संसदीय समिति ने सरकार को सौंपी अपनी सिफारिशें
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
आखिर
केंद्र सरकार अब संसद सदस्यों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी करने के लिए
जल्द ही फैसला देगी। संसद की विशेष समिति की सिफारिशों पर वेतन और भत्ते को
दो गुना करने वाले प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय अपनी मुहर लगा चुका है और
अब केवल केंद्रीय कैबिनेट की मुहर लगने का इंतजार है, जिसके बाद संसद अपनी
मंजूरी देगा। सांसदों के वेतन एवं भत्तो से संबन्धित भाजपा सांसद
आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली सांसदों के वेतन एवं भत्तो से संबन्धित
संसदीय समिति ने सरकार को अपनी सिफारिशें और रिपोर्ट सौंप दी है। अब केवल
मोदी सरकार की कैबिनेट की मुहर लगने के बाद संसद के अगले सत्र में इन
सिफारिशों के आधार पर एक विधेयक पारित कराया जाएगा और सांसदों के वेतन में
100 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाएगी। समिति की सिफारिशों पर वित्त मंत्रालय की
मंजूरी के तहत सांसदों का कुल वेतन भत्ता एक लाख 40 हजार है, जो बढ़कर सीधा
दो लाख 80 हजार रुपए हो जाएगा।
छह साल का इंतजार होगा खत्म
इससे
पहले सांसदों के वेतन में छह साल पहले बढ़ोतरी की गई थी। योगी आदित्यनाथ की
अगुवाई वाली समिति ने पेंशन में भी 75 फीसदी बढ़ोत्तरी करने का सुझाव दिया
है। समिति की सिफारिशों को लेकर सभी मंत्रालयों को एक कैबिनेट नोट भेजा गया
है। उनके स्वीकृति के बाद इसे संसद के सामने रखा जाएगा।
क्या है समिति की सिफारिश?
संसद
की विशेष समिति ने सांसदों के वेतन में बढ़ोत्तरी की सिफारिश की थी। इसके
तहत सांसदों का वेतन 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपए प्रति माह करने की
सिफारिश की गई है। इसके साथ ही संसदीय क्षेत्र का भत्ते को 45 हजार से
बढ़ाकर 90 हजार करने की अनुशंसा की गई। गौरतलब है कि इसके लिए तीन सदस्य
स्वतंत्रत पारिश्रमिक आयोग बनाने का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद सरकार ने
संसद की एक विशेष समिति को रिपोर्ट सौंपने को कहा था।
वेतन के नाम पर एकमत सांसद
संसद
सदस्य अपने वेतन-भत्तों में 100 फीसदी वृद्धि करने पर एकमत हैं, जिसमें
‘अच्छे आचरण’ के कारण वेतन-भत्ते में बढ़ोत्तरी चाहते हैं। वेतन वृद्धि को
लेकर सांसदों को लगता है कि अपने अच्छे रवैये की वजह से वह इस बढ़ोतरी के
लायक हैं। संसदीय सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक किसी नौकरशाहों
का न्यूनतम वेतन 18,000 और अधिकतम 2 लाख 25 हजार हो सकता है। कैबिनेट सचिव
और समकक्ष अधिकारी के लिए 2.5 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन का प्रस्ताव है।
समाजवादी
पार्टी के नरेश अग्रवाल ने वेतन वृद्धि का मुद्दा राज्यसभा में उठाया था।
मीडिया पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा सासंदों के वेतन और भत्ते से जुड़ी
एक रिपोर्ट को संसदीय समिति ने जमा कर दिया है, लेकिन मीडिया दबाव की वजह
से उसे दबा दिया गया। अग्रवाल ने कहा कि अपने अच्छे रवैये की वजह से वह इस
बढ़ोतरी के लिए पात्रता रखते हैं। सपा सांसद ने कहा कि कई सांसद इसे चाहते
तो हैं लेकिन डर के मारे बोल नहीं रहे हैं। इस वेतन में आप हमसे तीन घरों
के रख रखाव की अपेक्षा करते हैं। यह मुमकिन नहीं है। इस पर राज्य सभा में
विपक्ष के नेता और कांग्रेस सासंद गुलाम नबी आजाद ने अग्रवाल का समर्थन
देते हुए कहा कि वह अपने विपक्षी मित्र की इस बात से सहमत हैं। खासतौर पर
सांसदों के रवैये के मुद्दे पर। मंहगाई से सब पर असर पड़ा है, एमपी भी इससे
अछूते नहीं हैं।
01May-2016
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