शनिवार, 17 मार्च 2018

रेल इंजनों की परिचालन क्षमता होगी बेहतर



भारतीय रेलवे ने विकसित किया सॉफ्टवेयर
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय रेल ने बिजली और डीजल से चलने वाले इंजनों की परिचालन क्षमता का बेहतर इस्‍तेमाल की दिशा में नवीन विश्‍लेषणात्मक उपाय शुरू किए हैं। इसी के रेलवे ने ऐसे इंजनो के परिचालन की समय सारिणी के लिए अंक गणना के आधार पर विकसित सॉफ्टवेयर का तैयार किया गया है।
रेल मंत्रालय के अनुसार अभी तक भारतीय रेल के पास देशभर में बिजली और डीजल से चलने वाले यात्री रेल के 3300 इंजनों का इस्‍तेमाल एक पूर्व निर्धारित समय सारिणी के अनुसार लोकोमोटिव लिंक के तहत किया जाता है, जो अभी तक यह समय सारिणी रेलवे के सभी 16 जेान द्वारा अपने हिसाब से हाथ से तैयार की जाती है, लेकि‍न अब इसके लिए तैयार किये गये साफ्टवेयर से परिचालन क्षमता को बेहतर किया जा सकेगा। रेल मंत्रालय ने इस प्रणाली को राष्‍ट्रीय स्तर पर यात्री गाड़ियों को चलाने के लिए इंजनों के बेहतर इस्‍तेमाल के लिए अंकगणना पर आधारित यह प्रणाली विशेषज्ञों की मदद से विकसित और कार्यान्वित की है। इस प्रणाली में एक गणितीय मॉडल का इस्तेमाल किया गया है, ताकि रखरखाव और संचालन आवश्यकताओं को पूरा करते हुए समय-सारणी के अनुसार सभी यात्री गाड़ियों को चलाने के लिए कम से कम इंजनों का इस्तेमाल किया जा सके। यात्री रेलगाडि़यों के परिचालन समय में अक्सर होने वाले परिवर्तनों,नयी रेलगाड़ियां शुरु होने तथा कयी रेल मार्गों का विद्युतीरण होने की वजह से यात्री रेलगाड़ियों की समय सारिणी बनाना एक बेहद जटिल काम होता है।
पायलट परियोजना लागू
रेलवे बोर्ड के ट्रांसफॉर्मेशन सेल द्वारा एक पायलट योजना के तहत रेलवे के सभी 16 जोन ने मिलकर इसकी शुरुआत कर दी है, जिसके जरिए लोकोमोटिव लिंक का पुनर्गठन किया गया है। इससे यात्री रेलगाडि़यों में प्रयुक्त होने वाले करीब 720 करोड़ रुपये की लागत वाले 30 डीजल और 42 इेलेक्ट्रिक इंजनों की बचत होगी, जिनका इस्‍तेमाल आगे मालगाड़ियों को चलाने में और रेलवे के लिए अतिरिक्त राजस्व अर्जित करने के लिए किया जा सकेगा। रेल मंत्रालय ने इसे ध्‍यान में रखते हुए 2018-19 के बजट में यात्री रेलगाड़ियों में डीजल और बिजली के इंजनों के इस्‍तेमाल की नवीन विश्लेषाणात्मक प्रणाली को सीआरआईए द्वारा संस्‍थागत स्तर पर विकसित करने और क्रियान्वित करने की परियोजना के लिए आवंटन किया है। 
17Mar-2018

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