अविश्वास
प्रस्ताव को लेकर भी भाजपा सतर्क
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद की
कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए जहां लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू हंगामा कर रहे दलों के सदस्यों से अपील करते
आ रहे हैं, वहीं सरकार और सरकार नेतृत्व कर रही भाजपा भी विपक्ष के साथ जारी
गतिरोध को खत्म करने में जुट गये हैं।
संसद में
आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग को लेकर तेदपा और वाईआरएस कांग्रेस का
हंगामा मोदी सरकार के अस्थिर करने के प्रयास तक पहुंच गया है, जिसके तहत तेदपा ने
राजग से नाता तोडकर मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया।
शुक्रवार को यह प्रस्ताव भले ही शोरशराबे के बीच आगे न बढ़ाया जा सका हो, लेकिन
तेदपा व वाईएसआर कांग्रेस की सोमवार 19 मार्च को फिर से लोकसभा में अविश्वास
प्रस्ताव पेश करने की तैयारी है जिसके लिए दोनो दलों ने नोटिस भी दे दिया है। मोदी
सरकार के खिलाफ अविश्वास की तैयारी में इन दोंनों दलों का समर्थन करने के लिए कुछ
अन्य विपक्षी दल भी ऐलान कर चुके हैं। इसलिए भाजपा ने आंध्र प्रदेश के दलों और
उनके सांसदों से बातचीत का दौर शुरू कर दिया है, ताकि ऐसी नौबत न आए। हालांकि
सत्तारूढ दल का दावा है कि अविश्वास प्रस्ताव आने के बावजूद मोदी सरकार को कोई
खतरा नहीं है, लेकिन प्रयास है कि संसद में ऐसा माहौल राजनीतिक दृष्टि से उचित
नहीं है। भाजपा सूत्रों का मानना है कि सरकार और भाजपा के अलावा सहयोगी दल भी
चाहते हैं कि इस प्रकार की सियासत से सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिशों को
रोका जाना चाहिए।
रणनीति बनाने में जुटी भाजपा
भाजपा ने
तेदपा व वाईएसआर कांग्रेस की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के बाद फिर से सोमवार
को इस प्रस्ताव को लाने की रणनीति को लेकर अपनी रणनीति तैयार की है। भाजपा सूत्रों
के अनुसार इस मुद्दे पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आंध्र प्रदेश इकाई के कोर समूह के
शनिवार को बैठक करके आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया है। वहीं सरकार की ओर से
संसदीय मंत्री अनंत कुमार और संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल भी संसद में
गतिरोध को खत्म करने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के साथ संपर्क करने में जुटे
हैं। गौरतलब है कि संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में अभी तक दस दिन की बैठक में
दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे के कारण कोई कामकाज नहीं हो पा रहा है। सरकार का
प्रयास है कि सोमवार से होने वाली संसद की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाया जा
सके।
18Mar-2018
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें