संसद का मानसून सत्र आज से
सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने दिए सहमति के संकेत
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
सोमवार
से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में वस्तु एवं सेवाकर यानि जीएसटी
विधेयक पारित कराने के लिए कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने समर्थन देने के
संकेत दिये हैं। वहीं कई मुद्दों पर लामबंद विपक्षी दल संसद में सरकार को
घेरने की तैयारी में है, हालांकि सरकार विपक्ष को माकूल जवाब देने की
रणनीति बनाकर सदन में आयेगी।
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार
द्वारा रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में जीएसटी जैसे कुछ महत्वपूर्ण
विधेयकों पर मोदी सरकार को कामयाबी मिलती नजर आ रही है, जिसके लिये
कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने समर्थन करने के संकेत दिये हैं। इस बैठक में
पीएम नरेन्द्र मोदी और कैबिनेट मंत्रियों के अलावा कांग्रेस समेत कई दलों
के प्रमुख नेताओं ने संसद में लंबित विधेयकों को लेकर चर्चा की, जिसमें
सरकार ने खासकर जीएसटी बिल पर विपक्षी दलों से सहयोग करने की अपील की।
जीएसटी के रूप में विवादास्पद संविधान (122वां संशोधन) विधेयक लोकसभा में
पारित होने के बाद पिछले एक साल से उच्च सदन में कांग्रेस के विरोध के कारण
अटका हुआ है। सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने
बताया कि इस दौरान सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी बात रखी है और संसद में
सरकार को सकारात्मक सहयोग करने का भरोसा दिया। केंद्रीय मंत्री एम. वेंकेया
नायडू ने कहा कि अधिकांश राज्य जीएसटी बिल के पक्ष में हैं और उम्मीद है
कि यह पारित हो जाएगा। सरकार चाहती है कि राष्ट्रहित में जीएसटी को आम
सहमति से पारित किया जाना चाहिए।
जीएसटी पर नरम कांग्रेस
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद
ने कहा कि विधेयकों को पारित करने में कांग्रेस बाधक नहीं बनेगी और उनकी
पार्टी राष्ट्रहित और जनहित तथा देश के विकास को देखते हुए दोनों सदनों में
विधेयकों का समर्थन करेगी। आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात बेहद
गंभीर हैं, इस पर भी ससंद में चर्चा होनी चाहिए और सरकार को जवाबदेह होना
चाहिए। सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि हम पिछले दो सालों से जीएसटी
विधेयक पर चर्चा के लिए सरकार से सर्वदलीय बैठक बुलाने और सहमति के लिए
हमारी चिंता सुनने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी विधेयक की
जहां तक बात है, यह ऐसा मामला नहीं है जो सिर्फ भाजपा और कांग्रेस के बीच
तय होगा। बैठक के बाद समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने भी बिल पर
सरकार का समर्थन करने की बात कही है।
छोटे सत्र पर मोदी ने जताई चिंता
संसद
के मानसून सत्र में दोनों सदनों का कामकाज सुचारु रूप से चलाने के लिए
सरकार द्वारा रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी ने इस बार संसद के छोटे सत्र को लेकर चिंता जताई है, क्योंकि सरकार
चाहती है कि इसी सत्र में सभी लंबित विधेयक पास हो जाएं।
इन मुद्दों पर हो सकता है हंगामा
सोमवार
से शुरू हो रहे ससंद के मॉनसून सत्र में महंगाई, विदेश नीति के अलावा
अरुणाचल प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम में राज्य में कांग्रेस की नई सरकार
के गठन, समान नागरिक संहिता लागू करने के प्रस्ताव पर विधि आयोग से रिपोर्ट
की मांग संबंधी मोदी सरकार के फैसले जैसे मुद्दों पर विपक्ष लामंबद होता
नजर आ रहा है। संसद सत्र के दौरान ऐसे माहौल में जम्मू कश्मीर के हालात के
बाद पाकिस्तान की हरकतों को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर उसकी पाक नीति को
लेकर सरकार को घेरने की संभावना है। मसलन गैर भाजपा शासित राज्यों को कथित
तौर पर अस्थिर करने के मामले पर भी कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल सरकार को
घेरने की तैयारी में हैं। दूसरी ओर इस सत्र में सरकार का लंबित विधेयकों को
पारित कराने की चुनौती होगी, जिसके लिये सरकार विपक्ष को जवाब देने की
रणनीति तैयार कर चुकी है। सरकार पहले ही कह चुकी है कि विपक्ष के हर मुद्दे
पर सरकार चर्चा कराने को तैयार है।
इन नेताओं ने की चर्चा
इस
सर्वदलीय बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय मंत्री अरुण
जेटली, राजनाथ सिंह, अनंत कुमार, मुख्तार अब्बास नकवी के अलावा कांग्रेस
नेता गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवसेना
नेता संजय राउत, वामदल नेता डी राजा, बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा, राकांपा
नेता डीपी त्रिपाठी, लोजपा नेता चिराग पासवान, माकपा नेता सीताराम येचुरी,
सहित सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता उपस्थिति थे।
18July-2016
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