सरकार व
विपक्ष के बीच सुलह की कोशिशें नाकाम
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद के
दोनों सदनों में लगातार तीसरे दिन भी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले, आंध्र
प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को लागू करने, कावेरी मामला सहित कुछ अन्य मुद्दों को लेकर
कांग्रेस एवं अन्य दलों के भारी हंगामे के कारण कोई कामकाज नहीं हो सका। वहीं
कार्यवाही को पटरी पर लाने के लिए किये गये सुलह के सभी प्रयास विफल हो गये।
संसद में
बजट सत्र के दूसरे चरण के तीसरे दिन बुधवार को दोनों सदनों में प्रश्नकाल व
शून्यकाल विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गये और कोई अन्य कामकाज भी नहीं हो सका। कांग्रेस
और अन्य विपक्षी दलों ने पीएनबी घोटाले, आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को लागू करने,
कावेरी मामले के साथ लेनिन और अन्य प्रतिमाओं को तोड़े जाने जैसे कई अन्य मुद्दों पर
मोदी सरकार को घेरने का प्रयास किया। मसलन बुधवार को भी विपक्ष के इस हंगामे के
कारण पहले लोकसभा और दो बजे बाद राज्य सभा की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित
कर दिया गया।
इन मुद्दों पर हुआ हंगामा
संसद के
दोनों सदनों में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने पीएनबी धोखाधड़ी मामले
को उठाया और अध्यक्ष के आसन निकट पहुंचकर नारेबाजी की। वे ‘नीरव मोदी कहां है, प्रधानमंत्री
जवाब दो’ के नारे लगा रहे थे। जबकि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को पूरी तरह लागू
करने और विशेष पैकेज की मांग को लेकर तेदेपा सदस्य भी नारेबाजी की, जो अपने हाथों में
तख्तियां ‘वी वांट जस्टिस’ के नारे लगा रहे थे। इसी प्रकार वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों
ने भी इसी मुद्दे को लेकर नारेबाजी की। इसके अलावा त्रिपुरा में लेनिन की प्रतिमा
तोड़े जाने की तर्ज पर तमिलनाडु में प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्त्ता और राजनेता पेरियार
की प्रतिमा को कथित तौर पर क्षतिग्रस्त किए जाने का मुद्दा उठाते हुए अन्नाद्रमुक के
सदस्यों ने हंगामा किया। इसी प्रकार राजग की शिवसेना के सदस्य मराठी को शास्त्रीय भाषा
का दर्जा दिए जाने की मांग करते देखे गये।
महाजन की बैठक बेनतीजा
पीएनबी धोखाधड़ी
मामले में जारी गतिरोध को खत्म करने की दिशा में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने
बैठक बुलाई, जिसमें सभी दलों के नेताओं ने मांग रखी कि पीएनबी धोखाधड़ी मामले पर चर्चा
कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत कराई जाए, जिसमें नियम के तहत मतदान का प्रावधान भी
हो। लेकिन सरकार इस विषय समेत विपक्ष के सभी मुद्दों पर चर्चा कराना चाहती है,
लेकिन कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा कराने से सरकार बचना चाहती है। इसलिए
सरकार और विपक्ष के बीच सुलह के लिए यह बैठक बेनतीजा साबित हुई।
प्रतिमाओं पर गरमाई सियासत
त्रिपुरा से
लेकर पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु तक मूर्तियां तोड़ने के बाद मचे बवाल पर संसद में
भी सियासत गरमाती नजर आई। हालांकि राज्यसभा में मूर्तियां तोड़े जाने की सुनाई दी गूंज
के दौरान हुए शोर शराबे और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू की तरफ से उन्हें
रोकने की नाकाम कोशिशों की बाद सदन की कार्यवाही स्थगित करना पड़ा। दरअसल सभापति एम.
वेंकैया नायडू ने मूर्तिकांड पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए ऐसे तोड़फोड़ कर रहे
लोगों को मैड करार दिया, जबकि उन्होंने कहा कि जो लोग राज्यसभा के अंदर इस मसले पर
ऐसे विरोध कर रहे हैं वो बैड हैं।
पीएम मोदी-अमित शाह की चेतावनी
देश के कुछ
हिस्सों में मूर्तियों के साथ की गई तोड़फोड़ की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार
को कड़ी आलोचना की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी। प्रतिमा
तोड़फोड़ में अगर पार्टी का कोई भी सदस्य संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी
कार्रवाई की जाएगी।
गृह मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी
सरकार के प्रवक्ता
ने बताया कि पश्चिम बंगाल में एक और प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ के बीच पीएम मोदी ने इस
बारे में गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ बात ऐसी घटनाओं के खिलाफ अपनी आपत्ति जाहिर
की। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से कडी़ कार्रवाई करने को कहा और इस संबन्ध में गृहमंत्रालय
की तरफ से सभी राज्यों को यह निर्देश दिया गया है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए वह
आवश्यक कदम उठाएं।
08Mar-2018
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