गुरुवार, 15 मार्च 2018

सीमापार से घुसपैठ रोकने की तकनीकी योजना



सैन्य बलों की चौकसी से घटनाओं में आई कमी: केंद्र
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
सीमापार की और से बढ़ती घुसपैठ को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक संसाधन मुहैया कराने के अलावा तकनीकी इस्तेमाल की योजनाओं को अंजाम दिया है। सरकार की ऐसी योजनाओं के कारण ही सैन्य बलों की चौकसी के कारण घुसपैठ में कमी आई है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार देश की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को सुरक्षित रखने की दिशा में खासकर पाकिस्तान की सीमा से हो रही अवैध घुसपैठ समेत सीमापार से होने वाले अपराधों को रोकने की दिशा में केंद्र सरकार ने प्रभावी रूप से बहु आयामी दृष्टिकोण अपनाया है। सरकार ने भारत-पाक और बांग्लादेश सीमा के विभिन्न क्षेत्रों में प्रायोगिक आधार पर एक व्यापक समेकित सीमा प्रबंधन प्रणाली के रूप में तकनीकी समाधान लागू किया है। इस तकनीकी समाधान के साथ सीमाओं पर कमांड और नियंत्रण प्रणाली वाले नेटवर्क आर्किटेक्चर में सेंसरों तथा रडार के अलावा दिन एवं रात में देखने वाले कैमरों की निगरानी उपकरण लगाए हैं। गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू का कहना है कि सीमाओं को बाड़, गश्त, प्लड लाइट प्रणली एवं अतिरिक्त सीमा चौकियों का निर्माण करने के अलावा सीमाओं पर 24 घंटे सुरक्षा बलों की चौकसी सुनिश्चित की गई है। सीमाओं पर चौकसी और सुरक्षा को अत्यंत मजबूती देने के लिए सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक हथियार मुहैया कराने के साथ उनके संसाधनों को भी उच्च तकनीक से लैस किया गया है। रिजिजू के अनुसार केंद्र सरकार सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए लगातार प्रक्रियाओं को जारी रखे हुए है।
तीन सालों में 52 जवान शहीद
सीमापार से पिछले तीन सालों में घुसपैठ की घटनाओं की जानकारी देते हुए गृहमंत्रालय ने बताया कि इस वर्ष पहले दो माह में जम्मू-कश्मीर में 16 मामले सामने आए, लेकिन उन्हें नाकाम करते हुए सुरक्षा बलों ने चार घुसपैठी आतंकियों को मार गिराया है। जबकि वर्ष 2017 के दौरान जम्मू-कश्मीर में 406 घुसपैठ के मामलों में 16 सुरक्षाकर्मी, 12 नागरिक मारे गये, जबिक 31 आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा गया। वर्ष 2016 में 371 घुसपैठ की घटनाओं के दौरान तीन आतंकी पकड़े गये और 14 को मार गिराया गया। मुठभेड और हमले के दौरान आठ सैन्यकर्मी और 13 आम नागिरक भी इन घटनाओं में मारे गये। वर्ष 2015 के दौरान घुसपैठ के 115 मामलों के दौरान एक आतंकी को पकडा गया। मुठभेड व गोलीबारी में 16 नागरिक व दस सुरक्षाकर्मी मारे गये। जबकि 30 घुसपैठियों को मौत के घाट उतारा गया।
15डंत92018

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