
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
दुनियाभर
के शहरों में दिल्ली सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की सूची में निचले पायदान
पर खिसक गया है, लेकिन यूपी के इलाहाबाद, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर,
मध्य प्रदेश का ग्वालियर कई शहर टॉप टेन सूची में शामिल हैं। मसलन दुनिया
के कई शहर ऐसे हैं जिनकी आबोहवा इंसानी जीवन के लिए खतरनाक है। ऐसे शहर
हमारे देश में भी हैं जहां प्रदूषण का स्तर वहां रहने वाले लोगों की जान के
लिए मुनासिब नहीं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताजा रिपोर्ट ने
खुलासा किया है कि भारत के इन शहरों में सबसे पहला नाम मध्य प्रदेश के शहर
ग्वालियर का है, जो दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर करार दिया गया है।
इसके बाद उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर दुनिया के तीसरे पायदान पर है।
इलाहाबाद के साथ ही टॉप टेन सूची में बिहार की राजधानी पटना को छठे और
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सातवें प्रदूषित शहरों में शुमार हो गया है।
दिल्ली और लुधियाना भी प्रदूषित शहरों में शुमार हैं, देश का केवल तेजपुर
ही एक ऐसा शहर है जहां प्रदूषण का स्तर मानक सीमा के दायरे में है।
दिल्ली में सुधार
विश्व
स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े बताते हैं कि विश्व के 67 देशों के 795 शहरों
में वायु प्रदूषण की जो स्थिति है उनमें हवा में पार्टिक्युलेट मैटर अर्थात
मानव स्वास्थ्य के लिए घातक धूल के बेहद बारीक कणों के मामले में दिल्ली
की आबो हवा में सुधार हुआ है। पर्यावरण विशेषज्ञों की माने तो दिल्ली में
प्रदूषण नियंत्रित करने के प्रयास से काफी सुधार हुआ है। उनका कहना है कि
ये आंकड़ें सिर्फ बारीक कणों से होने वाले प्रदूषण से लिये गए हैं, जबकि
नाइट्रो आॅक्साइड की मात्रा भी हवा में बढ़ने से प्रदूषण का स्तर काफी बढ़
जाता है। डब्लूएचओ की ताजा सूची में दिल्ली को अब 11वें पायदान पर रखा गया
है, जिसमें दिल्ली के प्रदूषण में वर्ष 2014 के मुकाबले बहुत सुधार होने की
बात कही गई है। वर्ष 2014 में दिल्ली में मानव स्वास्थ्य के लिए घातक धूल
के बेहद बारीक कणों का स्तर काफी अधिक था।
हमारे पड़ोसी देश भी कुछ ठीक नहीं
पर्यावरण
विशेषज्ञों के अनुसार भारत के साथ बंगलादेश और चीन के ज्यादा से ज्यादा
शहर गलत दिशा में जा रहे हैं। कचरा जलावन इन शहरों में आम है जो वायु
प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। हालांकि उनके अनुसार हर शहर में वायु प्रदूषण
के लिए अलग-अलग कारण जिमेदार हैं। मसलन न्यूयार्क में वायुप्रदूषण का मुय
कारण बड़े भवनों में इस्तेमाल की जाने वाली वातानुकूलित प्रणाली है।
ईरानी शहर जाबुल दुनिया में सर्वाधिक प्रदूषित
ईरान
का जाबुल शहर दुनिया का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है। इसके बाद भारत के
ग्वालियर, इलाहाबाद और दिल्ली आते हैं। दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में कम
और मध्यम आय वर्ग की एक लाख से ज्यादा की आबादी वाले 98 प्रतिशत शहरों में
वायु प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ की ओर से निर्धारित मानकों से काफी अधिक
है। पांच वर्षों में इन आबो-हवा में प्रदूषण का स्तर पांच गुना बढ़ा है।
हर साल 30 लाख जाने लीलता है प्रदूषण
डल्यूएचओ
के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण दुनियाभर में हर साल 30 लाख से ज्यादा लोग
अकाल मृत्यु का ग्रास बन जाते हैं। हालांकि इन सबके बीच एक अच्छी खबर यह
है कि उच्च आय वाले देशों के पचास प्रतिशत से ज्यादा शहरों तथा निम्न और
मध्यम आय वाले देशों के एक तिहाई से ज्यादा शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर
पिछले पांच सालों में पांच प्रतिशत घटा है। विशेषज्ञों के अनुसार देश के
40 करोड़ घरों में अभी तक प्रकाश के लिए मिट्टी के तेल के दियों और लैंपों
का इस्तेमाल होता है। पर्यावरण के नजरिए से यह बेहद नुकसानदेह है।
13May-2016
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें