शुक्रवार, 13 मई 2016

अब ऐसे होगी बसों में सवारियों की सुरक्षा

अनिवार्य हो गया बसों में अलर्ट बटन, जीपीएस व सीसीटीवी कैमरा
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में सड़क हादसों के अलावा बसों में यात्रियों को सहूलियते देने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने बसों आपरेटरो पर शिकंजा कसने का फरमान जारी कर दिया है। सरकार ने एक अधिसूचना जारी करके 23 सीटर और उससे ज्यादा सवारियों की क्षमता वाली बसों में अलर्ट बटन, जीपीएस और सीसीटीवी कैमरे लगाना जरूरी कर दिया है।
केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय मंत्रालय के अनुसार अधिसूचना मसौदा जारी करने का मकसद बसों में यात्रियों खासकर महिलाओं को सुविधाएं देना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। केंद्र सरकार की सुरक्षा की दृष्टि से तैयार की गई योजना के अनुसार 23 सीटर और उससे ज्यादा सवारियों की क्षमता वाली बसों में अब जीपीएस, अलर्ट बटन और सीसीटीवी कैमरा जरूरी होगा, जबकि 23 से कम सवारियों की क्षमता वाली गाड़ियों में व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम और इमरजेंसी बटन जरूरी होगा। अधिसूचित मसौदे में निर्देश दिये गये हैं कि यह तीनों उपकरण वाहन निमार्ता, डीलर या फिर गाड़ी के मालिक द्वारा लगवाया जाना जरूरी होगा।
सिरे नहीं चढ़ी यूपीए की योजना
सूत्रों के अनुसार नई दिल्ली में चलती बस में निर्भया कांड के बाद यूपीए सरकार ने भी निर्भया फंड की स्थापना करके ऐसी ही एक योजना को हरी झंडी देते हुए 32 शहरों में खासकर महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से आदेश जारी किये थे कि सार्वजनिक परिवहन वहानों में अलर्ट बटन, सीसीटीवी कैमरा और जीपीएस डिवाइस लगाया जाए। इस आदेश के बावजूद यूपीए सरकार की यह योजना अभी तक भी सिरे नहीं चढ़ पायी। इस योजना की समीक्षा के बाद केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने इस योजना को सख्ती के साथ लागू करने का मसौदा तैयार कराया और उसकी अधिसूचना जारी कर दी। गौरतलब है कि दिल्ली में 2012 दिसंबर में चलती बस में 23 वर्षीय युवती के साथ गैंगरेप की घटना दुनिया में सुर्खियां बनी तो तत्कालीन यूपीए सरकार ने निर्भय फंड बनाकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्हीकल्स में कई कदम उठाने के तहत इस योजना को तैयार किया था।
निर्देशों के उल्लंघन पर खैर नहीं
मंत्रालय के अनुसार इस योजना के अधिसूचित नियमों को उल्लंघन करने वाले बस आपरेटरों या मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाही अमल में लाई जाएगी। इस योजना के जरिए सरकार का मकसद पब्लिक व्हीकल्स के रूट्स को ट्रैक करना, नियमों की अनदेखी पर उनको अलर्ट करना और इमरजेंसी के लिए पैनिक बटन द्वारा पुलिस को अलर्ट करना है, ताकि जरूरत के वक्त मदद उपलब्ध करवाई जा सके। नोटिफिकेशन के अनुसार टू व्हीलर्स, गुड्Þस कैरियर व अन्य ट्रांसपोर्ट व्हीकल्स जिन्हें मोटर व्हीकल कानून के तहत परमिट लेने की जरूरत नहीं है, उन्हें इस निर्देश से बाहर रखा गया है।
क्या होंगे नये नियमों के फायदे
केंद्रीय सड़क मंत्रालय के अनुसार जारी अधिसूचना से बसों में खासकर महिलाओं को यात्रा करते समय पर राष्ट्रीय, राज्य व शहर स्तर पर कंट्रोल रूम और सिटी कमांड स्थापित करने में मदद मिलेगी। वहीं 24 घंटे टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर शुरू किया गया। जीपीएस के सहारे व्हीकल सिक्योरिटी एंड ट्रैकिंग सिस्टम बनाया जाएगा, ताकि वाहन की स्थिति की जानकारी मिल सकेगी। इस योजना में वाहन का पंजीकरण, परमिट और चलाक का ड्राइविंग लाइसेंस आॅनलाइन होगा। इससे कंट्रोल रूम के कंप्यूटर में वाहन की जानकारी उपलब्ध करानी होगी। परिमट के आधार पर वाहनों के रूट पहले से तय होंगे और उनकी मैपिंग की जाएगी। गलत रूट पर जाने पर पता जीपीएस के जरिए चल सकेगा। इसके अलावा आपातकालीन बटन दबाने पर कंट्रोल रूम की इमरजेंसी टीम तुरंत मौके पर पहुंच सकेगी।
13May-2016

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