दुनिया में सड़क हादसों के कलंक को धोने की कवायद
सरकार की सड़क इंजीनियरिंग में उच्च गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश
में सड़क परियोजनाओं में उच्च गुणवत्ता, हरित व सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता
देते हुए अंतर्राष्ट्रीय मानकों को लागू करने की अनिवार्यता तय कर चुकी है।
इसका मकसद सरकार हर हालत में दुनियाभर में सर्वाधिक सड़क हादसों व उसमें हो
रही मौतों के लगे कलंक को मिटाना चाहती है।
केन्द्रीय सड़क
परिवहन, राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश में फिलहाल अपनाई जा रही सड़क
इंजीनियरिंग की गुणवत्ता को नाकाफी बताते हुए इसमें और ज्यादा सुधार लाने
पर बल दिया है। इसलिये सरकार ने सड़क निर्माण करने वाली एजेंसियों के लिये
यह अनिवार्य कर दिया है कि सड़क परियोजनाओं में सड़क सुरक्षा और पर्यावरण की
दृष्टि से उच्च गुणवत्ता में दिशानिर्देशित अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन
करना सुनिश्चित करें। परियोजनाओं में हर स्तर पर निर्णय लेने की प्रक्रिया
में तेजी और पारदर्शिता के लिये आॅडिट कराने की नीति भी लागू की है, ताकि
परियोजना में देरी या उच्च गुणवत्ता वाले अंतर्राष्टÑीय मानकों के उल्लंघन
पर आवश्यक कार्यवाही अमल में लायी जा सके। इसलिये सरकार की मंशा को जाहिर
करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड के
स्थापना दिवस समारोह के दौरान भी गडकरी ने अपना इरादा स्पष्ट करते हुए कहा
कि भारत में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं और इन हादसों में लोगों की की मौतों को
हर हालत में ज्यादा से ज्यादा कमी लाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इस दौरान एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक आनंद कुमार ने निगम द्वारा किए गए काम
का एक सिंहावलोकन प्रस्तुत करते हुए जानकारी दी कि यह निगम 14 राज्यों में
लगभग 8000 हजार करोड़ रुपए लागत की 133 परियोजनाओं का कार्य कर रहा है।
सड़क सुरक्षा पर बनेगी डीपीआर
मंत्रालय
के अनुसार सड़क हादसों पर पूरी तरह अंकुश लगाने की दिशा में सड़क निर्माण
में उच्च गुणवत्ता की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट यानि डीपीआर तैयार कराकर
सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने का पहला चरण शुरू कर दिया है। इस रिपोर्ट में
सड़क इंजीनियरिंग के नजरिए से नवीनतम प्रौद्योगिकी, पहाड़ी इलाकों में क्रैश
बैरियरों जैसे सुरक्षा उपाए, बुद्धिमत्तायुक्त यातायात योजनाएं, उचित
सिग्नल प्रणालियां तथा राजमार्गो को हरा-भरा बनाने आदि पहलों को शामिल किया
जायेगा। वहीं दुर्घटनाओं में कमी लाने की दृिष्ट से राजमार्गों में
पहचाने गये ब्लैक स्पॉट्स का भी सुधार करने पर जोर दिया गया है। वहीं
रिपोर्ट को तैयार करने में सरकार ने सड़क निर्माण कार्य में स्थानीय रूप से
उपलब्ध सामग्री का उपयोग करने पर बल दिया है ताकि इससे लागत घटाने में मदद
मिल सकेगी। इसके लिये कन्सेशनेरों को स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करने की
प्राथमिकता भी होनी चाहिए ताकि वे इन सड़क परियोजानाओं में कुछ रोजगार
प्राप्त कर सकें। राजमार्गों को हरा-भरा बनाने के लिए भी सभी प्रयास किए
जाने चाहिए।
सड़क सुरक्षा में विदेशी विशेषज्ञों की मदद
सड़क
परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देश में बुनियादी ढांचा सड़क सुरक्षा के
बारे में पूर्वोत्तर राज्यों और देश के पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क निर्माण का
कार्य एनएचआईडीसीएल को सौंपा हुआ है। इसके लिये देश में अधिक वर्षा वाले
क्षेत्रों में मिट्टी और ढलान स्थिरीकरण तथा सड़क निर्माण के लिए उपयुक्त
प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल पर एक सम्मेलन में एनएचआईडीसीएल ने तकनीकी
विशेषज्ञों, ठेकेदारों, सरकारी अधिकारियों, सामग्री प्रदाताओं और अन्य
हितधारकों को एक साथ आने और नवीनतम तथा उपयुक्त प्रौद्योगिकी के बारे में
विचार-विमर्श करते हुए मंथन किया। जहां तकनीकी विशेषज्ञों के रूप में इटली
के जियोर्जियो जियाचेती तथा आॅस्ट्रेलिया के लेह ब्राउन ने भूमि और ढलान
स्थिरीकरण तथा इन पहाड़ी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा सड़क सुरक्षा के बारे
में अपनी-अपनी प्रस्तुति भी दी। इन प्रस्तुतियों पर गडकरी ने उम्मीद जताई
कि एनएचआईडीसीएल जल्द ही पूर्वोत्तर तथा देश के पहाड़ी क्षेत्रों में
सुरक्षित सड़कों के निर्माण में नवीनतम और सबसे उपयुक्त प्रौद्योगिकी का
उपयोग करने में सक्षम हो जाएगा।
29July-2016
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