57 सीटो पर शुरू हुआ जोड़-घटा का सियासी गणित
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
उच्च
सदन में अगले महीने 15 राज्यों की रिक्त होने वाली 57 सीटों के लिए होने
वाले चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा और उसके सहयोगी दलों में इजाफा तय माना जा
रहा है, जिसमें विपक्षी दलों की ताकत कम होने की संभावना से इंकार नहीं
किया जा सकता। मसलन इन चुनावो के नतीजों से 245 सदस्यीय उच्च सदन में
सियासी समीकरण बदले नजर आएंगे।
चुनाव आयोग द्वारा राज्यसभा की
जून से अगस्त के बीच खाली होने हो रही 57 सीटों पर अगले महीने 11 जून को
चुनाव कराने की घोषणा कर दी है और इनमें से राज्यसभा ने 53 सदस्यों को
विदाई भी दे दी। राज्यों में दलगत आंकड़ो को देखते हुए इन सीटों के खाली
होने से चुनाव के बाद राज्यसभा में जहां भाजपा सदस्यों की संख्या बढ़ना तय
है, वहीं सदन में फिलहाल 65 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस की
संख्या घटने से भी इंकार नहीं किया जा सकता। राजनीतिकारों के अनुसार 57 में
से 17 सीटे भाजपा के खाते में आने की संभावना है। इसका लाभ मोदी सरकार को
मानसून सत्र में मिलना शुरू हो जाएगा।
किया है सियासी गणित
राज्यसभा
की 57 सीटों के लिए होने वाले द्विवार्षिक चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा को
तीन सीटों का लाभ होने और विपक्षी कांग्रेस को छह सीटों का नुकसान होने की
संभावना जताई जा रही है। हालांकि इस बदले समीकरण के बाद भी उच्च सदन में
कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में कायम रहेगी, लेकिन इस समीकरण के आधार पर
भाजपा और कांग्रेस के बीच मौजूदा 15 सीटों का अंतर मात्र छह सीटों तक आ
जाएगा। राजनीतिकारों के अनुसार इस चुनाव से उच्च सदन में सबसे ज्यादा लाभ
होगा तो वह है समाजवादी पार्टी, जो उत्तर प्रदेश में चार सीटे और झटकने के
बाद बसपा को तीन सीटों का नुकसान करेगी। पहले ही सपा 15 सीटो के साथ सदन
में तीसरे पायदान पर है। राज्यसभा में 12 सीटो वाली अन्नाद्रमुक और चार
सीटो के साथ द्रमुक की तस्वीर 19 मई को आने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनाव
के नतीजे साफ करेंगे।
इन राज्यों में भाजपा को लाभ
शरद
यादव समेत जदयू के पांच सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिसमें इन चुनाव
में बिहार की दलीय स्थिति के अनुसार दो सीटों पर राजद और एक सीट पर भाजपा
को मिलने की संभावना है, जिससे जदयू को तीन सीटो का नुकसान होना तय माना जा
रहा है। भाजपा को राजस्थान में आनंद शर्मा की सीट समेते चारों सीटे मिलने
की संभावना है। जबकि महाराष्ट्र में तीन सीटे भी भाजपा की झोली में होगी।
इसके अलावा भाजपा को उत्तर प्रदेश, झारखंड में एक-एक, हरियाणा में दो,
आंध्र प्रदेश व कर्नाटक में एक-एक, छत्तीसगढ़ में एक तथा मध्य प्रदेश में दो
सीटें मिलने की संभावना है। इसके अलावा गुजरात में कांग्रेस के राज्यसभा
सदस्य प्रवीण राष्ट्रपाल के निधन से सीट खाली हुई सीट भी भाजपा के खाते में
जा सकती है। हालांकि भाजपा को कर्नाटक व उत्तराखंड में भाजपा को एक-एक सीट
का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
राज्यों की कितनी खाली सीटें
आगामी
11 जून को राज्यसभा की जिन 57 सीटों पर चुनाव होना है, उनमें उत्तर प्रदेश
में 11, तमिलनाडु और महाराष्टÑ में छह-छह, बिहार में पांच, आंध्र प्रदेश,
कर्नाटक और राजस्थान में चार-चार, मध्य प्रदेश और ओडिशा में तीन-तीन,
तेलंगाना, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब और झारखंड में दो-दो तथा उत्तराखंड में
एक सीट शामिल है। इनमें राजस्थान से आनंद शर्मा और कर्नाटक से विजय माल्या
की खाली हुई सीट भी शामिल है।
दलवार खाली सीटें
राज्यसभा
में खाली हो रही सीटों में भाजपा और कांग्रेस की 14-14, बसपा छह, जदयू की
पांच, सपा, बीजद व अन्नाद्रमुक की तीन-तीन, द्रमुक, राकांपा व तेदेपा की
दो-दो और शिवसेना और निर्दलीय विजय माल्या की एक-एक सीट शामिल है।
14May-2016
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