सोमवार, 18 जुलाई 2016

लंबित विधेयकों पास कराना होगी चुनौती!

भारी-भरकम कामकाज के साथ संसद में सरकार
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद के मानसून सत्र में केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण विधेयकों समेत भारी भरकम एजेंडे के साथ आ रही है, लेकिन मात्र बीस बैठकों में सरकार के लिये महत्वपूर्ण कामकाज का निपटान करना भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा। इसका कारण है कि इस दौरान विपक्ष के मुद्दों पर भी चर्चा कराने का भरोसा सरकार दे चुकी है।
सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान 12 अगस्त तक 20 बैठकें तय की गई है। सरकार ने इस सत्र के लिये जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण लंबित विधेयकों समेत दो दर्जन से भी ज्यादा विधेयकों को एजेंडे में शामिल किया है। संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार मानसून सत्र के दौरान जहां तक राज्यसभा में लंबित जीएसटी विधेयक का सवाल है उसके लिए सभी राज्य सरकारों और कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के बीच लगभग सहमति बन जाने के बाद सरकार पूरी तरह इसे पारित कराने के प्रति आश्वस्त है। इसके बावजूद सरकार का प्रयास है कि इन लंबित विधेयकों को पारित कराना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
इन अध्यादेशों को विधेयक में बदलना
केंद्र सरकार के सामने इस सत्र के दौरान तीसरी बार लागू शत्रु संपत्ति (संशोधन और विधिमान्यकरण) अध्यादेश, भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) अध्यादेश तथा दंत चिकित्सक (संशोधन) अध्यादेश को विधेयकों में बदलने की भी चुनौती है। इसी इरादे से सरकार ने बाल श्रम (प्रतिबंध और नियमन) संशोधन विधेयक के साथ शत्रु संपत्ति (संशोधन और विधिमान्यकरण) तीसरा अध्यादेश को राज्यसभा की कार्यसूची में पहले ही दिन शामिल किया है।
लोकसभा में लंबित विधेयक
लोकसभा में लंबित 11 लंबित विधेयकों में संसदीय समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद कारखाना (संशोधन) विधेयक, विद्युत (संशोधन) विधेयक, लोकपाल और लोकायुक्त तथा अन्य संबद्ध विधि (संशोधन) विधेयक, मर्चेंट शिपिंग (संशोधन) विधेयक,सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास (संशोधन) विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन विधेयक को पारित कराने का प्रयास होगा। जबकि राज्यसभा से पारित हो चुके भारतीय ट्रस्ट संशोधन विधेयक, के अलावा जेपीसी के पास प्रतिभूति हित एवं ऋण कानून की वसूली एवं प्रकीर्ण उपबंध (संशोधन) विधेयक के अलावा स्थायी समिति के पास लंबित कंपनियां (संशोधन) विधेयक को भी पेश किया जायेगा। वहीं लोकसभा में भूमि अधिग्रहण संबन्धी विधेयक पर भी विचार किया जा सकता है।
राज्यसभा में प्राथमिकता पर विधेयक
इस सत्र के दौरान राज्यसभा में लंबित 45 विधेयकों में से कम से कम दस विधेयक सरकार की प्राथमिकता पर हैं, जिनमें जीएसटी के रूप में 122 वां संविधान संशोधन विधेयक के साथ शत्रु सम्पत्ति विधेयक तथा बाल श्रम (प्रतिबंध और नियमन) संशोधन विधेयक पहली प्राथमिकता में शामिल है। जबकि भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन), विसल्ब्लोअर सुरक्षा (संशोधन), प्रतिपूरक वनीकरण कोष, क्षेत्रीय केन्द्र जैव प्रौद्योगिकी विधेयक, भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) विधेयक, दिव्यांग अधिकार विधेयक, कीटनाशक प्रबंधन विधेयक, औषधि और प्रसाधन (संशोधन) विधेयक सरकार के एजेंडे में है। इसके अलावा सरकार के कामकाज में पांच राज्यों असम, छत्तीसगढ़, झारखंड, तमिलनाडु, त्रिपुरा में अनुसूचित जनजाति की सूची में संशोधन और केन्द्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में नये समुदायों की पहचान के लिए संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश-1950 में कुछ संशोधनों संबन्धी दो विधेयकों को पेश करने का भी प्रयास होगा, जिसे कैबिनेट ने पिछले माह ही मंजूरी दी है।
18July-2016


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