
सरकार पर हमला कर बचाव में जुटी कांग्रेस
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद
में अगस्ता वेस्टलैंड का मुद्दे पर सत्तापक्ष भाजपा और कांग्रेस के बीच
सियासी संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्यसभा में इस मुद्दे पर
चर्चा होने के बावजूद कांग्रेस अपने बचाव में हंगामा करके अन्य मुद्दो पर
सरकार को घेरकर हेलीकॉप्टर सौदे की घूसखोरी से ध्यान हटाने के प्रयास करती
भी देखी गई।
राज्यसभा में गुरुवार को भी अगस्ता वेस्टलैंड मामले
पर जमकर कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया और सरकार पर आरोप लगाया कि वह
दुर्भावनावश उनकी पार्टी को बदनाम करने का प्रयास कर रही है। हालांकि
कांग्रेस के ऐसे आरोपों पर सरकार ने कहा कि जिन लोगों के नाम रिश्वत लेने
में आ रहे हैं उन्हें सरकार द्वारा कराई जा रही जांच प्रक्रिया से गुजरना
होगा और न्याय की तराजू पर तौलकर इस इस मामले का सच सामने आ जाएगा। गौरतलब
है कि एक दिन पहले अगस्ता मामले में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राज्यसभा
में कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप के साथ वाययुद्ध देखने
को मिला था।
ऐसे बचाव में जुटी कांग्रेस
पूर्व
में कांग्रेस के जयराम रमेश ने उप सभापति से कहा कि उन्होंने एक सप्ताह
पहले गुजरात में हुए केजी बेसिन के कथित घोटाले पर चर्चा की मांग करते हुए
एक नोटिस दिया था लेकिन उन्हें अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। रमेश ने कहा
कि सदन में कल सत्यापित न किए गए दस्तावेजों का हवाला देते हुए अगस्ता
वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर के मुद्दे पर चर्चा की गई, लेकिन जिस 22000 करोड़ रुपए
के केजी बेसिन घोटाले का कैग की रिपोर्ट में जिक्र है उस पर चर्चा का
अता-पता नहीं है। सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी केजी बेसिन
के मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराने की मांग की।
कांग्रेस का नया पैंतरा
कांग्रेस
ने गुरुवार को राज्यसभा में अपने बचाव में यह सवाल तक उठा दिया कि सदन में
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे के मुद्दे पर चर्चा के दौरान भाजपा
सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने रक्षा मंत्रालय, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय
के जिन गोपनीय संवेदनशील दस्तावेजों का संदर्भ दिया था वे दस्तावेज उन्हें
कैसे हासिल हुए। यह मुद्दा व्यवस्था के प्रश्न के तहत कांग्रेस के उप नेता
आनंद शर्मा ने उठाते हुए कहा कि सदन में अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में कथित
घूस और भ्रष्टाचार के आरोपों पर चर्चा के दौरान ऐसे गोपनीय संवेदनशील
दस्तावेजों का संदर्भ दिया गया था। इससे पहले कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने
भी एक व्यवस्था के प्रश्न के तहत इसी मुद्दे को लेकर सरकार पर आरोप लगाया
कि कुछ गद्दार यहां अव्यवस्था उत्पन्न करने ओर देश को अस्थिर करने के लिए
दूसरे देशों से धन ले रहे हैं। हालांकि कुरियन ने कहा कि यह किसी भी तरह से
व्यवस्था का प्रश्न नहीं है इसलिए इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।
कांग्रेस
के इस सवाल पर उप सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि यदि स्वामी दस्तावेजों को
सत्यापित कराने तथा सदन के पटल पर रखे जाने की उनकी व्यवस्था का पालन नहीं
करते हैं तो नियम अपना काम करेंगे। कुरियन ने कहा कि उन्हें सदन की
व्यवस्था का पालन करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि कल उन्होंने व्यवस्था
दी थी, कि जिन भी दस्तावेजों का हवाला दिया जा रहा है उन्हें सत्यापित किया
जाए और सदन के पटल पर रखा जाए।
सरकार का तर्क
कांग्रेस
सदस्यों के हंगामे के बीच संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी
ने कहा कि स्वामी ने जिन दस्तावेजों का हवाला दिया था उन्होंने उसे
सत्यापित कराया और सदन के पटल पर रख दिया है। नकवी ने कहा स्वामी ने मुद्दे
का ध्यान रखा है। जहां तक कांग्रेस के केजी बेसिन के मुद्दे पर चर्चा
कराने का सवाल है उस पर सरकार की ओर से मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा सरकार
हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है बेशर्ते वह इस दायरे में आती हो। इस मामले
को स्पष्ट करते हुए सदन के नेता और वित्त मंत्री ने कहा कि जिन मुद्दों पर
राज्य की लोकलेखा समिति विचार करती है, उन पर यहां चर्चा नहीं की जा सकती।
संविधान में भी स्पष्ट कहा गया है कि राज्यों के मुद्दों पर संसद में चर्चा
नहीं होगी। फिर भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए आसन की ओर से जो भी निर्णय
किया जाएगा, सरकार उसका पालन करेगी।
06May-2016
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