
बजट सत्र में निपटाए गये बहुत काम
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मोदी
सरकार अपने पिछले दो साल के कार्यकाल में संसद में ज्यादा काम निपटाने से
उत्साहित है। इस दौरान हाल ही में संपन्न हुए बजट सत्र में ज्यादा विधेयक
पारित किये गये, जिनमें शामिल कुछ विधेयकों के जरिए सरकार ने दो साल में
1175 पुराने कानूनों को भी खत्म किया है।
संसदीय कार्य मंत्रालय
के सूत्रों के अनुसार मोदी सरकार के दो साल के कार्यकाल में संसद सत्र के
दौरान लोकसभा में 96 विधेयक और राज्यसभा ने 83 विधेयकों को पारित किये गये
हैं। इन पारित हुए महत्वपूर्ण विधेयकों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न करने
वाले अप्रासंगिक हो चुके पुराने कानून हटाने वाले विधेयक भी शामिल रहे,
जिनके जरिए दो सालों में 1175 पुराने और अप्रासंगिक अधिनियमों को रद्द किया
गया। हाल ही में संपन्न हुए बजट सत्र और राज्यसभा के 239वें सत्र के दौरान
कुछ विपरीत राजनीतिक परिस्थितियों के बावजूद कुछ मुद्दों पर गर्म बहस भी
हुई। संसद में विवादित मुद्दों को उठाए जाने के बावजूद विधायी कार्य होता
रहा। बेशक इस संबंध में और सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस सत्र
के दौरान व्यवधान के कारण लोकसभा में जानबूझकर काम रोकने की एक भी घटना
नहीं हुई और राज्यसभा में भी पिछले दो सत्रों के दौरान व्यवधान नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि लोकसभा में निर्धारित अवधि से अधिक 14 घंटे 32 मिनट काम
हुआ। 16वीं लोकसभा में अब तक हुए आठ सत्रों के दौरान सदन की कार्य अवधि के
संबंध में छह सत्रों के संबंध में शतप्रतिशत रही। राज्यसभा की लाभकारिता दो
सत्रों के संबंध में 100 प्रतिशत से अधिक रही और पिछले दो वर्षों के दौरान
अन्य तीन सत्रों के संबंध में यह 80 प्रतिशत से अधिक रही।
राज्यसभा में ज्यादा बिल पास
हाल
ही में संपन्न हुए संसद सत्र के दौरान लोकसभा की उत्पादकता 117.58 प्रतिशत
और राज्यसभा की उत्पादकता 86.68 प्रतिशत रही। लोकसभा में 10 विधेयक और
राज्यसभा में 12 विधेयक पारित हुए। इस सत्र के दौरान संसद ने वित्त विधेयक
और रेलवे विनियोग विधेयक, दिवाला और दिवालियापन संहिता, खान और खनिज (विकास
और विनियमन) विधेयक, उद्योग (विकास और विनियमन) विधेयक और विमान अपहरण
निरोधी विधेयकों पर दोनों सदनोें ने अपनी मुहर लगाई। इसके अलावा प्रतिपूरक
वनीकरण विधेयक को लोकसभा ने पारित किया, जबकि राज्यसभा में विचार और पारित
करने के लिए 44 विधेयक और लोकसभा में 11 विधेयक लंबित हैं। सरकार ने उम्मीद
जाहिर की है कि जीएसटी विधेयक को राजनीतिक विचार-विमर्श के तहत अधिक समय
तक लंबित नहीं रहना पड़ेगा और उसे जल्द पारित कर दिया जाएगा। मसलन पिछले दो
वर्षों के दौरान संसद ने एक दर्जन से अधिक सुधार संबंधी विधेयक पारित किए
हैं।
15May-2016
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें