रविवार, 3 जुलाई 2016

रेलवे के संग जल्‍द तैयार होगी ‘सागरमाला’


बंदरगाह-रेल संपर्क परियोजनाओं तेजी से होगा काम
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में सड़क एवं रेल संपर्क मार्गो के जरिए प्रमुख बंदरगाहों तक कोरोबारी परिवहन की पहुंच को आसान बनाने की दिशा में चलाई जा रही ‘सागरमाला’ परियोजनाओं को पंख लगाने के लिए सड़क परिवहन व जहाजरानी मंत्रालय को अब रेलवे का भी साथ मिल गया है। रेलवे के साथ आने के बाद काम में तेजी लाकर इस परियोजना को अंजाम तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा जहाजरानी मंत्रालय की देश में दूर-दराज के इलाको खासकर देश के सीमावर्ती इलाकों तक सड़क और रेल संपर्क परिवहन के रूप में बुनियादी ढांचा खड़ा करने के लिए शुरू की गई परियोजना को ‘सागरमाला’ कार्यक्रम के रूप में कार्यान्वित किया जा रहा है। सागरमाला कार्यक्रम का मुख्य मकसद भारत के तटीय बंदरगाहों की क्षमता बढ़ाना और आधुनिकीकरण, दूरदराज के क्षेत्रों को बंदरगाह संपर्क में सुधार, व्यापार को बढ़ावा देने के लिए बंदरगाह आधारित औद्योगीकरण को सुगम बनाना और तटीय समुदायों का टिकाऊ विकास करना है। मंत्रालय के अनुसार इसके लिये रेल मंत्रालय ने 20 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली 21 बंदरगाह-रेल संपर्क परियोजनाओं पर काम करने की मंजूरी दे दी है। इसके तहत रेलवे निकासी नेटवर्क को मजबूत बनाने के साथ बंदरगाहों को अंतिम छोर तक परिवहन संपर्क मुहैया कराएगा। मंत्रालय के अनुसार जहाजरानी मंत्रालय द्वारा गठित भारतीय बंदरगाह रेल निगम लिमिटेड यानि आईपीआरसीएल द्वारा छह अन्य परियोजनाओं को भी आगे बढ़ाने की योजना है। आईपीआरसीएल को कार्गो की त्वरित निकासी के लिए विशाखापट्टनम और चेन्नई बंदरगाहों हेतु पहले से तीन बंदरगाह संपर्क परियोजनाओं का आवंटन किया जा चुका है। जबकि 19 अन्य परियोजनाओं पर अब तेजी से काम शुरू किया जाना है।
समुद्री कारोबार बढ़ेगा
केंद्र सरकार के सागरमाला कार्यक्रम में राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के तहत कई बंदरगाह-रेल संपर्क परियोजनाओं की पहचान की गई है, जिसमें आईबी घाटी, तलचर से पारादीप तक हेवी हॉल रेल लाइन शामिल है। इस परियोजना से महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड से उत्तर भारत के कई तटीय विद्युत संयंत्रों तक तटीय नौवहन के माध्यम से तापीय कोयले की ढुलाई में मदद मिलेगी। तूतीकोरिन जैसे बड़े बंदरगाह और धमारा, गोपालपुर, कृष्णापट्टनम जैसे गैर बड़े बंदरगाहों के लिए अन्य रेल संपर्क परियोजनाओं का भी प्रस्ताव है। इन परियोजनाओं से दूरदराज के क्षेत्रों के लिए बंदरगाह संपर्क में इजाफा होगा और इससे ढुलाई लागत व कार्गो भेजने में लगने वाले समय को कम करने में मदद मिलेगी।
रडार पर ये चार परियोजना
मंत्रालय के अनुसार गत अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सागरमाला कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना जारी की थी। इस योजना के तहत चार बड़े बुनियादी ढांचे मजबूत करने वाली परियोजनाओं की पहचान की गई। इनमें बंदरगाह आधुनिकीकरण और नए बंदरगाहों का विकास, बंदरगाह संपर्क बढ़ाना, बंदरगाह आधारित औद्योगीकरण और तटीय समुदाय विकास प्रमुख रूप से शामिल है।
निवेश के साथ रोजगार सृजन
राष्ट्रीय परिपेक्ष्य योजना के तहत पहचानी गई 150 परियोजनाओं में 4 लाख करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है, जिसके तहत दस साल में 40 लाख प्रत्यक्ष रोजगार समेत करीब एक करोड़ नए रोजगार सृजन पैदा होंगे। इन परियोजनाओं से सालाना लगभग 35 हजार करोड़ रुपये की लॉजिस्टिक लागत में बचत होने का अनुमान है और इससे 2025 तक भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात को बढ़ाकर 110 अरब डॉलर तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
03July-2016


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