सोमवार, 19 मार्च 2018

रेलवे में फ्लेक्सी फेयर पर फैसला टला

बैठक में यात्रियों को राहत देने पर नहीं हो सका फैसला
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
रेल यात्रियों को फ्लेक्सी फेयर प्रणाली के प्रभाव के अध्ययन के लिए गठित की गई एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट भी रेलवे की आमदनी बढ़ाने की दिशा में सिरे न चढ़ सकी, जिसके कारण यात्रियों को फ्लेक्सी फेयर में राहत देने के मामले में रेलवे इस रिपोर्ट पर कोई फैसला नहीं ले सका। बल्कि रेल मंत्रालय ने समिति को फिर से नए सिरे से मंथन करके ताजा रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं।
रेलवे के सूत्रों के अनुसार पिछले सप्ताह रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट पर विचार विमर्श करने और फैसले लेने की दिशा में एक बैठक बुलाई थी, जिसमें समिति के सदस्य भी शामिल हुए। इसके बावजूद रिपोर्ट में दिये गये सुझावों और सिफारिशों पर कोई फैसला नहीं लिया जा सका। इस बैठक में रेल यात्रियों को राहत देने की दिशा में फ्लेक्सी किराया योजना के तहत राहत देने का भी फैसला होना था, लेकिन रिपोर्ट में दिये गये सुझावों पर रेल मंत्री पीयूष गोयल शायद संतुष्ट नहीं हुए। यही कारण है कि रेल मंत्री ने समिति से नए सिरे से ताजा रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। हालांकि अभी लागू फ्लेक्सी प्रणाली का प्रभाव का अध्ययन और रेलवे आमदनी बढ़ाने के बेहतर तौर तरीकों के बारे में सुझाव देने के लिए गत दिसंबर में गठित समिति ने समय सीमा के भीतर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी थी। इस समिति में रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के साथ नीति आयोग के सलाहकार और एयर इंडिया के कुछ अधिकारी शामिल हैं।
क्या हैं समिति सुझाव
रेल मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट में उच्च स्तरीय समिति ने सभी एक्सप्रेस मेल ट्रेनों में एयरलाइंस की तरह डायनेमिक प्राइसिंग लागू करने का सुझाव दिया। वहीं किसी भी टिकट की कीमत त्योहारों के समय अधिक रेट, लोअर बर्थ के लिए अतिरिक्त चार्ज, कम समय में पहुंचाने वाली ट्रेन का ज्यादा किराया जैसे कारकों पर निर्भरता जैसे सुझाव दिये गये। मसलन समिति के इस सुझाव के तहत ट्रेन का किराया फ्लाइट्स की तरह ट्रेन यात्रा के दिन करीब आने के साथ-साथ बढ़ता जाएगा। 
रेलवे की बढ़ी आमदनी
रेलवे द्वारा लागू फ्लेक्सी फेयर के तहत इन ट्रेनों में एक तय संख्या में सीटों की बुकिंग होने के बाद यात्री किराये में 10 फीसद की बढ़ोतरी हो जाती है। इस तरह से यह अंतिम 10 फीसद सीटों की बुकिंग कराने वाले यात्रियों को लगभग 50 फीसद अतिरिक्त किराया देना होता है। इसी अतिरिक्त किराये की बदौलत रेलवे को लगभग 600 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आमदनी होती है। गौरतलब है कि सितंबर 2016 में जब फ्लेक्सी-फेयर सिस्टम लाया गया तो रेलवे ने 137.39 लाख टिकट बेच कमाई 2,192.24 तक बढ़ा ली। फ्लेक्सी सिस्टम से रेलवे का किराया 50 प्रतिशत तक बढ़ गया। जबकि इस सिस्टम के शुरू होने से पहले 2015-16 में 138.71 लाख टिकट बुक किए गए और रेलवे ने 1931.6 करोड़ रुपये कमाए।   


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