शनिवार, 10 मार्च 2018

महिला आरक्षण के मुद्दे पर एकजुट संसद



राज्यसभा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हुई चर्चा 
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही दोनों सदनों में भले ही विभिन्न मुद्दों को लेकर ठप चल रही हो, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दोनों सदनों में महिलाओं को बधाई दी गई और राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा भी कराई गई। दोनों सदनों  में सत्ता और विपक्ष के तमाम दलों ने महिला आरक्षण की वकालत करते हुए संसद में लंबित विधेयक को पारित कराने पर पर बल दिया।
राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू ने भी देश और दुनिया की सभी महिलाओं को सदन की ओर से महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर हंगामा कर रहे सांसदों ने अपनी सीटों पर बैठकर चर्चा में हिस्सा लिया। सरकार से लेकर विपक्ष की कई महिला सांसदों और अन्य सांसदों ने इस मु्द्दे पर अपने विचार रखे। चर्चा में हिस्सा लेते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने महिला दिवस पर सदन के भीतर उठाई गई महिला आरक्षण बिल पर कहा कि इस प्रस्ताव का वे पुरजोर समर्थन करती हैं। उन्होंने कहा कि आज का दिन महिलाओं की उपलब्धियों का याद करने का है और मुझे भारत में महिलाओं की उपलब्धि देखकर गर्व होता है क्योंकि यहां महिलाओं ने कई क्षेत्रों में पुरुषों के एकाधिकार को तोड़ा है। सुषमा ने कहा कि उपलब्धियों का साथ महिलाओं के साथ हो रहा अन्याय हमें शर्मसार भी करता है। उन्होंने कहा कि आज के दिन हम संकल्प लें कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार और पूरा समाज महिलाओं के खिलाफ अन्याय को सहन नहीं करेगा और एक आंदोलन के रूप में इसे मिलकर आगे बढ़ाना है।
महिला आरक्षण बिल पास कराने पर बल
इससे पहले इस चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और सांसद अंबिका सोनी ने करते हुए कहा कि देश में आज भी महिलाओं को बराबरी का दर्जा हासिल नहीं है, उन्होंने इसके लिए महिला आरक्षण बिल को पारित कराने पर जोर दिया। अंबिका ने कानून के जरिए महिलाओं को सुरक्षा और सदन में 33 फीसद आरक्षण की मांग भी की। वहीं कांग्रेस रेणुका चैधरी ने महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध पर लगाम लगाने पर जोर दिया। कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने भी कहा कि महिला आरक्षण को लेकर सभी दलों के एकमत होकर एक प्रस्ताव करने की अपील की और कहा कि इसके लिए कांग्रेस पूरी तरह तैयार है। इसी प्रकार कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल ने भी अमृता प्रीतम की एक कविता के जरिए महिलाओं के बराबरी का दर्जा देने की वकालत की। वहीं उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने महिलाओं के जीवन को चुनौती भरा बताते हुए कहा कि गर्भवती महिला से लेकर कुपोषित बच्चे के जन्म और उसके बाद जीवनभर महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आज भी हम महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोक नहीं पाए हैं, जिसके लिए प्रयास करने चाहिए। इसके अलावा चर्चा में हिस्सा लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने महिलाओं के सम्मान महिला आरक्षण बिल को संसद में पारित कराने पर बल दिया। इस दौरान कांग्रेस सांसद छाया वर्मा, वानसुक साइम, व विप्लब ठाकुर, डीएमके सांसद कनिमोझी, आंध्र प्रदेश से तेदपा सांसद तोटा सीताराम लक्ष्मी, मनोनीत सदस्य अनु आगा, भाजपा सांसद रूपा गांगुली व सुब्रमण्यम स्वामी, बसपा सांसद सतीश मिश्रा, सीपीएम के डी राजा आदि ने महिलाओं को सम्मान देते हुए महिला आरक्षण की वकालत की। इस दौरान सदन में उपसभापति के पैनल में भी महिलाओं को शामिल करने के लिए सुब्रमण्यम स्वामी ने सभापति से व्यवस्था देने की मांग उठाई।

लोकसभा ने भी दी बधाई
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को बधाई दी गई। दोनों सदनों में ही तमाम दलों ने महिला आरक्षण के मुद्दे पर एकजुटता दिखाई और संसद में लंबित महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने पर बल दिया, जिसके लिए सत्ता पक्ष ने विपक्ष के साथ महिला आरक्षण को लेकर सुर में सुर मिलाते हुए समर्थन देने की बात कही। लोकसभा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने गुरुवार को एक अनोखी पहल करते हुए स्वरचित ‘भारत की महिला’ पर लिखी अपनी कविता सुनाकर सभी सांसदों को मंत्र मुग्ध कर दिया, जिस पर सदन तालियों से गूंज उठा।
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पटरी पर नहीं आई संसद की कार्यवाही                                
हंगामे के कारण चौथे दिन भी नहीं हुआ कामकाज 
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद में पीएनबी घोटाले समेत विभिन्न मुद्दो को लेकर लामबंद विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा में गुरुवार को भी प्रश्नकाल व शून्यकाल के अलावा कोई कामकाज नहीं हो सका। हालांकि राज्यसभा में सत्ता व विपक्ष की सहमति के बाद अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर चर्चा जरूरी कराई गई, जिसके बाद विपक्ष के हंगामे ने कार्यवाही को पटरी पर नहीं आने दिया।
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में लगातार चौथे दिन भी दोनों सदनों की कार्यवाही बेपटरी नजर आई। लोकसभा में गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बधाई देने के बाद जैसे ही कार्यवाही को आगे बढ़ाने का प्रयास किया, तभी पीएनबी घोटाला, आंध्र प्रदेश के लिए विशेष पैकेज, कावेरी प्रबंधन बोर्ड गठित करने, तेलंगाना में आरक्षण का कोटा बढ़ाने तथा मराठी को शास्त्रीय भाषा जैसी मांगों को लेकर कांग्रेस की अगुवाई में टीडीपी, टीएमसी, शिवसेना समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने आसन के करीब आकर हंगामा शुरू कर दिया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे और उसके बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। 
राज्यसभा में भी नहीं हुआ प्रश्नकाल
उच्च सदन में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की चर्चा पूरी कराने के बाद जैसे ही सभापति एम. वेंकैया नायडू ने प्रश्नकाल शुरू करने का ऐलान किया, तभी पीएनबी समेत विभिन्न मुद्दो को लेकर विपक्षी दलों के सदस्य बैनर लहराकर नारेबाजी करते आसन के करीब आने लगे तो सदन की कार्यवाही को दो बजे तक स्थगित कर दिया गया। दो बजे बाद भी सदन में हंगामे की यही स्थिति रही जिसके कारण सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा। 
09Mar-2018


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