गंगा सरंक्षण पर सख्त हुई सरकार
जल्द आयेगा नया अधिनियम
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी ‘नमामि गंगे’ मिशन के तहत गंगा सरंक्षण और
उसकी निर्मल व अविरल धारा को सुनिश्चित करने के लिए सरकार सख्त नजर आ रही
है। इसके लिए राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण ने नया गंगा अधिनियम बनाने
पर सहमति बना ली है, जिसके तहत नमामि गंगे मिशन को दिशा दी जाएगी।


विशेषज्ञ समिति का गठन
गंगा
सरंक्षण के तहत डी-सिलटिंग के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ माधव
चितले की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया होगा, जिसमें जल संसाधन और
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के सचिव सदस्य के रूप में शामिल होंगे। यह समिति
भीमगोड़ा (उत्तराखंड) से लेकर फरक्का (पश्चिम बंगाल) तक डी-सिलटिंग के कार्य
से संबंधित गाइडलाइन एवं अन्य संस्तुतियां प्रदान करेगी। समूचे विश्व की
जल शोधन प्रौद्योगिकी के परीक्षण हेतु गैर चिन्हित नालों पर छोटे छोटे
प्रोजेक्ट चलाये जाने का निर्णय भी राज्यों की पूर्ण सहमति से लिया गया।
इस
अभियान में औद्योगिक कचरे के प्रबंधन पर गहन चर्चा के दौरान केन्द्रीय
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रगति कार्यों के बारे में अवगत कराया कि 508
प्रदूषित उद्योगों में रियल टाइम एफलुएंट निगरानी स्टेशन स्थापित किए जा
चुके हैं और 150 उद्योगों को बंद करने का नोटिस दे दिया गया है। वहीं जल की
गुणवत्ता की निगरानी के लिए 8 जगहों पर रियल टाइम वॉटर क्वालिटी स्टेशन
स्थापित किए गए हैं और जल्दी ही 105 अन्य स्थानों पर भी जल्दी ही यह स्टेशन
स्थापित किए जाएंगे। नदी की सतही गंदगी की सफाई के कार्यों के तहत पांच
स्थानों पर काम की शुरूआत हो चुकी है और जल्दी ही गंगा नदी के किनारे 20
अन्य स्थानों पर भी इस मशीन की शुरूआत कि जाएगी।
क्या है प्राधिकरण का स्वरूप
राष्ट्रीय
गंगा नदी घाटी प्राधिकरण एक शीर्ष निकाय है जिसमें वह आने वाले पांच
राज्यों में प्रदूषण नियंत्रण, जलीय संसाधन संरक्षण और संस्थागत विकास
परियोजनाओं को लागू करने का निरंतर प्रयास कर रहा है। इस प्राधिकरण के
अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं। इसके अन्य सदस्य माननीय केन्द्रीय मंत्री जल
संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण, वित्त,विद्युत,विज्ञान एवं
तकनीकी,पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन,पर्यटन, शिपिंग, शहरी विकास,
ग्रामीण विकास, पेयजल एवं स्वच्छता, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, उत्तराखंड,
उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री और पाँच
विशेषज्ञ हैं।
05July-2016
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