बुधवार, 21 मार्च 2018

संसद: विपक्ष के हंगामे से 11वें दिन भी कार्यवाही ठप

लोकसभा में फिर से आगे नहीं बढ़ा अविश्वास प्रस्ताव
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।   
संसद के दोनों सदनों में बरकरार गतिरोध की वजह से दोनों सदनों में 11वें दिन की कार्यवाही भी विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गई। लोकसभा में तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस द्वारा सरकार के खिलाफ जाने वाला अविश्वास प्रस्ताव पर भी हंगामे के कारण कोई कार्यवाही नहीं हो सकी, जिसके लिए मोदी सरकार भी चर्चा कराने को तैयार है। मसलन हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
लोकसभा सोमवार को शुरू हुई कार्यवाही के दौरान भी पिछले दिनों की तरह ही विपक्षी दलों ने पीएनबी घोटाले, आंध्र प्रदेश के लिए विशेष पैकेज, कावेरी जैसे मुद्दे को लेकर आसन के करीब आकर हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा में हंगामे के कारण कार्यवाही को कुछ देर बाद ही 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया। फिर 12 बजे कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन को बताया कि उन्हें सदन में अविश्वास प्रस्ताव को नोटिस मिले हैं, लेकिन जब तक सदन ऑर्डर में नहीं होता, तब तक इस प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सदस्यों की गिनती नहीं कर सकतीं और हंगामा कर रहे सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने की अपील की, लेकिन हंगामा जारी रहा और सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।  इस कारण एक बार फिर से तेदपा व वाईएसआर कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ाया जा सका। सूत्रों के अनुसार मोदी सरकार के खिलाफ सोमवार को संसद में पहला अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने की तैयारी थी। यही कारण था कि सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले तेदपा ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर बजट सत्र के अंत तक संसद आने का निर्देश दिया था।
चर्चा को तैयार सरकार
लोकसभा में केंद्र सरकार तेदपा व वाईएसआर कांग्रेस के मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराने को तैयार है। गृहमंत्री राजनाथ सिह ने कहा कि विपक्ष सदन की कार्रवाई नहीं चलने देना चाहती, जबकि सरकार विपक्ष के हर मुद्दे व अविश्वास प्रस्ताव पर भी चर्चा कराने को तैयार है। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सदन में विश्वास स्थापित करने के लिए उनके पास पर्याप्त सदस्य हैं। जबकि इस प्रस्ताव को समर्थन करने का ऐलान करती आ रही राजग की सहयोगी शिवसेना सोमवार को इस मामले पर पीछे हट गई और शिवसेना ने इसके लिए तर्क दिया कि यह प्रस्ताव लाने का कोई लाभ नहीं है, क्योंकि सरकार के पास सदन में पूर्ण बहुमत है। वहीं अन्नाद्रमुक ने भी इस प्रस्ताव को समर्थन देने या न देने का अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। इसके अलावा डीएमके के एमके स्टालिन ने एआईएडीएमके से टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देने का ऐलान किया है।
हंगामे की भेंट चढ़ी राज्यसभा
लोकसभा की तरह ही सोमवार को विभिन्न मुद्दो को लेकर राज्यसभा की कार्यवाही भी कुछ देर बाद मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति एम वेंकैंया नायडु ने आवश्यक विधायी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये और शून्यकाल आरंभ करने को कहा, लेकिन तेदपा, द्रमुक व अन्नाद्रमुक हाथों में तख्तियां लेकर आसन के करीब आकर हंगामा करने लगे। सभापति ने सदस्यों के इस विरोध के तौरतरीकों पर नाराजगी जाहिर करते हुए नसीहतें देने के साथ सदन  की कार्यवाही को चलने देने की अपील की, लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ा। इस कारण कुछ देर बाद ही नायडू ने सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।

साड़ी पहनकर संसद पहुंचा सांसद
आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग को लेकर कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में हो रहे हंगामें के बीच आज फिर एक नया तमाशा देखने को मिला। जहां टीडीपी के सांसद शिवाप्रसाद विरोध जताने के लिए गले में मंगलसूत्र, माथे पर बिंदी और साड़ी पहनकर संसद में विरोध करते दिखाई दिए। गौरतलब है कि इससे पहले शिवाप्रसाद संसद में मछुआरे का वेश बनाकर पहुंचे थे। इस बीच उन्होंने कहा था, वो पीएम मोदी को अपने जाल में पकडना चाहते हैं क्योंकि वो देश में नहीं रहते केवल विदेश घूमते रहते हैं। इनदिनों संसद परिसर में शिवा सभी लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं और रोज अपने नए-एन अवतार से लोगों का ध्याज अपनी तरप खींचते हैं।
संसद परिसर में प्रदर्शन
दोनों सदनों में हंगामा करने के अलावा तेदपा के सांसद आज भी महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन करते नजर आए। इस मौके पर कांग्रेस नेता रेणुका चैधरी भी साथ दिखीं। अन्नाद्रमुक सांसदों ने भी कावेरी मुद्दे को लेकर संसद परिसर में विरोध-प्रदर्शन किया। इससे पहले टीडीपी सांसद आरएम नायडू ने कहा था कि हम संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने जा रहे हैं। सभी पार्टियों की जिम्मेदारी है कि वे हमारा समर्थन करें। ज्यादा से ज्यादा समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि बहस हो सके। सरकार की गिराने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। वाईएसआरसीपी सांसद वीएएस रेड्डी ने कहा था कि हम आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद पिछले चार साल से विशेष राज्य के दर्जे के लिए लड़ रहे हैं।
सदस्यता से इस्तीफा देने की तैयार
सूत्रों के अनुसर वाईएसआर कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) दोनों के सांसद बजट सत्र के अंतिम दिन संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे सकते हैं। आंध्र प्रदेश को विशेष पैकेज या विशेष राज्य का दर्जा के सवाल पर आमने सामने आए दोनों प्रतिद्वंद्वी दलों ने बीते शुक्रवार को एक ही दिन लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। इस मुद्दे पर वाईएसआर कांग्रेस के सांसदों द्वारा इस्तीफे की भनक लगने के बाद टीडीपी ने भी इसी राह चलने का फैसला कर लिया है। आपको बता दें कि दोनों दल आज एक बार फिर से मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने वाले हैं।
20Mar-2018

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