शनिवार, 10 मार्च 2018

रेलवे करेगा दस हजार करोड़ की सालाना बचत

 एक अप्रैल से शुरू होगी ‘रिवर्स नीलामी प्रक्रिया’
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे ने एक अप्रैल से उच्च मूल्य वाली वस्तुओं के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक रिवर्स ऑक्शन की नीलामी प्रक्रिया को लागू करने का निर्णय लिया है। 
इस प्रक्रिया में खरीद पर कम खर्च करने के जरिए रेलवे को दस हजार करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है।
रेल मंत्रालय के अनुसार रेलवे सालाना दस हजार करोड़ की बचत के लक्ष्य के तहत इस प्रक्रिया को शुरू करेगा, जिसे एक अप्रैल से लागू करने का फैसला किया गया है। रिवर्स नीलामी की प्रक्रिया वैगन, लोकोमोटिव व कोर्च पार्ट, सिग्‍नलिंग और ट्रैक उपकरण के साथ सीमेंट आदि चीजों की खरीद पर लागू होगी, जिसमें कार्य, सेवाएं और सभी उत्पादन इकाइयां भी शामिल होंगी। इसके लिए रेलवे विक्रेताओं को एक सीमित समय सीमा पर अनेकों बोलियां पेश करने और सबसे कम बोली की ऑनलाइन प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देगा। 
सूत्रों के अनुसार यदि रेलवे यात्री, गुड्स सर्विसेज, सुरक्षा संबंधित कार्यों और रोलिंग स्‍टॉक के उत्‍पादन व रखरखाव में जरूरत के लिए सालाना 50,000 रुपये की कीमत वाली वस्‍तुएं खरीदता है, जिसके साथ 10,000 करोड़ रुपये की ट्रैक सप्‍लाई मटीरियल की खरीदारी होती है। मसलन रेल इंफ्रास्‍ट्रक्चर को अपग्रेट करने और विस्‍तार के लिए 60,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट और काम कराए जाते हैं। इससे पहले रेलवे में 10 करोड़ रुपये से अधिक के सभी सप्‍लाई टेंडर इलेक्‍ट्रॉनिक रिवर्स नीलामी के जरिए कवर किए जाते थे। इसी तरह 50 करोड़ रुपये से अधिक के सभी सर्विसेज और कामों को भी कवर किया जाएगा। रेलवे मंत्रालय के अनुसार रिवर्स ऑक्‍शन सॉफ्टवेयर को ऑपरेट करना सबके लिए आसान होगा वह भी बिना किसी शुल्‍क के और इसके साथ ही हाई वैल्‍यू खरीद प्रक्रिया डिजिटल और ट्रांसपैरेंट होगा।
09Mar-2018

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