गुरुवार, 7 जुलाई 2016

फास्टट्रैक पर आया ‘नमामि गंगे’ मिशन!

आज एक साथ 231परियोजनाओं की होगी शुरूआत
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मोदी सरकार का महत्वाकांक्षी ‘नमामि गंगे’ मिशन फास्टट्रैक पर आ गया है, जिसके तहत देशभर में कल एक साथ अलग-अलग राज्यों में 231 परियोजनाओं की शुरूआत की जाएगी। राष्‍ट्रीय गंगा स्वच्छता अभियान के तहत ऐसी परियोजनओं में घाटों का नवीनीकरण, सीवेज ट्रीटमेंट संयंत्रों का पुनर्वास-विकास, वृक्षारोपण एवं जैव विविधता संरक्षण शामिल है।
मोदी सरकार द्वारा गंगा नदी में प्रदूषण की मात्रा को कम करने तथा नदी को संरक्षित करने के मकसद से 20 हजार करोड़ रुपये के बजट के साथ ‘नमामि गंगे’ मिशन के लिए अब तक तैयार डीपीआर के आधार पर तेजी लाना शुरू कर दिया है। इस अभियान को अमलीजामा पहनाने के लिए परियोजनाओं के प्रारूप से जुड़े स्थालों की पहचान, तौर तरीकों, तकनीकी अध्ययनों के बाद डीपीआर तैयार होने के बाद तेजी से आगे बढ़ाने का फैसला किया है। यानि कल सात जुलाई को देशभर में विभिन्न स्थानों पर एक साथ नमामि गंगे की 231 परियोजनाओं की शुरूआत कर दी जाएगी। इस मिशन को पूरा करने के लिए गंभीर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने बुधवार को बताया कि गंगा की अविरल एवं निर्मल धारा को सुनिश्चित करने के लिए इस परियोजना में पहली बार ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रही प्रदूषण की समस्या पर भी ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। इस मौके पर मौजूद केंद्रीय सड़क परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी की माने तो विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन करने के बाद इन परियोजनाएं पेश किया जा रहा है, जिसमें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस मिशन के तहत करीब दो हजार करोड़ की 300 परियोजनाएं उत्तरााखंड, उत्तर प्रदेश,बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और दिल्ली में शुरू की जा रही हैं। इसके लिये नदी को साफ करने के लिए एसटीपी संयंत्र स्थापित करने की योजना को भी इस कार्यक्रम में शामिल की गई है।
उमा व गडकरी हरिद्वार से करेंगे शंखनाद
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने बताया कि ये परियोजना प्रारंभ में पहले पांच गंगा बेसिन राज्यों में एक साथ 104 जगहों से शुरू की जा रही है। मसलन कल सात जुलाई को उत्तंराखंड के देहरादून, गढ़वाल, टीहरी गढ़वाल,रूद्र प्रयाग,देव प्रयाग, केदारनाथ, उत्तरकाशी के गंगोत्री और यमनोत्री के अलावा हरिद्वार और चमोली व बद्रीनाथ में 47 परियोजनाओं की शुरूआत हरिद्वार में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी करेंगे, जहां केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह और डा.महेश शर्मा के अलावा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत भी मौजूद रहेंगे। उत्तराखंड में इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु केंद्रीय लोक सेवा ईकाई वापकोस को नियुक्त किया गया है।
यूपी में सर्वाधिक परियोजनाएं
नमामि गंगे के तहत उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के टिगरी, शहवाजपुर, लथिरा, बिहारीपुर, झाल्लोपुर, बिजनौर जिले के विदुरकुटी,बलवाली और बिजनौर, हापुड़ जिले के गढ़मुक्तेश्वर, खरखरी व लथिरा, मुजμफरनगर जिले में शुक्रताल के अलावा मेरठ जिले के मक्दम्पुर, रवानी कतीरी, औरंगाबाद, मोहम्मदपुर, बुलंदशर जिले में बुलंदशहर, नरोरा, अनूपशहर, मथुरा, इलाहाबाद, वाराणासी,फरूखाबाद और कानपुर जिलों की 112 परियोजनाओं की शुरूआत कानपुर, नरोरा, मथुरा और वाराणसी से की जा रही है। जबकि बिहार के बक्सर, वैशाली, सारण, पटना और भागलपुर जिलों की 26 परियोजनाओं की शुरूआत पटना से होगी। बिहार में इन परियोजनाओं का कार्यान्वयन एनबीसीसी करेगी। जबकि पश्चिम बंगाल की 20 परियोजनाओं के कार्यान्वयन जिम्मेदारी ईपीआईएल को दी गई है, जिनकी शुरूआत उत्तरी 24 परगना, नदिया, दक्षिण 24 परगना और हावड़ा जिलों के लिए बजबज में होगी।
एप से होगी प्रदूषण की निगरानी
पहली बार गंगा नदी को साफ करने की दिशा में समग्र प्रयास एक ऐतिहासिक क्षण होगा, जिसमें सरकार गंगा की सफाई का पहला चरण अक्तूबर 2016 में किसी नतीजे के रूप में देखेगी, जबकि दूसरा चरण अगले दो वर्षो में पूरा करने का लक्ष्य है। उमा भारती ने बताया कि सरकार एक ऐसा ऐप पेश करेगी, जो नदी में प्रदूषण के स्तर की निगरानी करेगा।
गंगा ग्राम योजना से विकास
गंगा ग्राम योजना का उल्लेतख करते हुए सुश्री भारती ने कहा कि इस योजना के पहले चरण में गंगा के तट पर बसे 400 गांवों का विकास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि देश के 13 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों ने ऐसे 5-5 गांवों का विकास करने की जिम्मेदारी ली हैं। सुश्री भारती ने कहा कि इन गांवों के 328 सरपंचों को अब तक पंजाब के सींचेवाल गांव ले जाया गया है, जहां उन्हों ने सींचेवाल के विकास की जानकारी ली।
जनजागरूकता पर जोर
राष्ट्रीय स्वच्छ व गंगा मिशन घाटी आधारित समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए राष्ट्रीय गंगा नदी प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले पांच राज्यों में प्रदूषण नियंत्रण, जलीय संसाधन संरक्षण और संस्थागत विकास परियोजनाओं को लागू करने का निरंतर प्रयास कर रहा है। इसके तहत ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी तय करने हेतु गंगा के किनारे बसे शहरों एवं 1657 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों के साथ जन जागरूकता बढ़ाने के लिए सक्रिय किया जा रहा है। 
07JULY-2016


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें