बुधवार, 21 मार्च 2018

भारत की इंडो-प्रशांत रणनीति पर जापान से वार्ता


गृह राज्यमंत्री रिजिजू ने दिया द्विपक्षीय सहयोग पर बल
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारत व जापान के बीच राजनीतिक, आर्थिक, तकनीकी और रणनीतिक हितों में मजबूत होते संबन्धों के बीच दोनों देशों ने जापान की मुक्त और खुली इंडो-प्रशांत रणनीति पर भी चर्चा की, जिसमें द्विपक्षीय सहयोग के तहत बहुआयामी साझेदारी पर बल दिया गया।
आपदा जोखिम न्यूनीकरण को लेकर मंगलवार को यहां संपन्न हुई भारत-जापान कार्यशाला के तहत केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू और जापान के केबिनेट ऑफिस में नीति समन्वयन उप मंत्री मामोरू मेकावा के साथ पहली द्विपक्षीय वार्ता भी हुई। यह वार्ता पिछले साल सितंबर में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे के दौरे के दौरान आपसी सहयोग के लिए हुए समझौते की अनुवर्ती कार्रवाई के रूप में की गई। इस दौरान दोनों पक्षों ने विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग की प्रतिबद्धता पर संतोष जाहिर किया। रिजिजू ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में विकास कार्यों के लिए इंडिया-जापान एक्ट ईस्ट फोरम के अंतर्गत चर्चा आरंभ होने पर दोनों पक्षों ने भारत की पूर्व की तरफ कार्य करने की  नीति और जापान की मुक्त और खुली इंडो-प्रशांत रणनीति की समानता पर आपसी सहयोग पर सहमति जताई। दोनों देशों ने एक-दूसरे को आपसी संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए सभी संभव सहयोग प्रदान करने का भरोसा दिया, ताकि मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का बहुआयामी साझेदारी और सहयोग बनाने के लिए लाभ उठाया जा सके। इस मौके पर उच्च गति वाली रेल जैसी प्रमुख परियोजनाओं में भारत के लिए जापान के निवेश और सहयोग के लिए कृतज्ञता प्रकट करते हुए रिजिजू ने इस बात पर जोर दिया कि हमारे पारस्परिक मूल्यों, राजनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक हितों ने भारत-जापान के प्रगाढ़ संबंधों को मजबूत आधार प्रदान किया है।
आपदा प्रबंध में साझेदारी
आपदा जोखिम में कमी पर पहली भारत-जापान कार्यशाला के दौरान आपदा प्रबंधन के लिए बुनियादी ढांचा संयुक्त मंच स्थापित करने के लिए साझेदार देश के रूप में जापान से सक्रिय सहयोग के लिए और ‘डिजास्टर रिडक्शन और रिकवरी’-2020 के लिए सार्वभौमिक सुविधा के सह-प्रमुख बनने के लिए भारत की मांग का समर्थन करने का भी अनुरोध किया। दोनों पक्षों ने आपदा जोखिम कटौती विशेषतः शीघ्र चेतावनी प्रणाली, भूकंप जोखिम प्रबंधन के लिए क्षमता निर्माण, सुनामी की तैयारी और सुनामी जोखिम कटौती के क्षेत्रों में सूचना, प्रौद्योगिकी और सहयोग के आदान-प्रदान का भी स्वागत किया। दोनों देशों के बीच ठोस कार्य जैसे संयुक्त भारत के कुछ स्थानों पर मॉक ड्रिल आयोजित करने पर भी जोर दिया। डीआरआर पर आयोजित कार्यशाला में भाग लेने के लिए भारत आने वाले मामोरू मेकावा ने द्विपक्षीय बैठक में की गई चर्चा और कार्यशाला में की जाने वाली चर्चा के दौरान ठोस कार्यों में सक्रिय सहयोग और संपूर्ण समर्थन देने की जापान की प्रतिबद्धता को दोहराया।
21Mar-2018


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