सरकार के खिलाफ आगे नहीं बढ़ा अविश्वास प्रस्ताव
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद के
बजट सत्र के दूसरे चरण में पिछले सप्ताह की तरह दूसरे सप्ताह की कार्यवाही भी
हंगामे के भेंट चढ़ गई। मसलन दसवें दिन भी दोनों सदनों में जारी रहे विपक्ष के
हंगामे के कारण प्रश्नकाल सिरे नहीं चढ़ सका। हालांकि इन दस दिनों क हंगामे के बीच
ही केंद्र सरकार लोकसभा में वित्त विधेयक समेत चार महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने
में सफल रही।
संसद के
दोनों सदनों में शुक्रवार को भी कार्यवाही शुरू होते ही पीएनबी घोटाले, आंध्र
प्रदेश के विशेष राज्य का दर्जा देने, कावेरी प्रबंधन बोर्ड जैसे विभिन्न मुद्दों
को लेकर कांग्रेस समेत अन्य दलों ने आसन के करीब आकर हंगामा किया। हालांकि लोकसभा
में कार्यवाही शुरू होने पर पहले नवनिर्वाचित तीन नए सदस्यों को शपथ दिलाई गई और
सुकमा नक्सली हमलें में शहीद जवानों और सदन के दिवंगत पूर्व सदस्यों उत्तमभाई हरजीभाई
पटेल, बोल्ला बुल्ली रमैया तथा सुशीला बंगारू लक्ष्मण के निधन पर उन्हें
श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद विपक्ष के शुरू हुए हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही
को पहले 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया। इसके बाद जब सदन की कार्यवाही दोबरा शुरू हुई
तो तेदपा सांसदों ने आसन में आकर नारेबाजी की। लोस अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने अविश्वास
प्रस्ताव को समर्थन देने वाले सांसदों की गिनती करने के लिए प्रदर्शन कर रहे सदस्यों
से अपनी सीट पर जाने को कहा, लेकिन ऐसा न होने पर व्यवस्था का लेकर महाजन ने
कहा कि इस हंगामे के बीच गिनती करना संभव
नहीं है, इसलिए इस प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता और हंगामे के कारण अविश्वास
प्रस्ताव पेश हुए बिना ही सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
सदन की कार्यवाही अब सोमवार 19 मार्च को शुरू होगी।
सोमवार को फिर आएगा प्रस्ताव
लोकसभा में
शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पेश हुए बिना ही सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए
स्थगित कर दिये जाने के कारण वाईएसआर कांग्रेस के वाईवी सुब्बारेड्डी और तेदपा के
थोटा नरसिम्हम ने 19 मार्च यानि सोमवार को एक बार फिर अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए
लोकसभा महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव को नोटिस दिया है।
लोकसभा में चार विधेयक पारित
लोकसभा में
एक पखवाड़े में दस दिन की बैठक में विपक्ष के हंगामे के बीच भले ही प्रश्नकाल व
शून्यकाल के अलावा कोई कामकाज न हुआ हो, लेकिन बजट पारित करने की दिशा में सरकार
ने हंगामें के बीच ही बुधवार को वित्त विधेयक और विनियोग विधेयक-2018 और गुरुवार
को लोकसभा में बिना किसी चर्चा के पारित करा लिये। इनमें से वित्त विधेयक और विनियोग
विधेयक-2018 राज्यसभा में पेश कर दिये गये हैं ,जहां धन विधेयक होने के कारण यदि
14 दिनों तक पारित भी नहीं हो पाते तो उन्हें संसद से पारित मान लिया जाएगा, जिसके
बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
हंगामे में होम रही राज्यसभा
संसद के
बजट सत्र के दूसरे हिस्से में पिछले दस दिनों से विपक्ष के हंगामे के कारण
राज्यसभा में एक भी दिन प्रश्नकाल व शून्यकाल या अन्य कार्यवाही आगे नहीं बढ़ सकी।
शुक्रवार को दसवें दिन भी सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों ने इन
मुद्दों को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। सभापति वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज
सदन के पटल पर रखवाए, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को दोपहर
ढाई बजे तक स्थगित कर दिया। दोपहर बाद सदन की शुरू हुई कार्यवाही के दौरान तेदपा
सदस्य वाईएस चौधरी ने राजग से समर्थन वापस लेने संबन्धी जानकारी के लिए अपने अधूरे
बयान को आगे बढ़ाया। इसके बाद हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही सोमवार 11 बजे तक
के लिए स्थगित कर दी गई।
17Mar-2018
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