बुधवार, 28 मार्च 2018

संसद में नहीं थमा विपक्ष का हंगामा



दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित
लोकसभा में कांग्रेस-एडीएमके सदस्यों के बीच मारपीट की नौबत
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।    
संसद के दोनों सदन लोकसभा और राज्यसभा में हंगामे के कारण 16वें दिन भी कार्यवाही पटरी पर नहीं आ सकी और दोनों सदनों की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा में कार्यवाही स्थगित होते ही कांग्रेस सदस्यों और अन्नाद्रमुक सदरस्यों में तीखी नोंकझोंक के साथ हाथापाई तक की नौबत आ गई, लेकिन सदस्यों के बीच बचाव के बाद मामले को निपटाया गया।
संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण के तीन सप्ताह की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ने के बाद लोकसभा और राज्यसभा में मंगलवार को 16वें दिन भी विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण प्रश्नकाल नहीं चल सका। लोकसभा में कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर अन्नाद्रमुक के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हालांकि तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्यों ने आज नारेबाजी नहीं की। जबकि तेदेपा के सांसद आज अपने स्थानों पर बैनर लेकर खड़े थे। फिर शुरू हुई कार्यवाही के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए, लेकिन सदन में विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहा, जिसके कारण सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। इस हंगामे के कारण तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस के मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास विफल होने के बाद मंगलवार को कांग्रेस और माकपा द्वारा पेश किये जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव को भी हंगामे के कारण आगे नहीं बढ़ाया जा सका। लोकसभा अध्यक्ष ने सुमित्रा महाजन ने सदन को सुचारू रूप में होने पर ही इस प्रस्ताव को पेश करने की अनुमति की बात कहकर सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया। जबकि इस दौरान कांग्रेस के साथ ही राजद, रांकापा, माकपा और अन्य वामपंथी दलों के सदस्य ‘नो-कांफिडेंस’ लिखे पोस्टर हाथ में लेकर खड़े थे। उधर तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य भी इस तरह के पोस्टर लेकर खड़े थे। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने सरकार का रुख दोहराया कि मोदी सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है। उसे सदन में भी और बाहर भी बहुमत प्राप्त है।
कांग्रेस व अन्नाद्रमुक सदस्य भिडे
लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित होते ही कांग्रेस सदस्य वेणुगोपाल ने हंगामा कर रहे अन्नाद्रमुक के सदस्यों पर सरकार से मिलीभगत का आरोप लगाने पर अन्नाद्रमुक के सदस्यों की कांग्रेस सदस्यों ने तीखी झडपे हुई और आपस में हाथापाई के साथ मारपीट की नौबत आ गई थी, लेकिन कांग्रेस सदस्य सोनिया गांधी और अन्य दलों के सदस्यो के बीच बचाव में आगे आने पर मामला ज्यादा आगे नहीं बढ़ा। हालांकि यह घटना सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनी, क्योंकि उससे चंद सेंकडों पहले ही सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई थी।
राज्यसभा: विदाई भाषण भी नहीं हो सके
राज्यसभा में शायद ऐसा पहली बार हुआ कि सेवानिवृत्त होने वाले सांसदों के विदाई भाषण भी नहीं हो सके। इसका कारण सदन में विपक्षी दलों का हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करना है। दरअसल सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन में रिटायर होने वाले 40 सदस्यों के विदाई भाषण की सूचना देते हुए सदन को सुचारू रूप से चलाने की अपील की, लेकिन अन्नाद्रमुक और अन्य विपक्षी दलों ने हाथों में तख्तियां लेकर आसन के करीब आकर हंगामा जारी रखा, जिसके कारण सदन की कार्यवाही को एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन में विदाई भाषण हुए बिना सदन की कार्यवाही स्थगित करने के विरोध में कांग्रेस सदस्य सदन में रिटायर्ड होने वाले सांसदों के साथ करीब आधे घंटे तक बैठे रहे। इससे पहले सदन की कार्यवाही जब शुरू हुई तो कावेरी प्रबंधन बोर्ड की मांग को लेकर अन्नाद्रमुक सांसद आसन के करीब आकर नारेबाजी करने लगे, जिसके कारण सदन की कार्यवाही पहले 15 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी गई और इस दौरान सभापति ने अपने कक्ष में सदस्यों के विदाई भाषण के लिए कांग्रेस समेत अन्य दलों के चुनिंदा नेताओं के साथ बातचीत भी की, लेकिन दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर सदन में पीएम नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में अन्नाद्रमुक सदस्यों ने अपनी मांग को लेकर अपनी सीट पर ही खड़े रहे, जिन्हें शांत करने के लिए सभापति के अलावा अन्य दलों के सदस्यों ने अपील की, लेकिन वे अपनी मांग पर अडिग रहे और सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
28Mar-2018

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें