देश में 124 बार की संस्तुति में इंदिरा ने की थी 50 संस्तुति
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
सुप्रीम
कोर्ट के फैसले के बाद भले ही अरुणाचल और उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन
हटने से मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आई हो। इसके बावजूद देश में अब तक
विभिन्न राज्यों में किसी न किसी कारण 124 बार राष्ट्रपति शासन लागू किया
गया है, जिसमें कांग्रेस शासन में 96 बार अनुशंसा की गई। पूर्व
प्रधानमंत्री स्व. श्रीमती इंदिरागांधी द्वारा सबसे जयादा 50 बार
राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा करने का रिकार्ड आज भी कायम है।
केंद्र
में मोदी सरकार द्वारा इन दो साल के कार्यकाल के दौरान दिल्ली, अरुणाचल
प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों में राष्ट्रपति शासन लागू करने की संस्तुति की
गई और तीनों राज्यों में इस फैसले के खिलाफ यह मामला सुप्रीम कोर्ट
पहुंचा। इसमें हालांकि उत्तराखंड के बाद अरुणाचल प्रदेश में भी राष्ट्रपति
शासन लगाने की मोदी सरकार की अनुशंसाओं को झटका माना जा रहा है। जहां तक
राष्ट्रपति शासन का सामना करने वाले राज्यों का मामला है उसमें आजादी के
बाद अब तक राज्यों में 124 बार राष्ट्रपति शासन लगाने की नौबत आई है। जहां
तक कांग्रेस शासन में राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा करने का सवाल है उसमें 96
बार केंद्र की सत्ता में रहते हुए कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों की अनुशंसा
के बाद विभिन्न राज्यों में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ। इसमें पूर्व
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दो बार के शासन में बारी बारी से 35 और 15
यानि पूरे 50 बार राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा का रिकार्ड बनाया हुआ
है। आज वही कांग्रेस मोदी सरकार पर राष्ट्रपति शासन लगाकर भाजपा के लिये
राज्यों में सत्ता हड़पने का आरोप लगा रही है।
भारत
सरकार का नेतृत्व करते हुए आजाद भारत में सबसे पहले पंडित जवाहरलाल नेहरू
ने आठ बार अनुशंसा कर आठ बार राज्यों में राष्ट्रपति शासन लागू कराया। जबकि
लाल बहादुर शास्त्री ने सबसे कम एक बार किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन
लगाने की अनुशंसा की। इसके बाद प्रधानमंत्री बनी इंदिरा गांधी ने अपने
शासनकाल में 50, मोरारजी देसाई ने 16, चौधरी चरण सिंहने चार, राजीव गांधी
ने छह, वीपी सिंह ने दो, चन्द्र शेखर ने पांच, नरसिंहा राव ने 11, एचडी
देवगौडा ने एक, अटल बिहारी वाजपेयी ने पांच, मनमोहन सिंह ने 12 और नरेन्द्र
मोदी ने तीन बार राष्ट्रपति को ऐसी अनुशंसा की है।
मणिपुर में सबसे राष्ट्रपति शासन
भारत
में राष्ट्रपति शासन का सामना करने वाले प्रमुख राज्यों में सबसे ज्यादा
मणिपुर में दस बार राष्ट्रपति शासन लगा है। जबकि उत्तर प्रदेश और पंजाब
नौ-नौ बार राष्ट्रपति शासन के हालात झेलने में संयुक्त रूप से दूसरे पायदान
पर रहे। इनके अलावा इनके बाद बिहार में आठ बार, कर्नाटक, ओडिशा,पुडुचेरी व
जम्मू-कश्मीर में 6-6 बार, गोवा, गुजरात व केरल में 5-5, राजस्थान, असम,
नागालैंड व तमिलनाडु में 4-4 बार राष्ट्रपति शासन लागू हुआ है। इनके अलावा
मध्यप्रदेश, हरियाणा, झारखंड, आंध्र प्रदेश, मिजोरम, त्रिपुरा में तीन-तीन
बार तथा अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड व दिल्ली में एक-एक बार राष्ट्रपति शासन
के हालात बने हैं।
15July-2016
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें