रेस का मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास लगातार चौथी बार पेश नहीं हो सका और दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में गुरुवार को चौदहवें दिन भी अपने अपने मुद्दों को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बीच लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विधायी दस्तावेजों को सदन के पटल पर रखवाया। शांत होने की अपील के बावजूद जब हंगामा नहीं थमा तो कुछ देर बाद ही सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। इसके बाद पिछले दिनों की तरह ही विपक्षी दलों के आसन के करीब आकर हंगाम करने के कारण सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा अध्यक्ष महाजन ने इसी हंगामे के कारण फिर से तेदपा और वाईएसआर कांग्रेस के मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की अनुमति नहीं दी और इस प्रस्ताव के लिए जरूरी 50 सदस्यों की हंगामे क कारण गिनती करने में आने वाली दिक्कत का जिक्र करते हुए इसे आगे बढ़ाने में असमर्थता जाहिर कर दी और सदन की कार्यवाही को शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित करने का ऐलान कर दिया। जबकि सदन में सरकार बार-बार दोहरा रही है कि सदन में व्यवस्था कायम करने में सहयोग दें और सरकार इस प्रस्ताव पर चर्चा कराने को तैयार है।
राज्यसभा में भी जारी हंगामा
उधर राज्यसभा में भी पीएनबी घोटाले, आंध्र प्रदेश के विशेष दर्जा और कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड का गठन जैसे कई मुद्दो पर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहा। इस हंगामे के बीच ही सभापति वेंकैया नायडू ने आवश्यक कागजात सदन में पेश कराने के बाद केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री के अनुरोध पर महत्वपूर्ण ग्रेच्युटी से संबंधित उपदान भुगतान (संशोधन) विधेयक को लेने की अनुमति दी, लेकिन इन मुद्दो पर विपक्ष का हंगामा जारी रहा और इसी हंगामे के बीच सदन में बिना चर्चा के इस विधेयक को मंजूरी दे दी गई। गंगवार के अनुरोध पर इस बिल को बिना चर्चा के पारित करने के लिए सभापीठ ने अनुमति दी। 
23Mar-2018
 


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