संसद में सत्तापक्ष कर सकता है जेपीसी जांच की मांग
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद
के बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले सप्ताह में गरमाए वीवीआईपी हेलीकॉप्टरो
की अगस्ता वेस्टलैंड डील का संग्राम कल सोमवार से अगले सप्ताह की कार्यवाही
के दौरान भी थमने के आसार नहीं है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के खिलाफ
सरकार के हाथ लगे इस मुद्दे पर सत्तापक्ष भाजपा इसकी जांच के लिए संयुक्त
संसदीय समिति के गठन की मांग भी कर सकता है।
दरअसल अगस्ता
वेस्टलैंड डील में इटली की एक अदालत के फैसले में कथित तौर पर कांग्रेसी
नेताओं के नाम आने के बाद गरमाई सियासत के बीच ही 25 अप्रैल को संसद सत्र
शुरू हो गया। इस सत्र दूसरे ही दिन भाजपा को कांग्रेस के खिलाफ एक बड़ा
मुद्दा संजीवनी के रूप में मिल गया, जिसके कारण इस मुद्दे पर संसद में
भाजपा-कांगे्रस के बीच संग्राम शुरू हो गया। इस मौके को गंवाएं बिना
सत्तापक्ष की ओर से भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने आक्रमकता के साथ
राज्यसभा में उठाया और कांग्रेस और उसकी पूर्ववर्ती सरकार पर जिस तरह के
आरोप लगाए, उससे सत्तापक्ष और विपक्ष में एक-दूसरे पर तीखे शब्दबाणों की
वर्षा शुरू हो गई। इस मामले पर कांग्रेस पूरी तरह से हलकान है और वह अब
आक्रमक होती भाजपा के खिलाफ अपने बचाव में कई तरह की रणनीतियों का तानाबाना
बुन रही है। सूत्रों के अनुसार सरकार को घेरने के फेर में जुटी रहने वाली
कांग्रेस पर हावी होने के इस मौके को सरकार और उसका नेतृत्व कर रही भाजपा
अब किसी भी कीमत पर चूकना नहीं चाहती। सूत्रों के अनुसार संसद और संसद के
बाहर कांग्रेस को घेरने के लिए सत्तापक्ष ने इस मुद्दे की जांच के लिए
संयुक्त संसदीय समिति यानि जेपीसी के गठन की मांग कर सकती है। कांग्रेस
इसलिए भी इस मुद्दे पर हलकान है कि सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसी भी इटली
की अदालत में उजागर नामों पर कार्यवाही करने के लिए पूरी तरह से सक्रिय हो
गई हैं।
जेपीसी की मांग की वजह
सत्तापक्ष इस
रणनीति के सहारे जहां कांग्रेस पर दबाव बनाते हुए जरूरी विधायी कार्यो को
पूरा कराने का प्रयास करेगी, वहीं जेपीसी की जांच पूरी होने के लिए लगने
वाले लंबे समय तक इस मुद्दे को जिंदा रखते हुए कांग्रेस को घेरे रखने के
मूड़ में है। मसलन जेपीसी में लोकसभा में मजबूत वजूद होने के कारण भाजपा के
ज्यादा सदस्य शामिल रहेंगे तो इस दौरान संबन्धित लोगों से पूछताछ के दौरान
सरकार के हाथ और भी चौंकाने वाले तथ्य हाथ लग सकते हैं। इससे पहले राज्यसभा
में भाजपा के सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी इस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए
नोटिस दे चुके हैं और ऐसी भी संभावना है कि इस मुद्दे पर संसद में चर्चा भी
कराई जाए, जिसमें अगस्ता वेस्टलैंड के मुद्दे पर संग्राम जारी रहने के
आसार हैं।
चार मई को संसद में बयान
उधर
केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस विवादास्पद अगस्तावेस्टलैंड
हेलीकॉप्टर सौदे में चार मई को वह संसद के समक्ष विस्तार के साथ सभी तथ्यों
के साथ बयान देने ऐलान किया है, जिसमें संसद को बताएंगे कि इस डील में किस
तरह और कैसे कंपनियों के मुताबिक नियमों और प्रावधानों में ढील देकर यूपीए
ने रिश्वत हथियाने का जरिया बनाया है।
