बुधवार, 7 मार्च 2018

सोलह रेलगाड़ियों में लागू होगी ‘स्वर्ण परियोजना’



अपग्रेड के लिए 11 शताब्दी व पांच राजधानी एक्सप्रेस तैयार
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे की ‘स्वर्ण परियोजना’ के तहत उत्तर रेलवे दिल्ली मंडल ने 11 शताब्दी और पांच राजधानी एक्सप्रेस के कोचों को अपग्रेड करने की योजना तैयार की है, जिसके लिए प्रति कोच पर 2.35 लाख रुपये की लागत आने का अनुमान है। दिल्ली-देहरादून शताब्दी में अगले महीने म
यह जानकारी उत्तर रेलवे दिल्ली मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अजय माइकल ने बताया कि रेल यात्रियों के सफर को बेहतर बनाने की दिशा में रेलवे की ‘स्वर्ण परियोजना’ के अंतर्गत सुरक्षित एवं स्वर्ण मानकों के आधार पर 11 शताब्दी और पांच राजधानी एक्सप्रेस गाडियों के कोचों के इंटीरियर, शौचालयों और एक्सोटीरियर को अपग्रेड करने का निर्णय किया है। इन गाडियों को नई दिल्ली एवं काठगोदाम के बीच चलने वाली पहले से ही अपग्रेडेड शताब्दी की तर्ज पर यात्रियों की सुविधाओं में उच्च मानक स्थापित करते हुए योजना को लागू किया जाएगा। उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल द्वारा लिए गये इस निर्णय में स्वर्ण परियोजना को लागू करने के लिए प्रत्येक कोच पर लगभग 2.35 लाख रुपये के खर्च आने का संभावना है। 
अगस्त तक पूरा होगा लक्ष्य
उत्तर रेलवे दिल्ली मंडल रेल प्रबंधक आर.एन.सिंह ने इस परियोजना को लागू करने के निर्णय को लेकर कहा कि रेल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने की दिया में स्वर्ण परियोजना में रेलगाडियों और उनके कोचों के सौदर्यकरण अपग्रेडेशन की दिशा में विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली और देहरादून के बीच चलने वाली अपग्रेडेड शताब्दी गाड़ी में स्वंर्ण कोचों की सेवा अप्रैल-2018 के अंत तक शुरू होने की संभावना है। वहीं शताब्दी और राजधानी के सभी कोचों पर अपग्रेडेशन का कार्य अगस्त 2018 तक पूरा कर लिया जाएगा। उत्तर रेलवे का का सभी शताब्दी और राजधानी गाड़ियों के कोचों को सीसीटीवी और यात्री सूचना प्रणाली पर आधारित जीपीएस के प्रावधान लागू करने की भी योजना है।
ऐसे लागू होगी स्वर्ण परियोजना
उत्तर रेलवे दिल्ली मंडल के अनुसार इस योजना को लागू करने के लिए शताब्दी के कोचों पर विनायल रैपिंग के साथ उन्नत एक्स टीरियर डिजाइन, डोरवे, गैंगवे और शौचालय के अंदर की तरफ पैनल की विनायल रैपिंग के साथ इंटीरियर के साथ ही गंतव्य बोर्डों और कोच नं.प्ले टों पर विनायल अक्षरों का अंकन किया जाना है। इसी प्रकार रेलवे की इस योजना में क्षेत्रीय संस्कृति और धरोहर को दर्शाने वाली अच्छीं तरह से फ्रेम किए गए अच्छी गुणवत्ता की तस्वीरें व पेटिंगस का प्रावधान किया गया है। वहीं बेहतर स्टोरेज स्थान के लिए पेंट्री एरिया में फिट किए जाने वाले शैल्फों के प्रावधान के साथ सूचना के लिए शौचालयों के दरवाजे पर डिस्प्ले व्यटवस्था का प्रावधान और फिटमैंट, शताब्दी कोचों की लगेज रेक पैनल पर स्क्रेच विरोधी फिल्में लगाने, प्रकाश व्यिवस्था सुधारने के लिए एलईडी लाइटिंग और जीपीएस समर्थित यात्री घोषणा और सूचना प्रणाली को लागू करना है।
06Mar-2018

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