
नजमा व नकवी ने किया उपलब्धियों का अलग-अलग बखान
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र
की मोदी सरकार ने अपने दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है और सभी
मंत्रालय इस दौरान की उपलब्धियों का बखान कर रहे हैं, लेकिन शायद
अल्पसंख्यकों के मामले में केंद्रीय और राज्य मंत्रियों के बीच कुछ ठीक
नहीं है, ऐसा खुलासा दो साल की उपलब्धियों पर श्रेय लेने की होड़ के रूप में
उजागर होता साफतौर से नजर आया।
राजग सरकार के दो साल की
उपलब्धियों का जश्न जोरदार ढंग से मनाने की तैयारी चल रही है तो वहीं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर उनके मंत्री अपने अपने मंत्रालय
की दो साल के कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान भी कर रहे हैं। मंगलवार को
आयोजित अल्पसंख्यक मामलों की कैबिनेट मंत्री डा. नजमा हेपतुल्ला ने
संवाददाता सम्मेलन बुलाकर मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाई, जिसमें अल्पसंख्य
मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी नदारद थे। अल्पसंख्यकों के
कल्याण और विकास की योजनाओं को लेकर मंत्रालय में केंद्रीय और राज्यमंत्री
के बीच टकराव चल रहा है उसका खुलासा कुछ देर बाद उस समय हो गया, जब मीडिया
को मंत्रालय की उपलब्धियों का ब्यौरा राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के
बयान से जारी हो गया, जिसमें नकवी ने भी अलग से एक संवाददाता सम्मेलन
बुलाकर अपने मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाई। सबसे दिलचस्प बात यह है कि
मंत्रालय की केंद्रीय मंत्री नजमा और राज्यमंत्री नकवी ने एक-दूसरे के
संवाददाता सम्मेलन बुलाने की जानकारी से इंकार कर दिया। इससे जाहिर हे कि
अल्पसंख्यक मंत्रालय में केंद्रीय और राज्यमंत्री के बीच कुछ भी ठीकठाक
नहीं चल रहा है और पिछले दिनों राज्यसभा में दोनों के बीच हुए टकराव की
पुष्टि भी होती नजर आई। केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने पीआईबी शास्त्री
भवन तो राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाता
सम्मेलन बुलाकर अपने मंत्रालय की दो साल की उपलब्धियां गिनाई और
अल्पसंख्यकों के विकास और उनके लिए योजनाओं को लागू कराने का श्रेय लेने का
प्रयास किया।
सरकार ने जीता अल्पसंख्यकों का विश्वास: नजमा
केंद्रीय
अल्पसंख्यक मामलों की केंद्रीय मंत्री डा. नजमा हेपतुल्ला ने अपने
मंत्रालय की सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर रिपोर्ट कार्ड जारी करते
हुए कहा कि मोदी की सरकार ने सिर्फ ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारा नहीं
दिया[ बल्कि अल्पसंख्यकों के कल्याण और विकास योजनाओं को अंजाम देकर
अल्पसंख्यकों में पैदा किये गये खौफ को भी दूर किया है। उन्होंने योजनाओं
के नतीजे भी गिनाये। उन्होंने कहा कि सरकार ने देशभर के मदरसों में कौशल
विकास के लिए वर्ल्ड बैंक ने 50 मिलियन डॉलर कर्ज दिया है। उन्होंने कहा कि
हुनर से रोजगार स्कीम के जरिए पुश्तैनी काम को बढ़ावा दिया गया, तो वहीं
वक्फ संपत्तियों को भी अल्पसंख्यकों के विकास की बड़ी परिसंपत्ति बनाने की
राह आसान की है। उन्होंने कहा कि इस बार कोचिंग से अल्पसंख्यक वर्ग के पांच
बच्चे सिविल सर्विस में आए। सरकार लड़कियों को स्कॉलरशिप और फेलोशिप देकर
उनके कौशल विकास को बढ़ावा दे रही है। नजमा ने कहा कि छह लाख करोड़ की वक्फ
संपत्तियों से भी अल्पसंख्यक समुदाय के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
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राजनीतिक पाखंड से बाहर आए अल्पसंख्यक: नकवी
दो
साल के कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान करते हुए अल्पसंख्यक राज्यमंत्री
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सेकुलरिज्म के नाम पर दशकों से चल रहे
‘पोलिटिकल पाखण्ड’ को दरकिनार कर मोदी सरकार ने अल्पसंख्यकों की
तालीम,तरक्की, तहμफुज (सुरक्षा) को केंद्र बिंदु बनाकर उनके सशक्तिकरण के
कार्यक्रमों, योजनाओं को जमीन पर उतारने का सार्थक काम किया, जिसके कारण
देश के सभी वर्गों के साथ अल्पसंख्यकों में भी ‘विकास और विश्वास’ का माहौल
बना है। वहीं नकवी ने कहा कि प्रशासनिक सेवा में अल्पसंख्यक समुदाय के
उम्मीदवार चुना जाना मोदी सरकार की नीतियों की देन है। नकवी ने कहा कि
अल्पसंख्यक मंत्रालय का बजट इस साल 87 करोड़ बढाकर 3800करोड़ ही नहीं किया
गया है बल्कि प्रधानमंत्री के नए 15-सूत्रीय कार्यक्रम के तहत कई अन्य
मंत्रालयों ने अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में शिक्षा, रोजगार, सड़क,
बिजली, पानी और अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए अपने मंत्रालय के बजट से 15
प्रतिशत खर्च करने की दिशा में प्रभावी काम किये गये। यही कारण है कि खासकर
गरीब अल्पसंख्यक परिवारों को आर्थिक-सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों का बड़े
पैमाने पर फायदा पहुंचा।
25May-2016

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