सड़क पर आएगी कांग्रेस
अगस्ता
वेस्टलैंड डील को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच जिस प्रकार भाजपा ने
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर सीधा हमला बोलना शुरू किया है तो
कांग्रेस नेतृत्व ने अपने बचाव में सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने का ऐलान कर
दिया है। यानि कांग्रेस छह मई को 'लोकतंत्र बचाओ' मार्च निकालकर संसद का
घेराव करेगी, जिसका नेतृत्व खुद सोनिया गांधी और राहुल गांधी के हाथों में
होगा।
पहले सप्ताह में पारित हुए सात विधेयक
संसद
सत्र के पहले सप्ताह में अगस्ता वेस्टलैंड व अन्य मुद्दों पर विपक्ष के
हंगामे के बावजूद सरकार सात विधेयक पारित कराने में सफल रही। इसी रणनीति के
तहत सोमवार से शुरू होने वाले दूसरे सप्ताह में सरकार भारी भरकम काम
निपटाने के इरादे से सदन में आएगी।
संसदीय कार्य मंत्रालय के
अनुसार सोमवार से संसद के दूसरे सप्ताह के दौरान तय एजेंडे में 2016-17 के
आम बजट से संबन्धित विनियोग और वित्त विधेयक को चर्चा के बाद पारित कराएगी,
जबकि कुछ मंत्रालयों की अनुदान और कार्य संचालन की मांग पर विचार-विमर्श
भी किया जाएगा। लोकसभा में सामाजिक न्याय मंत्रालय की अनुदान मांग पर मतदान
से पूर्व चर्चा आगे बढ़ेगी। यही स्थिति नागर विमानन और आवासीय एवं शहरी
गरीबी उन्मूलन मंत्रालयों के काम पर रहेगी। इसके बाद विनियोग (संख्या-2)
विधेयक 2016 और वित्त विधेयक 2016 को पारित करने के लिए उन पर चर्चा की
जाएगी। विधायी कामकाज के तहत प्रतिपूरक वनीकरण निधि विधेयक भी लोकसभा में
पेश होगा। जबकि राज्यसभा में विनियोग (रेलवे) संख्या-2, विधेयक पर चर्चा के
अलावा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मानव संसाधन विकास, वित्त, सूक्ष्म,
लघु और मध्यम उद्यमों और विदेश मंत्रालयों की कार्यप्रणाली पर चर्चा कराने
का इरादा होगा। लोकसभा द्वारा पारित खान और खनिज (विकास और विनियम) संशोधन
विधेयक को तो सोमवार के एजेंडे में शामिल किया गया है, जबकि भी राज्यसभा
में भारतीय न्यास (संशोधन) विधेयक समेत अन्य विधायी कार्यों के अंतर्गत पेश
किया जाएगा।
पहले सप्ताह सात विधेयक पारित
संसद
सत्र के शुरूआती यानि पिछले सप्ताह के दौरान लोकसभा में तीन और राज्य सभा
में चार विधेयकों को पारित कराया गया है। इनमें लोक सभा सिख गुरुद्वारा
(संशोधन) विधेयक, क्षेत्रीय केंद्र के लिए जैव प्रौद्योगिकी विधेयक तथा
विनियोग (रेलवे) संख्या-2 विधेयक पारित किया गया। इसके अलावा लोकसभा में
पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास और कौशल विकास और उद्यमिता के मंत्रालयों की
अनुदान की मांगों पर चर्चा भी हुई। जबकि राज्यसभा में पिछले सप्ताह विनियोग
अधिनियमों (निरसन) विधेयक, निरस्त और संशोधन (तृतीय) विधेयक, संविधान
(अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, और उद्योग (विकास और विनियमन)
संशोधन विधेयक पारित कराए गये। राज्यसभा में इस दौरान सूखे और लू के कारण
पैदा हुई स्थिति और उसके कारण हुए जल संकट से निपटने के लिए सरकार द्वारा
उठाए गए उपचारात्मक उपायों पर अल्पकालिक चर्चा के साथ सोने के गहनों पर
केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगाए जाने पर एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर भी चर्चा
हुई।

02May-2016
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