गुरुवार, 7 जुलाई 2016

वाराणसी-हल्दिया तक रो-रो सर्विस जल्द!

इसी माह होगा एक हजार टन के शिप का ट्रायल
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
दया के बीच गंगा नदी पर बने जलमार्ग में रोल आॅन-रोल आॅफ सर्विस को इसी माह यानि जुलाई से शुरू करेगी। इसके लिए पहले चरण का ट्रायल अगले सप्ताह करने की योजना है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा जहाजरानी मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि नदियों में जहाज चलाने के लिए जल का पर्याप्त मात्रा में होना जरूरी है। इसके लिए वाराणसी से हल्दिया जलमार्ग पर इसी महीने रो-रो सर्विस शुरू होने की संभावना है, जिसमें लिये पहले एक हजार टन भार क्षमता वाले जहाज का ट्रायल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सबसे पहले जहाज द्वारा इसमें कारों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने की योजना है। मंत्रालय के अनुसार पायलट प्रोजेक्ट के तहत गंगा जलमार्ग पर यह ट्रायल इसलिए किया जा रहा है कि भारत के भीतर बने जलमार्गों पर भी वाटरवेज ट्रांसपोर्टेशन संभव है। यह परिवहन सस्ता होने के साथ प्रदूषणमुक्त व्यापार का साधन भी है और देश में इसके ज्यादा उपयोग की गुंजाइश भी है। रो-रो सर्विस के बारे में मंत्रालय ने बताया कि सरकार 120 करोड़ रुपए खर्च कर रो-रो टर्मिनलों का निर्माण भी करा रही हे, जिससे गंगा के दो किनारों के बीच बसे दो शहरों की दूरी को कम किया जा सकेगा। इसके तहत मझुआ को जलमार्ग द्वारा बलिया और जमानिया और मिजार्पुर को मिजार्पुर-चुनार से जोड़ा जाएगा। मंत्रालय के अनुसार जल मार्ग विकास परियोजना के तहत 1620 किमी के राष्ट्रीय जलमार्ग (इलाहाबाद से हल्दिया तक) परियोजना के तहत तीन मीटर की जरूरी गहराई वाले जहाज के लिए रास्ता तैयार किया जा रहा है ताकि 1500 टन के जहाजों को पानी के रास्ते चलाया जा सके।
मल्टी मॉडल टर्मिलन बनेंगे
गडकरी ने बताया कि इस योजना के तहत वाराणसी में मल्टी मॉडल टर्मिनल तैयार किया जा रहा है, जिसमें तीन टर्मिनलों पर कुल 184 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यहां पर रोड और रेल कनेक्टिविटी होगी ताकि शिप से सामान उतारकर अन्य मार्गों द्वारा उन्हें गंतव्य तक पहुंचाया जा सके।
सस्ता परिवहन
जल परिवहन र्इंधन गुणवत्ता के बिंदु से परिवहन का सबसे सस्ता माध्यम माना जाता है। एक हॉर्सपावर से जहां सड़क क्षेत्र से सिर्फ 150 किलो और रेलमार्ग से 500 किलो ढोया जा सकता है, वहीं जल क्षेत्र में 4 हजार किलो भार इसमें ढोया जा सकता है। विश्व बैंक द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार जहां जलमार्ग में एक लीटर र्इंधन द्वारा 105 टन किलोमीटर ले जाया जा सकता है। रेल द्वारा 85 टन किमी और सड़क मार्ग द्वारा 24 टन किमी माल ढोया जा सकता है।
कम होगा कार्बन का उत्सर्जन
मंत्रालय के अनुसार इस परियोजना के तहत कराये गये विभिन्न अध्ययनों में सामने आया है कि जलमार्गों द्वारा माल ढोने के दौरान जहाजों से प्रति टन किलोमीटर 32 से 36 ग्राम कार्बन डायआॅक्साइड का उत्सर्जन होगा। वहीं सड़क परिवहन में भारी वाहन के कारण इसकी मात्रा बढ़कर 51 से 91 ग्राम डाइआॅक्साइड प्रति टन किलोमीटर हो जाती है।
07July-2016


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