शनिवार, 28 मई 2016

एक दशक में सबसे नीचे गिरा जल स्तर!

सूखने के कगार पर पहुंचे देश के जलाशय 
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
सूखे और जल संकट से जूझ रहे आधे भारत में जल भंडारण के लिए केंद्रीय जल आयोग की निगरानी में देश के 91 प्रमुख जलाशयों का जल स्तर गिरकर 26.816 अरब घर मीटर यानि बीसीएम आंका गया है, जो पिछले एक दशक में सबसे निचले स्तर पर आ चुका है। मसलन एक माह में ही इन जलाशयों का भंडारण स्तर 7.266 अरब घन मीटर गिर चुका है।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट में देश के प्रमुख 91 जलाशयों में 26.816 अरब घन मीटर यानि बीसीएम जल का संग्रहण आंका गया। जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का मात्र 17 प्रतिशत है। बताया गया है कि जलाशयों का यह जल स्तर पिछले दस वर्ष में सबसे न्यूनतम दर्ज किया गया है। भले ही देश में जल संकट से निपटने के लिए मोदी सरकार विभिन्न राज्यों में कुएं और तालाब खोदने, भूजल स्तर को सुधारने जैसी परियोजनाओं को पटरी पर उतारने का दावा कर रही हो, लेकिन मराठवाड़ा और बुंदेलखंड जैसे कई इलाकों समेत देश के कम से कम 18 राज्यों में पीने तक के पानी की कमी से दो-चार होना पड़ रहा है। हालांकि केंद्र सरकार ने जल संकट से निपटने के लिए जल प्रबंधन हेतु 168 प्रतिशत की वृद्धि करके 12,517 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके अलावा देश में गिरते भूजल के स्तर को सुधारने के लिए छह हजार करोड़ रुपये अलग से आवंटित किये हैं, जिसमें कुएं और तालाब खोदने की योजना का खाका तैयार किया गया है। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री भारती ने खुद स्वीकार कर चुकी है कि इस जल संकट का कारण भूमि जल संसाधनों के अतिदोहन, अस्थायी सिंचाई और जल गुणवत्ता गिरने से भूजल आपूर्ति है। यह भी गौरतलब है कि इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता 157.799 बीसीएम है, जो देश की अनुमानित जल संग्रहण क्षमता 253.388 बीसीएम का लगभग 62 प्रतिशत है। इनमें 37 जलाशय ऐसे हैं जो 60 मेगावाट से अधिक की स्थापित क्षमता के साथ पनबिजली का उत्पादन करते हैं।
इन राज्यों में तेजी से आई कमी
मंत्रालय के अनुसार पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड,पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल के जलाशयों में बहुत कम जल संग्रह आंका गया है। केवल आंध्र शामिल हैं। केवल तीन राज्य आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा और राजस्थान में यह स्थिति कुछ संतोषजनक है।
एक साल में ऐसे गिरा जल स्तर
मंत्रालय के अनुसार गत 19 मई इन जलाशयों में 28.175, 12 मई को 29.455, 21 अप्रैल को 34.082, 13 अप्रैल को 35.839, सात अप्रैल को 37.92, अरब घन मीटर यानि बीसीएम जल का संग्रहण आंका गया था। दस मार्च को 45.801, 26 फरवरी को 51.2, चार फरवरी को 59.335 अरब घन मीटर यानि बीसीएम पानी था। जबकि पिछले वर्ष 2015 में जलाशयों में जल संग्रहण की स्थिति पर नजर डाले तो पिछले साल 31 मार्च को 53.97, 30 अप्रैल को 48.622 और 28 मई को 43.14 बीसीएम जल संग्रहण दर्ज किया गया था, जो उसके बाद बारिश होने के कारण 23 सितंबर को उच्चतम स्तर 95.313 बीसीएम तक पहुंचा और उसके बाद उसका स्तर लगातार गिरता चला गया, जो आज न्यूनतम 26.816 अरब घन मीटर गिरकर संकट की आहट दे रहा है।
28May-2016


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