सोमवार, 25 जुलाई 2016

अमेरिका को रास आई सड़क परियोजनाएं!

सड़क हादसें रोकने में भारत की करेगा मदद
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में ढांचागत विकास क्षेत्र को मजबूत करने की मोदी सरकार की परियोजनायें अमेरिका को ऐसे रास आई कि भारत में सड़क और समुद्री परिवहन क्षेत्र में खासकर सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिये भारत को तकनीकी रूप से मदद देने को तैयार है।
दरअसल केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक सप्ताह की अमेरिका यात्रा के दौरान ढांचागत विकास क्षेत्र में सड़क, बंदरगाह, जलमार्ग और ई-वाहनों जैसी अमेरिकी यायेजनाओं का जायजा लिया। यही नहीं गडकरी ने 400 कंपनियों की सदस्यता वाले अमेरिका-भारत व्यापार परिषद यानि यूएसआईबीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भारत में सड़क दुर्घटनाओं में हो रही मौतों में ज्यादा से ज्यादा कमी लाने की मंशा जाहिर की। देश में सड़क और जल परिवहन संबन्धी परियोजनाओं को भी अमेरिका के साथ साझा किया। अमेरिका को भारत में बुनियादी ढांचे की मजबूती के लिये चलाई जा रही परियोजनाएं रास आई और उनमें तकनीकी खासकर सड़क दुघर्टनाओं में कमी लाने में मदद करने पर सहमति जताई। भारत में सड़कों को बंदरगाहों से जोड़ने के लिये शुरू की गई परियोजनाओं की अमेरिका ने सराहना भी की। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी ने इस दौरान भारत में चलाई जा रही सड़क इंजीनियरिंग, राजमार्ग निर्माण, सड़क संकेतक के क्षेत्र में नवीनतम तकनीक एवं सड़क सुरक्षा के प्रभावी उपायों की परियोजनाओं को सिरे चढ़ाने की दिशा में अनुभव के तौर पर वहां दस घंटे की 800 किलोमीटर लंबी सड़क मार्ग से यात्रा की। इस यात्रा में घुमावदार पहाड़ी इलाके, घने जंगल और प्रशांत महासागर से लगे कुछ रेगिस्तानी रास्तों का अनुभव लिया, ताकि अपने देश में भौगोलिक दृष्टि से जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख के मुश्किल इलाकों, पूर्वोत्तर क्षेत्र एवं पिथोरागढ़ से मानसरोवर और हरिद्वार से गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ तथा केदारनाथ आदि हिमालय के क्षेत्रों में राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण करने जैसी परियोजनाओं के कठिन काम को आसान बनाया जा सके।
स्मार्ट ट्रैफिक प्रणाली होगी लागू
अमेरिकी परिवहन सचिव एंथनी फॉक्स ने गडकरी की इच्छा पर खास कर सड़क सुरक्षा और स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंध प्रणाली के क्षेत्र मेंअमेरिका ने पूर्ण सहयोग करने का भरोसा दिया। गडकरी की इस यात्रा का मकसद अमरीका में परिवहन विभाग एवं अन्य स्थानीय इकाइयों द्वारा राजमार्गों एवं अन्य छोटी-बड़ी सड़कों के निर्माण एवं विकास तथा उनको स्थिर बनाए रखने में इस्तेमाल हो रही नवीनतम तकनीक, उपकरण एवं निर्माण सामग्री के बारे में अहम जानकारी हासिल करना था। वैसे भी भारत में उपायों के बावजूदसड़क दुर्घटनाओं और उनमें मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी सरकार की बड़ी चिंता है। इसी कारण सड़क सुरक्षा में भारत ने नियम,नियमन, सॉμटवेयर प्रणाली, प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष समेत हर किस्म की अमेरिकी प्रौद्योगिकी ज्ञान साझा करके इस चुनौती से निपटने पर सहमति बनी। वहीं अमेरिका ने भारतीय सड़क निर्माण, पुल और μलाइओवर के भारतीय संहिता के मानकीकरण में भी हर तरह का तकनीकी सहयोग देने का भी वादा किया है और अमेरिकी अपना अनुभव, अपने मौजूदा नियम और नियमन आदि हर तरह की तकनीक साझा करने के लिए तैयार है।
जलमार्गो के विकास
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव रोहित कुमार सिंह के अनुसार अमेरिका ने आंतरिक जलमार्गों के विकास में भी पूर्ण सहयोग का वादा किया। वहीं जहाजरानी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव आलोक सचिव ने बताया कि अमेरिका ने सागरमाला कार्यक्रम में भी अमेरिका ने भारत के साथ मिलकर काम करने पर सहमति जताई है। इस दिशा में प्रतिबद्धता तथा गुणवत्ता के साथ पारदर्शिता और समयबद्ध तरीके से काम किया जाएगा।
25July-2016


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