बुधवार, 27 जुलाई 2016

पीएम मोदी के शिंकजे में कैबिनेट मंत्री!

कई राज्यमंत्रियों को ‘वर्क आर्डर‘ मिलने का इंतजार
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश की तस्वीर बदलने की तरफ बढ़ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शायद ऐसी परंपरा को तोड़ते हुए अपने मंत्रिमंडल के कनिष्ठ यानि राज्यमंत्रियों की जिम्मेदारी बढ़ाने में प्रत्यक्ष भूमिका निभा रहे हैं। इसे हकीकत बनाने के लिये उन्होंने कैबिनेट या वरिष्ठ मंत्रियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी का नतीजा है कि शायद पहली बार किसी सरकार में राज्यमंत्रियों को अपने मंत्रालय में पर्याप्त काम मिलना शुरू हो गया है।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस कवायद में उनके मंत्रिमंडल के जूनियर मंत्रियों को पर्याप्त कार्य देने की परंपरा शुरू करना और फाइलें को राज्यमंत्रियों के जरिये आगे बढ़ाने का मकसद नजर आ रहा है। अक्सर आजाद भारत की पूववर्ती सरकारों में राज्यमंत्रियों की शिकायते सामने आती रही हैं कि उन्हें उनके कैबिनेट मंत्री उन्हें कोई काम देना नहीं चाहते। इसी परंपरा को मोदी ने तोड़कर हरेक मंत्रालयों में समन्वय बनाने की तरह ही नये विस्तार के बाद कैबिनेट मंत्रियों को ऐसे दिशानिर्देश जारी किये हैं। पीएमओ ने भी मोदी सरकार के सभी 26 कैबिनेट मंत्रियों को संकेत प्रधानमंत्री मोदी की इस मंशा से अवगत करा दिया है कि वह प्रधानमंत्री से सलाह-मशविरा करके ही विभागों का कामकाज बांटना सुनिश्चित करें। पीएमओ के ऐसे स्पष्ट संकेत मिलते ही ज्यादातर कैबिनेट मंत्रियों ने राज्य मंत्रियों को पर्याप्त कामकाज का वितरण कर दिया है, लेकिन जिन कैबिनेट मंत्रियों अभी अपने राज्यमंत्रियों को पर्याप्त कामकाज नहीं सौंपा है उन पर खुद मोदी नजर रखे हुए हैं। सूत्रों की माने तो पीएमओ की और से ऐसे मंत्रियों को सख्त संदेश जारी कर दिया गया है, जिससे जूनियर मंत्रियों को काम मिलने यानि अपने ‘वर्क आर्डर’ मिलने का इंतजार है।
इन मंत्रालयों पर ज्यादा दबाव
केंद्रीय वित्त, रेलव, सड़क परिवहन, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालयों को अतिरिक्त राज्य मंत्री दिए गए हैं। लिहाजा ऐसे नये राज्य मंत्रियों को काम देना कठिन है, जिसमें कैबिनेट मंत्रियों को पीएमओ के दबाब के बावजूद अधिक सलाह-मशविरे की जरूरत है। सूत्रों की माने तो मंत्रिमंडल विस्तार व विभागों के बदलाव के 21 दिन बाद कुछ मंत्री अभी तक अपने मंत्रालय में कार्यभार ग्रहण करने के बाद अभी उचित काम मिलने के इंतजार में हैं। सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस कठिनाई के बावजूद प्रधानमंत्री के साथ सलाह-मशविरा करने के बाद काम बांट दिया है। वहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्रालय का काम नए राज्य मंत्री एम.जे. अकबर को उनकी इच्छा अनुसार बांट दिया। जबकि जनरल वी.के. सिंह को अतिरिक्त काम दिया गया है।
इस मंत्रालयों का राहत 
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, कैमिकल और खाद व संसदीय मामलों, भारी उद्योग, फूड प्रोसैसिंग, आदिवासी मामलों, कृषि एवं किसान कल्याण, सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता, और विज्ञान व प्रौद्योगिकी समेत कुछ अन्य मंत्रालयों के सामने ऐसी समस्या नहीं है, क्योंकि उनके मंत्रालयों में राज्य मंत्रियों की संख्या नहीं बदली गई है।
पीएमओ ने मांगी जानकारी
सूत्रों के अनुसार पीएमओ ने उम्मीद जताई है कि सभी कैबिनेट मंत्री पीएमओ को इस बात की जानकारी देंगे, कि वे अपने जूनियर मंत्रियों को कौन-सा काम अलाट करना चाहते हैं और साऊथ ब्लाक से इस संबंध में अंतिम फैसले के इंतजार में हैं। हालांकि कुछ कैबिनेट मंत्रियों की तरफ से पीएमओ को भेजे गए प्रस्ताव को अभी मंजूरी मिलने का इंतजार है।
27July-2017


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