रविवार, 8 मई 2016

पुरानी गाड़ियों पर ये होगा नया फार्मूला!

स्वत: ही खत्म हो जाएगा गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में प्रदूषण को खत्म करने के लिहाज से पुरानी गाड़ियों को लेकर समय-समय पर दिशानिर्देश जारी करने के बजाए अब केंद्र सरकार ऐसा फार्मूला लागू करने की तैयारी में है, जिसके तहत 15 साल पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन स्वत: ही खत्म हो जाएंगे।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सरकार सड़कों पर बढ़ती हुई गाड़ियों की संख्या और प्रदूषण पर शिकंजा कसने के लिए एक ठोस रणनीति पर काम कर रही है, जिसके लिए मंत्रालय जल्द ही दिशानिर्देश जारी करके इस फार्मूले को लागू करने की तैयारी में है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की इस रणनीति में ऐसा दिशानिर्देश जारी होगा, जिसमें 15 साल पुरानी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन खुद ही समाप्त हो जाएगा। इसके बावजूद सरकार प्रदूषण की रोकथाम के लिए इस विकल्प को भी जारी रखेगी, जिसमें यदि कोई अपने पंद्रह साल पुराने वाहन को रखना चाहेगा तो उसे पर्यावरण संरक्षण की शर्त यानि वाहन के फिटनेस सर्टिफिकेट देकर दोबारा रजिस्ट्रेशन और टैक्स अदा करना होगा। सूत्रों का दावा है कि यदि सरकार के इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाया गया तो तो सड़क यातायात को बेहतर करने तथा प्रदूषण को कम करने की कवायद को बल मिलेगा। जहां तक ऐसे वाहनों के दोबारा रजिस्ट्रेशन का सवाल है उस मामले में राज्य सरकारों को ज्यादा स्वायत्ता दी जा सकती है, ताकि वह वाहनों की परिस्थियों को देखकर अपने फैसले ले सके। विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा समय में वाहनों का एक बार टैक्स 15 साल के लिए अदा करता है और 15 साल की अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी बिना टेक्स दिये गाड़ियों का परिचालन करता है, जिसके कारण प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है, जिसका पर्यावरण पर अन्य लोगों को भी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
क्या है प्रस्ताव
मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार के प्रस्ताव में व्यक्तिगततौर पर इस्तेमाल की जाने वाली गाड़ियों का फिटनेस सर्टिफिकेट और रजिस्ट्रेशन 15 साल की अवधि के बाद अनिवार्य होगा। वहीं कमर्शियल गाड़ियों के लिए रजिस्ट्रेशन के दो साल के बाद फिटनेस सर्टिफिकेट हासिल करना अनिवार्य होगा। हालांकि इससे पहले सड़क परिवहन मंत्रालय 15 साल पुरानी गाड़ियों को अनिवार्य रूप से कबाड़ घोषित करने का प्रस्ताव लाया था, लेकिन कई संगठनों का तर्क था कि पुरानी गाड़ियों को सड़कों से हटाने के लिए उनकी उम्र की जगह फिटनेस पर ध्यान देना चाहिए। दिल्ली स्थिति आईएफटीआरआई के एसपी सिंह का कहना है कि इस तरह के कदम से सड़क पर गाड़ियों के दबाव और प्रदूषण में कमी आएगी। लेकिन सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए इसके अलावा दूसरे कदम उठाने होंगे।
बायो डीजल को प्रोत्साहन
डीजल की कारों पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती को देखते हुए मर्सिडीज जैसी लग्जरी कारें बायोडीजल मोड़ पर आने को तैयार है। यानि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा डीजल गाड़ियों पर बैन लगाने के फैसले से सहज मर्सिडीज की ओर ेम केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भेजे एक पत्र भेजा है, जो सरकार के बायोडीजल जैसी वैकल्पिक र्इंधन का इस्तेमाल करना चाहता है। ऐसी ही जेसीबी जैसी दूसरी बड़ी आॅटोमोबाइल कंपनियां भी एथेनॉल और बायोडीजल का इस्तेमाल करने के लिए आगे टा तही हैं। मसलन सरकार के प्रदूषण को कम करने की दिशा में बायोडीजल जैसे अन्य कई उपायों को व्यापक समर्थन मिल रहा है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर में डीजल इंजन वाली एसयूवी और 2000 सीसी से ज्यादा इंजन क्षमता वाली गाड़ियों के परिचालन रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है।
08May-2016

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