छह
राज्यों में यूपी की दस सीटों के चुनाव पर सबकी निगाहें
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
राज्यसभा
में अप्रैल व मई में रिक्त होने वाली 16 राज्यों की 58 सीटों में से 10 राज्यों के
लिए 33 प्रत्याशियों के निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद अब बाकी छह राज्यों की 25
सीटों पर कल 23 मार्च को मतदान होगा। इन सीटों के लिए होने वाले चुनाव में सबकी
नजरें उत्तर प्रदेश की सर्वाधिक दस सीटों पर होगी, जहां सियासी दलों की प्रतिष्ठा
दांव पर लगी हुई है।
राज्यसभा
की इन 58 सीटों में दस राज्यों की रिक्त 33 सीटों पर कोई अतिरिक्त प्रत्याशी न
होने के कारण सभी निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिये गये हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश
की दस सीटों पर 11, छत्तीसगढ की एक सीट पर दो, पश्चिम बंगाल की पांच सीटों पर छह,
कर्नाटक की चार सीटों पर पांच, तेलंगाना की तीन सीटों पर चार और झारखंड की दो सीटो
पर तीन प्रत्याशियों के चुनाव मैदान में होने के कारण 23 मार्च शुक्रवार को मतदान
कराया जाएगा। मसलन इन राज्यों में अपने-अपने प्रत्याशियों को राज्यसभा भेजने के
लिए भाजपा व कांग्रेस समेत विभिन्न दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। चुनाव
आयोग की अधिसूचना के अनुसार शुक्रवार शाम को मतगणना के बाद यह तय हो जाएगा कि किस
राज्य से किस दल का कौन प्रत्याशी निर्वाचित होकर राज्यसभा पहुंचेगा।
भाजपा की बढ़ेगी ताकत
राज्यसभा
की 16 राज्यों की 58 सीटों पर हो रहे चुनावों में सत्तारूढ़ दल की ताकत में इजाफा
होना तय है। इनमें में से सदन में भाजपा की रिक्त 17 सीटों में 12 अतिरिक्त सीटों
के इजाफा होने के आसार हैं। अभी तक 10 राज्यों में निर्विरोध निर्वाचित 33 सदस्यों
में भाजपा के 16 सदस्य शामिल हैं, जिनमें सात केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। इन
चुनावों में सबसे बड़ा नुकसान सपा को हो रहा है, जिसकी यूपी में छह सीटें खाली हो
रही हैं, जिनमें केवल सदस्य ही राज्यसभा में पहुंच पाएगा। हालांकि भाजपा ने गुजरात
में दो, बिहार में एक सीट खोई है, लेकिन उससे ज्यादा राजस्थान, महाराष्ट्र,
हरियाणा व उत्तराखंड में कांग्रेस की रिक्त सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी निर्विरोध
निर्वाचित कराकर बढ़त हासिल कर ली है। भाजपा को यूपी से सबसे ज्यादा बढ़त मिलेगी,
जबकि छत्तीसगढ़ में खाली होने वाली भाजपा ने भूषणलाल जांगडे की खाली सीट पर सरोज
पांडेय को प्रत्याशी बनाया है, लेकिन कांग्रेस ने इसी पर अपना प्रत्याशी भी खडा कर
दिया, जहां दोनों दलों की प्रतिष्ठा दांव पर होगी।
बढ़ सकती हैं बसपा की मुश्किलें
उत्तर
प्रदेश की रिक्त दस सीटों में आठ सीटें भाजपा की झोली में आना तय है, हालांकि
नौवीं सीट के लिए भी प्रयास किये जा रहे हैं, जो सपा के शिवपाल गुट के सात सदस्य
भाजपा के इस प्रयास की नैया पार लगा सकते हैं। यूपी में भाजपा प्रत्याशियों में
प्रमुख रूप से केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, डॉ. अनिल जैन, जीवीएल नरसिम्हा राव के
अलावा डॉ. अशोक बाजपेयी, विजयपाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता कर्दम, हरनाथ सिंह
यादव तथा अनिल अग्रवाल हैं, जबकि सपा की जया बच्चन व बसपा के भीमराव चुनाव मैदान
में हैं।
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क्या उत्तर प्रदेश के सियासी घमासान का गणित
शुक्रवार
यानि 23 मार्च को जिन छह राज्यों में 25 सीटों के लिए चुनावी जंग होनी है, उसमें
सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश की दस सीटों पर सियासी गणित के जोड़-भाग किये
जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के चुनावी गणित पर गौरत की जाए तो सत्तारूढ़ भाजपा के
पास 403 सदस्यीय विधानसभा में सहयोगियों समेत 324 विधायक हैं, जिसमें एक सदस्य के
लिए 37 विधायकों की जरूरत होगी, जिसके आधार पर भाजपा के नौ प्रत्याशियों में से आठ
प्रत्याशी आसानी के साथ जीत कर राज्यसभा पहुंच जाएंगे। इसके बाद सत्तारूढ दल के
