रविवार, 29 मई 2016

संसद:दो साल में पास हुए ज्यादा विधेयक

संसद के काम में भी मोदी सरकार के  बेमिसाल दो साल 
एक दशक की तुलना में पास हुए ज्यादा विधेयक
सरकार को जीएसटी विधेयक पास होने की उम्मीद
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
केंद्र की मोदी सरकार अपने दो साल की उपलब्धियों का बखान करने का जश्न मना रही है। सरकार की असल परीक्षा तो विधायी और सरकारी कामकाज के रुप में संसद में भी दांव पर लगी रही, जहां लगातार विपक्षी दलों से घिरे होने के बावजूद मोदी सरकार कामकाज करने में कसौटी पर खरी उतरती नजर आयी। मसलन इन दो साल के दौरान संसद पिछले दस साल के मुकाबले ज्यादा विधेयक पारित किये गये।
केंद्र की मोदी सरकार अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान संसद सत्रों में शुरुआत से ही विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस के निशाने पर रही, जिसने सरकार के काम में रोड़ा अटकाने की रणनीति अब तक नहीं छोड़ी। इसके बावजूद राजग सरकार के संसद के काम को लेकर आंकडेÞ सामने आये, मोदी सरकार अपने मंत्रालयों की उपलब्धियों के साथ संसद में भी बेमिसाल साबित हुई। संसद में जीएसटी, भूमि अधिग्रहण, लोकपाल जैसे कई महत्वपूर्ण विधेयकों को विपक्ष के साथ बने रहे तकरार कं कारण अंजाम तक ना पहुंचा पायी हो, लेकिन देश दिशा और दशा बदलने वाले कानूनों और विकास की राह आसान करके जनहितों की रक्षा में बुनियादी ढांचे को दुरस्त करने और आर्थिक सुधार को आगे बढ़ाने संबन्धी विधेयकों पर संसद की मुहर लगवाकर विपक्ष को बौना साबित कर दिया। मसलन जितने विधेयक इन दो सालों में संसद में पास कराये गये हैं, उतने पिछले एक दशक के इतिहास में पूर्ववर्ती सरकार नहीं करा सकी थी। ऐसे में मोदी सरकार का दो साल की उपलब्धियों का जश्न मनाना लाजिमी है, जिसकी परंपरा भी कांग्रेस की यूपीए सरकार ने ही शुरू की थी, उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार विभिन्न मंत्रालयों को कामकाज के हिसाब से खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने मंत्रियों को अंक देकर उनके कद तय कर रहे हैं।
संसद में सरकार के दो साल
संसदीय कार्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक संसद में कुछ अपवाद को छोड़कर विपक्षी दलों की बाधित रणनीति भी  मोदी सरकार के कामकाज को कमजोर नही कर सकी। हालांकि संसद में पिछले वर्ष मानसून और शीतकालीन सत्र में कुछ व्यवधानों को टालने से सरकार व विपक्ष के बीच दोनों सदनों में बना संतुलन भी कारण रहा। ऐसे संतुलन की उम्मीद में सरकार को लंबित बिलों के आने वाले समय में पास होने का भरोसा है। ऐसी उम्मीद खुद संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू भी जता चुके हैं। मंत्रालय के अनुसार पिछले दो सालों में संसद सत्रों के दौरान लोकस•ाा द्वारा पिछले 10 वर्षों की तुलना में अधिक विधेयक पारित किए गए हैं। मसलन इन दो साल के दौरान संसद के दोनों सदनों में 101 विधेयक पेश किए गए, जिनमें लोकसभा में 96 तथा राज्यसभा में 5 विधेयक पेश किए गए। इस दौरान लोकसभा में 96 विधेयक पारित कराये गये, जबकि राज्यसभा ने 83 विधेयकों को मंजूरी दी। इस तरह लोकसभा में प्रति वर्ष 48 विधेयक पारित हुए। वहीं राज्यसभा में प्रति वर्ष 41 विधेयक पारित करने की दर रही। इस तरह इसमें प्रति वर्ष 4 विधेयकों की कमी आई। इससे पहले पिछले 10 वर्षों में प्रति वर्ष 3 विधेयक पारित हुआ करते थे। इन दो साल में लोकसभा की प्रति वर्ष 75 के औसत से कुल 149 बैठकें हुई। जबकि ऊपरी सदन की प्रति वर्ष 75 बैठक की दर से कुल 143 बैठकें हुई।
29May-2016
 

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