बुधवार, 21 मार्च 2018

संसद: फिर पेश नहीं हो सका अविश्वास प्रस्ताव


दोनों सदनों की कार्यवाही हंगामे के कारण स्थगित
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद में लगातार बरपते विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदनों की 12वें दिन की कार्यवाही भी पूरी तरह से ठप रही और दोपहर के भोजनावकाश से पहले ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। तेदपा व वाईआरएस कांग्रेस का मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव इस हंगामे के कारण फिर से अधर में लटक गया। हालांकि इस प्रस्ताव को बुधवार को पेश करने के लिए भी नोटिस दिया गया है।
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही पहले दिन से ही विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के जारी हंगामे के कारण मंगलवार को भी ठप रही, जिसके कारण दोनों सदनों में अभी तक प्रश्नकाल तक नहीं हो सका। लोकसभा में सुबह कार्यवाही शुरू होते ही जैसे ही लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल की घोषणा की, तो टीआरएस और अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने आसन के करीब आकर नारेबाजी शुरू दी, जबकि कांग्रेस एवं तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने अपनी सीटों पर खड़े होकर पीएनबी जैसे मुद्दों को लेकर हंगामा किया। इस कारण सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक स्थगति कर दिया गया। सदन की कार्यवाही 12 बजे दोबारा शुरू होने के बाद इराक में 39 भारतीययों की हत्या पर बयान देने का प्रयास किया, तो कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, एआईएमआईएम और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सदस्यों ने विरोध करना शुरू कर दिया। वहीं सदन में हंगामा चलता रहा। इस बीच महाजन ने तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस द्वारा दिए गए अविश्वास प्रस्ताव पर कार्यवाही शुरू करने का प्रयास किया, लेकिन हंगामे के कारण उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रस्ताव पर तभी चर्चा शुरू हो सकती है ,जब सदन सुचारू रूप से चलेगा, लेकिन विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहा और सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
आज फिर पेश होगा अविश्वास प्रस्ताव
तेदपा सांसद थोटा नरसिम्हा ने कहा कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का प्रयास जारी रहेगा और उन्होंने 21 मार्च बुधवार को भी लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस दे दिया है। गौरतलब है कि तेदपा व वाईआरएस कांग्रेस के इससे पहले दिये गये दो नोटिस हंगामे के कारण मंजूर नहीं हो सके। जबकि सरकार भी इस प्रस्ताव पर चर्चा कराने के लिए तैयार है।
राज्यसभा में भी जारी तकरार
उच्च सदन में भी मंगलवार की कार्यवाही शुरू होते ही आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने और कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड का गठन करने के मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके कारण आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद ही सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया। लोकसभा की तरह ही राज्यसभा में पांच मार्च से शुरू हुए सत्र में 12 दिन की बैठक में एक भी दिन प्रश्नकाल या शून्यकाल नहीं चल पाया है। सभापति वेंकैया नायडू हंगामा कर रहे विपक्षी दलों के सदस्यों से लगातार सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने की अपील करते आ रहे हैं, लेकिन विपक्षी दलों पर इसका कोई असर नजर नहीं आया।
21Mar-2018

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