रविवार, 8 मई 2016

ऐसे कैसे होगा कृषि सुधार!

सरकार नौ दिन चली अढ़ाई कोस
 नौ फिसदी लक्ष्य भी पूरा नहीं
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में संकट से जूझ रहे किसानों की आमदनी दोगुना करने की योजनाओं को आगे बढ़ाने में जुटी मोदी सरकार पिछले साल के तय लक्ष्य को नौ प्रतिशत भी पूरा नहीं कर पाई। शायद यही कारण है कि किसानों की जिंदगी बदलने वाले सुधारों के ऐसे कार्यक्रमों को तेजी से लागू करने का वह वादा पांच माह में ही करना पड़ा, जिसे सरकार 10 माह में सिरे नहीं चढ़ा सकी।
सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने दस माह की योजनाएं तैयार करके किसानों की जिंदगी बदलने का लक्ष्य तय किया था, लेकिन पिछले साल निर्धारित ये लक्ष्य से 91.69 प्रतिशत पीछे रह गयाा। मसलन देशभर में वर्ष 2015 16 के दौरान 585 में से लगभग 250 कृषि बाजारों को साझा राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाना था, लेकिन मार्च 2016 तक आठ राज्यों में सिर्फ 21 बाजारों को ही राष्ट्रीय कृषि बाजार (एनएएम) प्लेटफार्म से जोड़ा जा सका है। किसान के उत्पाद के लिए जितनी कीमत आप चुकाते हैं, एक किसान को औसतन उसका 10 से 30 प्रतिशत से अधिक नहीं मिल पाता, जैसा कि इंडियास्पैंड ने बताया है कि इसकी वजह है, किसान अपने उत्पाद को सीधे उपभोक्ताओं या बड़ी कंपनियों को नहीं बेच सकता, जिसका कारण पुराने कानून भी है। ऐसे में किसानों को कई स्तरों पर एजेंटोां को कमीशन देना पड़ता है और ये एजेंट आमतौर पर राजनेताओं से जुड़े होते हैं। हालांकि कार्यक्रम की धीमी रμतार के बावजूद कृषि मंत्रालय का दावा है कि आगामी वर्ष 2018 तक एनएएम के तहत 585 बाजारों को जोड़ने के लक्ष्य में कोई बदलाव नहीं किया गया है। मसलन मंत्रालय आंकड़ो की इस बाजीगरी में अगले दो सालों में 564 बाजारों को जोड़ने का प्रयास करेगा, जो पिछले दस माह में जोड़े गए 21 बाजारों का 26 गुना बैठता हैै। इस भावी लक्ष्य को देश में बढ़ते जल संकट और किसानों के सामने खड़ी सूखे की समस्या के मद्देनजर आसान नहीं लगती। कृषि मंत्रालय के विपरीत पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों की आमदनी को अगले पांच सालों में दो गुना करने के लिए इस कार्यक्रम के तहत दो हतार बाजारों को जोडने का वादा किया है। सरकार ने योजना में कुछ बदलाव करके ऐसी व्यवस्था कि है जिसमें अब एनएएम प्लेटफॉर्म के जरिए भारत के किसी भी हिस्से में कोई भी व्यक्ति कहीं से भी किसी भी किसान से कृषि उत्पाद खरीद सकेगा।
कृषि बाजारों की वास्तविकता
मंत्रालय के आंकडों के मुताबिक देश में 2,477 प्रमुख कृषि बाजार और 4,843 उप बाजार हैं, जो कृषि उत्पाद क्रय विक्रय करते हैं। सरकार ने फिलहाल एनएएम के तहत 585 बाजार यानि 25 प्रतिशत ही इस कार्यक्रम में शामिल करके किसानों की जिंदगी खुशहाल करने का फैसला किया है। दरअसल राज्य का कृषि उत्पाद विपणन समिति कानून उस क्षेत्र के लिए अनाज, दालों, फलों और सब्जियों जैसे कृषि उत्पादों की खरीद को विनियमित करता है। ये उत्पादों पर कई तरह के कर लगाकर किसानों के लिए रोड़ा अटकाता है और बड़ी कंपनियों को सीधे बिक्री नहीं करने देता। यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि अधिकांश राज्यों में अधिकांश कमोडिटीज में एपीएमसी अधिनियम की मौजूदगी से किसानों को अपने उत्पाद केवल सरकार नियंत्रित विपणन यार्डों में बेचने को मजबूर किया गया है। ऐसे में सवाल उठता हैकि सरकार कृषि सुधार के उपायों को किसानों की पहुंच तक कैसे आगे ले जाएगी।
08May-2016

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें