गुरुवार, 21 जुलाई 2016

संसदीय समितियों में बढ़ा भाजपा सांसदों का वर्चस्व!

कई सांसदों को मिली महत्वपूर्ण समितियों की जिम्मेदारी
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मोदी कैबिनेट के विस्तार के बाद संसदीय समितियों में भाजपा के सांसदों का वर्चस्व बढ़ गया है। इसका कारण नये मंत्रियों में शामिल सांसदों लोकसभा व राज्यसभा की संसदीय समितियों के अध्यक्ष और सदस्य पदों से अलग होना पड़ा है, जिनकी रिक्तियों को भरने के लिये अन्य सांसदों की नियुक्यिां की गई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट में मंत्री पद पाने वाले सांसदों को की संसदीय समितियों में जगह खाली हो गई, तो उनके स्थान पर भाजपा की सिफारिशों पर कई अन्य सासंदों की नियुक्ति कर दी है। इसमें नई दिल्ली से सांसद और वरिष्ठ वकील मीनाक्षी लेखी को एस.एस .अहलूवालिया की जगह लोकसभा की प्रिविलेज कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि ओबीसी कमेटी में राजन गोहेन की जगह का मध्य प्रदेश की सतना लोकसभा सासंद गणेश सिंह को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। कर्नाटक की बेलगाम सीट से सांसद सुरेश आघाड़ी अब अर्जुन मेघवाल की जगह लोकसभा की आवास समिति के अध्यक्ष होंगे। पश्चिम अहमदाबाद से सांसद किरीट सोलंकी को एससी-एसटी कमेटी का अध्यक्ष बनाकर फगन सिंह कुलस्ते की जगह दी गई है। इसी प्रकार पीपी चौधरी की जगह बागपत से भाजपा सांसद सतपाल सिंह को नया अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है।
भूपेंद्र यादव को बड़ी जिम्मेदारी
राज्यसभा में भूपेंद्र यादव को चंदन मित्रा की जगह वाणिज्य का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं यादव को राज्यसभा में अनिल माधव दवे के स्थान पर प्रिवेंशन आॅफ करप्शन बिल की सेलेक्ट कमेटी का भी अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि राज्यसभा में नये सांसद ओम प्रकाश माथुर को वी.पी. सिंह बदनोर की जगह राज्यसभा की आवास समिति अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। चंदन मित्रा और वी.पी.सिंह बदनोर का इस साल जून में कार्यकाल खत्म हुआ।
दिनेश त्रिवेदी व केडी सिंह पर गाज
तृणमूल कांग्रेस पार्टी में अलग-थलग पड़े लोकसभा सदस्य दिनेश त्रिवेदी और राज्यसभा सदस्य केडी सिंह को अब तृणमूल ने संसद की समितियों से अलग करने की तैयारी शुरू कर दी है। तृणमूल कांग्रेस की तरफ से लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापाति को लिखे गये पत्र में दोनों सांसदों के स्थान पर तीन नाम सुझाए हैं। इनमें अब राज्यसभा की पर्यटन, परिवहन समेत कई और विभागों की संसदीय कमेटी के सदस्य केडी सिंह के स्थान पर मुकुल राय के नाम की संस्तुति की गई। वहीं लोकसभा में रेल विभाग की संसदीय कमेटी में शामिल दिनेश त्रिवेदी के स्थान पर सुदीप बंद्योपाध्याय या कल्याण बनर्जी का नाम को शामिल करने सुझाव दिया गया है।
21July-2016

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