केंद्र सरकार ने बढ़ाया पीएम रोजगार प्रोत्साहन योजना का दायरा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र
सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे लाने की दिशा
में प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के कार्य क्षेत्र में वृद्धि की है।
सरकार के इस निर्णय से असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को भी पीएफ
की सुविधा मिलेगी, जिनके नए ईपीएफ खातों में 12 प्रतिशत रकम का योगदान सरकार द्वारा
किया जाएगा।
यह
जानकारी गुरुवार को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने बताते हुए
कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा
प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई) के कार्य क्षेत्र में वृद्धि के
इस प्रस्ताव को मंजूरी दी हैं। इस मंजूरी के तहत केंद्र सरकार अब सभी क्षेत्रों के
लिए नये कर्मचारी के ईपीएफ खातों में पहले तीन साल के लिए सरकार नियोक्ता के योगदान
के साथ 12 प्रतिशत का योगदान केंद्र सरकार देगी। गंगवार ने कहा कि केंद्र सरकार ने
इसके लिए प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना का दायरा बढ़ा दिया है। पहले इस स्कीम
के तहत केवल संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी ही आते थे, लेकिन अब इसका फायदा
असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को भी मिलना शुरू हो जाएगा। इस योजना को
प्रोत्साहित करने की दिशा में ही केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र के करीब एक
करोड़ कर्मचारियों के नए ईपीएफ खातों में 12 फीसदी धनराशि का योगदान देने का फैसला
किया है, जिसमें सरकारी खजाने पर 6500 करोड़ से दस हजार करोड़ रुपये का बोझ
बढ़ेगा।
क्या है पीएमआरपीवाई
मोदी
सरकार ने अगस्त 2016 में रोजगार सृजन और कामगारों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में
लाने की दिशा में प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना को शुरू किया था। मंत्रालय
के अनुसार इस योजना में केंद्र सरकार 15 हजार रूपये प्रति महीने तक के वेतन के साथ
एक नये सार्वभौमिक खाता नंबर (यूएएन) रखने वाले नए कर्मचारियों के लिए कर्मचारी पेंशन
योजना में नियोक्ताओं के 8.33 प्रतिशत योगदान का भुगतान कर रही है। इस योजना का दोहरा
लाभ है। एक तरफ नियोक्ताओं को प्रतिष्ठानों में कामगारों के रोजगार आधार में वृद्धि
करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है, तो दूसरी तरफ बड़ी संख्या में कामगार ऐसे प्रतिष्ठानों
में रोजगार पा रहे हैं। इसका एक प्रत्यक्ष लाभ यह है कि इन कामगारों को संगठित क्षेत्र
के सामाजिक सुरक्षा लाभों की सुविधा मिल सकेगी। अब इसी प्रकार की सुविधा असंगठित
क्षेत्र के कर्मचारियों को भी मिलेगी।
ये होगा फायदा
मोदी सरकार
के इस निर्णय के बाद अब संगठित क्षेत्र के कामगारों की तरह ही असंगठित क्षेत्र में
काम करने वाले कर्मचारयिों को भी सामाजिक सुरक्षा के तहत पीएफ और पेंशन की सुविधा
हासिल हो सकेगी। वहीं इस योजना के प्रावधानों व सहुलितों के आधार पर लोगों के लिए रोजगार
के नए अवसर भी पैदा होंगे। गौरतलब है कि अभी तक असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों
के लिए सामाजिक सुरक्षा कवर का कोई प्रावधान नहीं था।
क्या है असंगठित क्षेत्र
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अनुसार असंगठित क्षेत्र
में ऐसे सभी संस्थान आते हैं जो 1948 के फैक्टरी एक्ट के अंतर्गत शामिल नहीं हैं।
ऐसे संस्थानों में अधिक लोग काम करते हैं, लेकिन अव्यवस्थित और अनौपचारिक उद्योग
के कारण ऐसे संस्थानों में काम करने वालों का ब्यौरा सरकार नहीं रखती। केंद्र
सरकार ने उद्योगवार या क्षेत्रवार फुटकर संस्थानों का थोड़ा अध्ययन कराने के बाद
जिस समान्य परिस्थिति का आकलन किया है उसके मद्देनजर ऐसे संस्थानों में काम करने
वाले और उनके परिजनों की हालत बद से बदतर है, जिसमें सुधार करने की दिशा में
केंद्र सरकार ने ऐसे संस्थानों के कर्मचारियों को भी सामाजिक दायरे में शामिल करने
की पहल की है।30Mar-2018
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