मंत्रालय ने पीएमओ भेजा विधेयक का मसौदा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश
में दिव्यांग और विकलांगता की श्रेणियों का विस्तार करने के लिए केंद्र
सरकार ने नया कानून लाने के लिए विकलांगता व्यक्ति अधिकार विधेयक को मसौदा
तैयार किया है, जिसे हरी झंडी के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय भेजा गया है।
यदि पीएमओ ने इसे मंजूरी दे दी तो इसें केंद्रीय कैबिनेट और संसद के अगले
सत्र में पारित कराने का प्रयास होगा।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय
और अधिकारिता मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय मंत्री थांवर चंद गहलोत ने
विकलांगता की श्रेणियों की मौजूदा संख्या सात से बढ़ाकर 19 करने का लक्ष्य
तय किया है, जिसके लिए मंत्रालय ने एक विधेयक का मसौदा तैयार किया है।
मंत्रालय ने ‘विकलांगता व्यक्ति अधिकार विधेयक’ के इस मसौदे को विचार के
लिए प्रधानमंत्री कार्यालय भेज दिया है। यदि आवश्यकता पड़ी तो इसके
प्रावधानों में कानून मंत्रालय की भी राय ली जायेगी। मंत्रालय के अनुसार इस
विधेयक का लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा विकलांगों को विभिन्न योजनाओं के तहत
मिलने वाली सुविधाओं का लाभ पहुंचाना है। मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना
है कि देश में सम्मानित जीवन व्यतीत करना प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है,
जिसके लिए मोदी सरकार पिछले दो सालों से विकलांग व्यक्तियों के हितों में
इस प्रयास को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है। केंद्रीय सामाजिक न्याय और
अधिकारिता मंत्री गहलौत का कहना है कि विकलांग व्यक्ति अधिकार विधेयक के
प्रावधानों के तहत विकलांगता की श्रेणियों को सात से बढ़ाकर 19 कर दिया
जाएगा, ताकि विभिन्न योजनाओं के तहत ज्यादा लोगों को लाभान्वित किया जा
सके।
केंद्रीय
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि विभिन्न
योजनाओं के लाभार्थियों सरकार ने दिव्यांग व्यक्तियों के सपने साकार करने
का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय और विभाग की विभिन्न योजनाओं
की उन तक पहुंच बनाने के लिए देशभर में दिव्यांगों को जल्द ही मान्य
विशिष्ट दिव्यांग पहचान पत्र कराये जाएंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने
ओटोबॉक (जर्मनी) और मोटिवेशन (ब्रिटेन) के साथ समझौता ज्ञापनों पर
हस्ताक्षर कर दिव्यांगों की सहायता के उपकरणों के आधुनिकीकरण की नीति शुरू
की है।
28May-2016

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