पास 28 विधायक बचते हैं जिसे नौवें प्रत्याशी को जिताने के लिए महज नौ वोटों की
जरूरत है। वहीं सपा के 47 विधायकों में जयाबच्चन का राज्यसभा में फिर से आना तय
है, जिसके पास बाकी 10 वोट बचने पर वह 19 विधायकों वाले बसपा के प्रत्याशी को
समर्थन दे रही है। बसपा प्रत्याशी को सपा के अलावा कांग्रेस के सात व रालोद के एक
विधायक का भी समर्थन के अलावा निर्दलीयों के समर्थन का भी प्रयास किया जा रहा है,
लेकिन सपा प्रमुख द्वारा इन चुनावों के मद्देजनजर बुलाई गई बैठक में उसके चाचा
शिवपाल समेत सात विधायकों की गैरमौजूदगी ने बसपा प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ा दी
हैं। सूत्रों के अनुसार सपा के सात विधायक क्रासवोटिंग करके भाजपा के नौवें
प्रत्याशी का सहारा बन सकते हैं।
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राज्यसभा में पहुंचने वालों
में होगा अमीरों का वर्चस्व
चुनाव में
उतरे 25 फीसदी प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
राज्यसभा
पहुंचने वाले 58 सदस्यों में 85 फीसदी सदस्य अमीर होंगे। इन सीटों के 23 मार्च को
चुनाव होना है, जिसमें सर्वाधिक अमीर प्रत्याशियों में जदयू व टीआरएस के शतप्रतिशत
तथा उसके बाद 90-90 फीसदी अमीर उम्मीदवार भाजपा व कांग्रेस के करोड़पतियों की सूची
में शामिल है। वहीं इनमें 25 फीसदी
उम्मीदवारों के नाम आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े हुए हैं।
राज्यसभा
की अप्रैल व मई में रिक्त होने वाली 16 राज्यों की 58 सीटों के लिए 23 मार्च को
चुनाव होना तय है, हालांकि दस राज्यों के लिए 33 उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध
निर्वाचित हो चुके हैं और बाकी छह राज्यों में 25 सीटों पर चुनाव लड रहे
उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 23 मार्च हो मतदान के जरिए होना है। चुनाव सुधार
के लिए काम कर रही गैर सकारी संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने इन
सीटों पर चुनाव मैदान में उतरे विभिन्न दलों के 64 में से 63 प्रत्याशियों के
शपथपत्रों का विश्लेषण करने के बाद खुलासा किया है कि इनमें 55 प्रत्याशी
करोड़पतियों की सूची में शामिल है। सबसे ज्यादा तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के
तीनों उम्मीदवार तथा जदयू के दोनों उम्मीदवार शतप्रतिशत करोड़पति हैं। दूसरे
पायदान पर भाजपा के 29 में से 26 और कांग्रेस के 11 में से 10 उम्मीदवार यानि 90-90
फीसदी करोड़पतियों की सूची में शामिल हैं, जबकि तृणमूल कांग्रेस के चार में तीन
यानि 75 फीसदी अमीर हैं।
महेन्द्र प्रसाद सबसे अमीर
राज्यसभा
चुनाव के उम्मीदवारों में सबसे अमीर बिहार से जदयू प्रत्याशी महेंद्र प्रसाद हैं, उनके
पास कुल 4378 करोड़ की संपत्ति है। वहीं दूसरे नंबर पर सपा प्रत्याशी जया बच्चन हैं।
उनके पास 1001 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। तीसरे नंबर पर कर्नाटक से जेडी(एस) प्रत्याशी
बीएम फारूख हैं, उनके पास 766 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी है। चौथे नंबर पर पश्चिम
बंगाल से कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी हैं, इनके पास 649 करोड़ से ज्यादा
कि संपत्ति है। वहीं पांचवें नंबर पर आंध्र प्रदेश से टीडीपी उम्मीदवार सीएम रमेश हैं,
इनके 258 करोड़ से ज्यादा कि प्रॉपर्टी है।
25 फीसदी पर आपराधिक दाग
एडीआर की
रिपोर्ट के अनुसार राज्यसभा चुनाव मैदान में उतरे इन प्रत्याशियों में 16 यानि 25
फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। इनमें राजद, शिवसेना और जद(एस) के सभी
प्रत्याशियों यानि 100 फीसदी के नाम दागियों की फेहरिस्त में शामिल है। इसके बाद
बीजद के 67 फीसदी, तेदपा के 50 फीसदी, भाजपा के 24 फीसदी, कांग्रेस के 18 फीसदी
उम्मीदवार इस सूची में शामिल हैं। राजद के 50 फीसदी, बीजद के 33 फीसदी, भाजपा के
14 फीसदी और कांग्रेस के शतप्रतिशत प्रत्याशियों पर संगीन अपराधों के तहत मुकदमें
विचाराधीन हैं।22Mar-2018
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