बुधवार, 20 जुलाई 2016

नौकरशाही पर शिकंजा कसने की तैयारी!

आचार नियम में नहीं कर पाएंगे सरकार की आलोचना
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार नौकरशाहों पर शिकंजा कसने के साथ उन्हें जल्द ही फेसबुक, ट्विटर और लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया पर खुलकर हिस्सेदारी करने का मौका देने जा रही है। आचार नियमों में बदलाव के बाद जारी मसौदे में अधिकारियों को किसी भी कीमत पर सरकार की आलोचना करने की इजाजत नहीं होगी।
केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने सरकारी अधिकारियों के लिये बने आॅल इंडिया सर्विस नियम-1968 यानि आचार नियमों में संशोधन के लिए एक नया मसौदा जारी किया है, जिसमें बदले नियमों के प्रावधान अधिकारियों को संचार माध्यम पर सरकार की आलोचना करने रोकता है। मसलन टेलीविजन, सोशल मीडिया या अन्य माध्यम पर नौकरशाह के लिए सरकार की आलोचना करना प्रतिबंधित है। प्रस्तावित नियम में लोक सेवकों को सस्ते मनोरंजक कार्यक्रमों में भाग लेने की छूट दी गई है। हालांकि उन्हें सरकार के सामने घरेलू उपकरणों, वाहनों या यातायात के किसी अन्य साधनों का ब्योरा देना होगा। इनकी कीमत दो माह के बेसिक वेतन से ज्यादा होगी तभी ब्यौरा सौंपना होगा। इन प्रावधानों के दायरे में सरकारी कर्मचारियों को किसी सार्वजनिक या अन्य संवाद माध्यम से सरकार की आलोचना करने की इजाजत नहीं होगी। सरकार का इस योजना का मकसद खासतौर पर टीवी, सोशल मीडिया या अन्य किसी संवाद एप्लीकेशन के जरिये अधिकारियों को रोकना हेै, जिसके लिये आचार नियमों में संशोधन करना जरूरी था।
इन कैडर पर लागू होगा नियम
मसौदे के प्रावधान में यह नियम अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 में प्रस्तावित बदलाव का हिस्सा है। यह तीनों भारतीय सेवाओं, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) और भारतीय वन सेवा (आइएफओएस) पर लागू है। कार्मिक विभाग ने सरकार की आलोचना पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से नियम का दायरा बढ़ा दिया है। सेवा से जुड़े व्यक्ति सरकार, उसकी नीति या कार्रवाई आलोचना नहीं कर सकते। केंद्र का राज्य से संबंध और विदेश से संबंध पर टिप्पणी नहीं करेंगे। सूत्रों के अनुसार सरकार ने यह कदम के बाद अखिल भारतीय सेवा नियमों की समीक्षा के लिए बनाई गई एक कमेटी के द्वारा कुछ संशोधन करने के दिए गए प्रस्ताव के बाद उठाया गया है।
 20July-2016

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