सोमवार, 19 मार्च 2018

लोकसभा:आज हो सकती है अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा!



राजग सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर टिकी नजरें
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।   
संसद की दो सप्ताह की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ चुकी है। अब कल सोमवार से शुरू होने वाली कार्यवाही में लोकसभा में वाईएसआर कांग्रेस व तेदपा द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करेगी, जिस पर चर्चा होने की संभावना को देखते हुए लोकसभा की कार्यवाही पर नजरें होगी। हालांकि इस प्रस्ताव के पारित होने की संभावनाएं क्षीण हैं।
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे के कारण अभी तक कार्यवही पटरी पर नहीं आ सकी, बल्कि आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग को लेकर राजग से नाता तोड चुकी तेदपा के समर्थन से वाईआरएस कांग्रेस 19 मार्च यानि कल सोमवार को राजग सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दे चुकी है और इस प्रस्ताव पर कुछ विपक्षी दलों का समर्थन देने का ऐलान किया जा चुका है। शुक्रवार को भी अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया गया था, लेकिन हंगामे के कारण उसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका, जिसके कारण वाईआरएस कांग्रेस व तेदपा ने नए सिरे से सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया है, जिस पर चर्चा होने की संभावना है। इस प्रस्ताव को मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, एआईएडीएमके, एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी ने भी समर्थन करने की घोषणा की है। इसके बावजूत अन्य विपक्षी दलों का इस प्रस्ताव को समर्थन मिलेगा या नहीं इस पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं, क्योंकि विपक्ष जानता है कि लोकसभा में राजग का बहुमत होने के कारण इस अविश्वास प्रस्ताव का गिरना तय है, जिसका राजनीतक दृष्टि से समर्थन करने वाले दलों के लिए विपरीत संदेश जाएगा।                           
मोदी सरकार को खतरा नहीं
लोकसभा में फिलहाल 536 सदस्य सदस्य हैं। इसमें राजग के कुल 328 सांसद में से तेदपा के 16 सांसदों के अलग होने के बाद अब यह संख्या 312 रह गई है, जिनमें भाजपा के 274, शिवसेना के 18, लोजपा के 6, शिरोमणि अकाली दल के 4, आरएलएसपी के 3, जदयू व अपना दल के दो-दो, पीडीपी, एसडीएफ और स्वाभिमान पक्ष के एक-एक सदस्य शामिल हैं। इसलिए तेदपा के साथ वाईएसआर कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा भी होती है, तो इसके बावजूद मोदी सरकार के खिलाफ इस प्रस्ताव पारित होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है।
क्या है अविश्वास प्रस्ताव के नियम
तेदेपा और वाईएसआर के राजग सरकार के खिलाफ सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव लाने के नियमों की बात की जाए तो इसके समर्थन में कम से कम 50 सदस्यों के हस्ताक्षर होना जरूरी है, जिसके बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा की जा सकती है, लेकिन लोकसभा में पहले से ही भाजपानीत राजग का संख्या बल पर्याप्त है। इसलिए चर्चा के बाद मत विभाजन में यह प्रस्ताव गिरना तय है। भाजपा ने पहले से ही पार्टी सांसदों के लिए व्हिप जारी किया हुआ है।
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भाजपा मुकाबले को तैयार 
राजग को इस अविश्वास प्रस्ताव से किसी तरह का खतरा नहीं है, लेकिन तेदपा के अलग होने के बाद भाजपा के खिलाफ एक माहौल बनाकर विपक्ष एकजुटता का प्रयास कर रहा है पूरा विपक्ष एकजुट नजर आ रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पहले ही कह चुके हैं कि लोकसभा में भाजपा विपक्ष द्वारा प्रस्तावित अविश्वास प्रस्ताव का मुकाबला करने को तैयार है और तीन सौ सदस्यों से भी ज्यादा सांसदों के समर्थन वाला राजग आसानी से इस चुनौती से पार पा लेगा।  हालांकि अमित शाह ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर अविश्वास प्रस्ताव इतनी देर से क्यों लाया जा रहा है, हमारी सरकार इस प्रस्ताव का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। सदन में नियमों के हिसाब से मुद्दों पर बहस होनी चाहिए। कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों को अपनी आने वाली हार दिख रही है और इसीलिए वे सदन के कामकाज में बाधा डाल रहे हैं।
19Mar-2018


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